हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सुनील शर्मा ने सरकारी कर्मचारियों के हितों के लिए ओल्ड पेंशन योजना के मुद्दे के पक्ष में सरकार को गंभीरता से विचार करने की नसीहत दी है. सुनील शर्मा ने कहा की सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन योजना और NPS योजना दोनों में से किसी एक को अपनी इच्छा के अनुसार चुनने का अधिकार होना चाहिए.
सुनील शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार पढ़े लिखे युवा नौजवानों को सरकारी रोजगार देने में पूरी तरह से असफल हो चुकी है और अगर पेंशन की सुरक्षा को भी सही रूप से परिभाषित नहीं किया गया, तो सेवानिवृत्त होने के बाद कर्माचरी किस तरह अपना जीवन यापन करेंगे.
ओल्ड पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने पर एक सुनिश्चित धनराशि की सुरक्षा मिलती थी. समय के अनुसार सेवानिवृत्त लोगों को महंगाई भत्ता भी मिलता था. ओल्ड पेंशन योजना को खत्म करके एनपीएस योजना को लागू किया गया है, जिसमें महंगाई भत्ते का कोई भी प्रावधान नहीं है.
सुनील शर्मा का कहना कि ओल्ड पेंशन योजना के साथ सरकारी कर्मचारियों को जीपीएफ की सुविधा भी मिलती थी, जोकि अब खत्म कर दी गई है और यह बहुत ही गहरी चिंता का विषय है.
एनपीएस योजना के तहत सरकार में सेवाएं दे रहे कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अपने जीवन की गुजर-बसर को सुरक्षित महसूस ना करते हुए मानसिक यातना को झेल रहे हैं. एनपीएस में उनकी तनख्वाह का 10% कटौती का हिस्सा ही उनके लाभ के रूप में रिटायरमेंट के बाद मिलेगा, जिसमें महंगाई को पूर्णतया नजरअंदाज कर दिया गया है.
एनपीएस में महंगाई भत्ते का कोई भी प्रावधान नहीं है, जोकि सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बहुत ही चिंता का विषय बना हुआ है. उन्होंने कहा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखना सरकार की जिम्मेदारी है. सुनील शर्मा ने वर्तमान सरकार से सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में आवाज उठाई है और कहा है कि सरकार को गंभीरता पूर्वक ओल्ड पेंशन योजना को लागू करने के बारे में सोचना चाहिए.
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