हमीरपुर: भोरंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नाबार्ड के तहत करोड़ों की लागत से बन रहा निर्माणाधीन पुल का ढांचा ध्वस्त हो गया है. विभाग और प्रशासन का दावा है कि विभागीय जांच के दौरान निर्माण कार्य में तकनीकी खामियां पाए जाने पर पुल के निर्माणाधीन हिस्से के ढांचे को ठेकेदार के द्वारा ही गिराया गया है. बताया जा रहा है कि 4 दिन पहले लोक निर्माण विभाग हमीरपुर के अधीक्षण अभियंता ने अपनी टीम के साथ साइट का दौरा किया था. पुल के 25 मीटर लंबे स्पेन पर लेंटर डालने की तैयारी पूरी की जा चुकी थी लेकिन विभागीय जांच में एलाइनमेंट में गड़बड़ प्रतीत होने पर अधिकारियों ने इसे दुरुस्त करने के आदेश ठेकेदार को दिए थे.
बताया जा रहा है कि विभागीय निर्देशों के बाद जैसे ही शटरिंग खोली गई तो निर्माण के लिए लगाया गया तमाम ढांचा दो टुकड़ों में टूट गया. कोट-जाहू सड़क पर समेला खड्ड पर 2 करोड़ से अधिक की लागत से इस पुल का निर्माण किया जा रहा है. पूर्व की भाजपा सरकार में ही इस पुल के निर्माण के लिए टेंडर आवंटित किया गया था. 75 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण कार्य 3 फेस में पूरा किया जाएगा. जिसमें तीन स्पेन 25-25 मीटर के निर्मित होंगे. पुल के 25 मीटर हिस्से का निर्माण कार्य जारी था लेकिन विभागीय जांच में कमियां पाए जाने के बाद बुधवार को इसकी शटरिंग खोला गया. शटरिंग खोले जाने के दौरान ही निर्माण के लिए खड़े किए गए ढांचे के ध्वस्त होने की बात कही जा रही है. विभाग और प्रशासन पुल के ध्वस्त होने के दावे को नकार रहा है.
निरीक्षण में पाई गई थीं कमियां: लोक निर्माण विभाग हमीरपुर के अधीक्षण अभियंता विजय चौधरी का कहना है कि पुल ध्वस्त नहीं हुआ है बल्कि विभाग के निरीक्षण के बाद ठेकेदार ने इसमें सुधार करने के लिए ढांचे को गिराया है. उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान निर्माण में तकनीकी कमी प्रतीत हो रही थी जिसके बाद संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों को इसकी विस्तृत जांच के आदेश दिए थे. विभागीय निगरानी में ही पुल के निर्माण को नए सिरे से पूरा करने की प्रक्रिया जारी है.
पुल गिरा नहीं बल्कि ढांचे को गिराया गया: एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से इस मामले में रिपोर्ट ली गई है. विभाग के अधिकारियों ने 4 दिन पहले ही निर्माणाधीन पुल की साइट का निरीक्षण किया था. अधिकारियों के निर्देशों पर ही संबंधित ठेकेदार ने पुल के निर्माण की कमियों को दूर करने के लिए एवं नए सिरे से निर्माण करने के लिए ढांचे को गिराया है. उन्होंने कहा कि इससे तमाम प्रक्रिया में सरकार के राजस्व का कोई नुकसान नहीं है बल्कि संबंधित ठेकेदार इस कार्य को तय लागत में पूरा करेगा.
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