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नाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, आरोपी को 7 साल की कैद और 50 हजार जुर्माना - हिमाचल प्रदेश

नाबालिग दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने युवक को 7 साल की सजा सुनाई है मामला 2014 में पंचरुखी चौकी में दर्ज हुआ था आरोपी को 50 हजार हर्जाना भी भरना होगा

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Published : Mar 7, 2019, 8:10 AM IST

धर्मशाला: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोष साबित होने पर अदालत ने 7 साल कैद की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष जज पोक्सो) की अदालत ने ये सजा सुनाई है.


मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि दुष्कर्म का यह मामला 14 अगस्त 2014 को पुलिस चौकी पंचरुखी में दर्ज हुआ था. नाबालिग लड़की के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी लड़की स्कूल में पेपर देने गई थी, लेकिन लौटकर नहीं आई. उन्होंने अपने स्तर पर उसकी तलाश शुरू की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली.


आखिरकार उन्हें सूचना मिली कि लड़की किसी औरत के घर पर है. इस पर पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंचकर पुलिस ने नाबालिग लड़की को औरत के घर के अंदर रखे बैड बॉक्स से बरामद किया. आरोप यह था कि औरत ने नाबालिग लड़की के परिजनों को आते देख उसे बैड बॉक्स में छुपा दिया था.

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इसी दौरान तफ्तीश के आधार पर यह सामने आया कि संजीव कुमार नाम के युवक ने इस नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया था और उस औरत ने युवक की मदद की थी. पुलिस चौकी पंचरुखी और पालमपुर थाना में तैनात पुलिस कर्मियों ने मामले में छानबीन की और विशेष जज व जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चालान पेश किया.


जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि आरोपी और युवती के डीएनए की भी जांच करवाई गई जिसमें कि दुष्कर्म की पुष्टि हुई. इसके अतिरिक्त अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 22 गवाहों को प्रस्तुत किया गया. गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोष सिद्ध होने पर 7 साल कैद की सजा सुनाई है. वहीं अदालत ने दोषी को 50 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं. इसमें से 20 हजार रुपए पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति हर्जाना देने के आदेश अदालत ने दिए हैं.

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धर्मशाला: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को दोष साबित होने पर अदालत ने 7 साल कैद की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष जज पोक्सो) की अदालत ने ये सजा सुनाई है.


मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि दुष्कर्म का यह मामला 14 अगस्त 2014 को पुलिस चौकी पंचरुखी में दर्ज हुआ था. नाबालिग लड़की के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी लड़की स्कूल में पेपर देने गई थी, लेकिन लौटकर नहीं आई. उन्होंने अपने स्तर पर उसकी तलाश शुरू की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली.


आखिरकार उन्हें सूचना मिली कि लड़की किसी औरत के घर पर है. इस पर पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंचकर पुलिस ने नाबालिग लड़की को औरत के घर के अंदर रखे बैड बॉक्स से बरामद किया. आरोप यह था कि औरत ने नाबालिग लड़की के परिजनों को आते देख उसे बैड बॉक्स में छुपा दिया था.

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इसी दौरान तफ्तीश के आधार पर यह सामने आया कि संजीव कुमार नाम के युवक ने इस नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया था और उस औरत ने युवक की मदद की थी. पुलिस चौकी पंचरुखी और पालमपुर थाना में तैनात पुलिस कर्मियों ने मामले में छानबीन की और विशेष जज व जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चालान पेश किया.


जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि आरोपी और युवती के डीएनए की भी जांच करवाई गई जिसमें कि दुष्कर्म की पुष्टि हुई. इसके अतिरिक्त अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 22 गवाहों को प्रस्तुत किया गया. गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोष सिद्ध होने पर 7 साल कैद की सजा सुनाई है. वहीं अदालत ने दोषी को 50 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं. इसमें से 20 हजार रुपए पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति हर्जाना देने के आदेश अदालत ने दिए हैं.

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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले युवक को 7 साल कि कैद।
धर्मशाला- नाबालिगा से दुष्कर्म के आरोपी को दोष सिद्ध होने पर अदालत ने 7 साल कैद की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष जज पोक्सो) की अदालत ने  यह सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने की। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि दुष्कर्म का यह मामला 14 अगस्त 2014 को पालमपुर थाना के तहत आती पुलिस चौकी पंचरुखी में दर्ज हुआ था। नाबालिग लडक़ी के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी लडक़ी स्कूल में पेपर देने गई थी लेकिन लौटकर नहीं आई। उन्होंने अपने स्तर पर उसकी तलाश शुरू की लेकिन वह कहीं नहीं मिली।

 आखिरकार उन्हें सूचना मिली कि लडक़ी किसी औरत के घर पर है। इसपर पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंचकर पुलिस ने नाबालिग लडक़ी को औरत के घर के अंदर रखे बैड बॉक्स से बरामद किया। आरोप यह था कि उक्त औरत ने नाबालिग लडक़ी के परिजनों को आते देख उसे बैड बॉक्स में छुपा दिया था। इसी दौरान तफ्तीश के आधार पर यह सामने आया कि संजीव कुमार नाम के युवक ने इस नाबालिग लडक़ी से दुष्कर्म किया था। इस कृत्य में उक्त औरत ने भी सहयोग दिया था। पुलिस चौकी पंचरुखी और पालमपुर थाना में तैनात पुलिस कर्मियों ने मामले में छानबीन की और विशेष जज व जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चालान पेश किया। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि आरोपी और युवती के डीएनए की भी जांच करवाई गई जिसमें कि दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके अतिरिक्त अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 22 गवाहों को प्रस्तुत किया गया। गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोष सिद्ध होने पर 7 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने दोषी को 50 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं। इसमें से 20 हजार रुपए पीडि़ता को बतौर क्षतिपूर्ति हर्जाना देने के आदेश अदालत ने दिए हैं।
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