हमीरपुर: संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं. प्रदेश भर में इस विषय को लेकर हो हल्ला हो रहा है. हमीरपुर जिला में भी टैक्सी ऑपरेटर ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में तय की गई जुर्माना राशि का कड़ा विरोध किया है.
टैक्सी संचालकों के मुताबिक कोरोना काल में टैक्सी मालिकों और कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का पहले से ही सामना करना पड़ रहा है. अब नए जुर्माना दरों के आने से इनकी परेशानी और भी बढ़ गई है. टैक्सी ऑपरेटर सुदर्शन का कहना है कि विदेशों की तर्ज पर मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन तो कर दिए गए हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो सड़कें उस तरह के नहीं हैं. यहां पर इस तरह के प्रावधानों और नियमों का पालन बेहद मुश्किल है. ऐसे में इसमें राहत मिलनी चाहिए.
टैक्सी संचालकों ने कहा कि ऑल इंडिया परमिट की फीस सरकार की तरफ से ₹26 हजार कर दी गई है जो कि टैक्सी ऑपरेटरों के साथ अन्याय है. सरकार की नीतियों से ऐसा लग रहा है कि वो उनका धंधा बंद करना चाहती है. टैक्सी ऑपरेटर चक्रवर्ती का कहना है कि नियम कायदे तो जरूरी हैं, लेकिन जुर्माने की राशि बेहद अधिक है जो कि सही नहीं है. सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए.
टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि नए मोटर वाहन नियम वाहन चालक कैसे पूरा करेंगे. टैक्सी ऑपरेटरों ने कर्ज लेकर टैक्सियां डाली हैं. अगर इस तरह के जुर्माना राशि उनसे वसूली गई, तो टैक्सी ऑपरेटर जल्द ही सड़कों पर नजर आएंगे. इसलिए प्रदेश सरकार को नए मोटर वाहन अधिनियम की अधिसूचना में संशोधन करना चाहिए. प्रदेश सरकार को पहले सड़कों की हालत ठीक करनी चाहिए, उसके उपरांत ही भारी भरकम जुर्माने की अधिसूचना जारी करनी चाहिए.
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