हमीरपुर: नॉन प्रैक्टिस अलाउंस बंद होने का प्रदेश भर में डॉक्टरों के साथ ही अब प्रशिक्षु डॉक्टरों ने भी विरोध शुरू कर दिया है. महाविद्यालय हमीरपुर में शिक्षक संघ और स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन ने इसको लेकर बैठक की. बैठक में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के मेडिकल स्टूडेंट और सीएसीए के पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक में सरकार द्वारा NPA बंद करने के निर्णय जो लिया गया है, उस पर चर्चा हुई.
NPA के बंद होने के निर्णय पर संघ ने जताया विरोध: सभी डॉक्टरों ने NPA के बंद होने के निर्णय पर विरोध जताया. बैठक में पदाधिकारियों ने यह तर्क दिया के हर परिस्थिति में डॉक्टरों को सेवाएं देनी पड़ती हैं. डॉक्टरों का काम जन सेवा से जुड़ा हुआ है. आपदा के समय भी डॉक्टर जान जोखिम में डालकर सेवाऐं देते हैं. चाहे कोविड 19 में हो चाहे कोई भी अन्य परिस्थिति हो और डॉक्टरों के दिन रात एक करके काम करने से स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में हिमाचल अग्रणी राज्यों में शुमार है. संघ का कहना है कि इस तरह के निर्णय से प्रदेश की जनता को दिक्कतों का सामना करना यह सकता है. क्योंकि इसके कारण डॉक्टरों का रुझान निजी प्रैक्टिस की ओर बढ़ेगा और जनता की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ेगा.
सोमवार से की जाएगी पेन डाउन स्ट्राइक: रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष शर्मा का कहना है कि सरकार का यह निर्णय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ नाइंसाफी है. एनपीए बंद करने के निर्णय का विरोध किया जा रहा है. सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया गया है, लेकिन सरकार के इस निर्णय से चिकित्सक वर्ग को खासा धक्का लगा है. उन्होंने कहा कि सोमवार तक काले बिल्ले लगाकर डॉक्टर सेवाएं देंगे और सोमवार से पेन डाउन स्ट्राइक की जाएगी.
हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने भी किया विरोध: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की सीएसीए प्रेसिडेंट प्रशिक्षु डॉक्टर का कहना है कि सरकार ने एनपीए को वापस लेने का निर्णय लिया है. मेडिकल स्टूडेंट का मनोबल बेहद कम हुआ है. सरकार के इस निर्णय से डॉक्टर निजी क्षेत्रों में प्रैक्टिस करने के लिए प्रेरित होंगे और पिछड़े और दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा की दिक्कत पेश आएगी. वही उना में भी नॉन प्रैक्टिस अलाउंस बंद किए जाने के विरोध में हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने विरोध का बिगुल बजा दिया है.
शनिवार को जिला मुख्यालय के रीजनल अस्पताल में हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव डॉक्टर पीयूष नंदा की अगुवाई में तमाम चिकित्सकों ने काली पट्टियां बांध कर सरकार के फैसले पर विरोध दर्ज करवाया. जबकि कॉन्फ्रेंस हॉल में एकत्रित होकर सरकार के फैसले पर मंत्रणा कर आगामी रणनीति भी तय की. चिकित्सकों का कहना है कि सरकार को इस मसले पर एक बार फिर विचार करना चाहिए.
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के जिला महासचिव डॉ पीयूष नंदा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से सरकारी चिकित्सकों की सेवाएं प्रभावित होंगी और उसका सीधा सीधा असर अस्पतालों में आने वाले मरीजों पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एनपीए बंद होने से सरकारी चिकित्सक निजी तौर पर प्रैक्टिस शुरू करेंगे और अस्पतालों में मरीजों को उचित समय नहीं मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से मरीजों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
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