हमीरपुर: बिलासपुर जिला के बरोटा गांव के रवि धीमान अपने अनूठे हुनर के लिए जाने जाते हैं. उनका यह हुनर मूर्तिकला और शिल्पकला का बेजोड़ नमूना है. लकड़ी पर कार्विंग के जरिए रवि पिछले 10 साल से लगातार 3D स्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं. उनके द्वारा तैयार आकृतियों को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. अब तक उन्होंने देश के कई महान हस्तियों की लड़की पर नक्काशी करके 3डी मूर्ति बनाई है.
दादा से रवि ने सीखा मूर्तिकला का हुनर: आरा मशीन के माध्यम से अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले रवि धीमान बचपन से ही कला प्रेमी रहें है. 12 साल की उम्र से ही उन्होंने अपने दादा की देखरेख में यह कार्य शुरू कर दिया था. साल 2014 से वह लगातार इस कार्य में जुटे हुए हैं. अब तक रवि देश के कई महान हस्तियों की 3D आकृति तैयार कर चुके हैं. अपने इस कार्य के प्रति रवि में इतना जुनून है कि वह दिन-रात उसी में लगे रहते हैं.
रवि की कला को कई मंचों पर सराहा गया: को देख लोग आरा मशीन में बची हुई लकड़ी का इस्तेमाल रवि धीमान अपनी कला के प्रदर्शन के लिए कर रहे हैं. नक्काशी के जरिए रवि ऐसी आकृति तैयार करते हैं, लगता है मानों यह मूर्ति कुछ ही क्षणों में बोल उठेंगी. रवि ने अपने इस कार्य को एक मिशन की तरह लिया है. उनकी माने तो वह सिर्फ आकृति तैयार करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वह थीम बेस्ड एनवायरमेंट तैयार करना चाहते हैं. ताकि वह अपनी शब्दों को कलाकृतियों के माध्यम से बयां कर सकें. उनके इस कार्य को कई मंचों पर सराहा जा चुका है. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी रवि धीमान की कलाकृति की प्रशंसा कर कर चुके हैं.
मूर्तिकला को बढ़ावा देने की मांग: बरोटा गांव निवासी रवि धीमान ने बताया बचपन से ही उन्हें चित्रकला से प्रेम था. इसी प्रेम को अमलीजामा पहनाने के लिए रवि ने लकड़ी पर 3डी आकृति बनाने की कला को अपना हूनर बना लिया. आज इसी हुनर के चलते रवि धीमान अपना व्यवसाय भी कर रहे हैं, लेकिन रवि धीमान की लोगों तक पहुंच कम होने के कारण, अपना कला को ख्याति नहीं दिला सके. धीमान ने बताया कि लकड़ी पर चित्र बनाने की कला भारत में बहुत कम है, लेकिन बाहरी देशों में इस कला को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है. वहीं, भारत में यह कला धीरे-धीरे समाप्ति के कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में सरकार इस पौराणिक कला को बढ़ावा दे, तो आने वाली पीढ़ी इस कला से अपने लिए अच्छी आमदनी कमा सकती है.
रवि लकड़ी पर 3D आकृति बनाने में माहिर: रवि धीमान ने बताया लकड़ी पर 3डी आकृति बनाने के लिए कड़ी मेहनत की जाती है. 20 से 25 दिनों में एक 3डी आकृति तैयार होती है. जिसकी कीमत 20 से 25 हजार रुपये के बीच में है. 3डी आकृति बनाने के लिए लकड़ी के टुकडे की 15 इंच चौड़ाई , 22 इंच से 24 इंच तक लंबाई होती है, जिस पर 3डी आकृति बनती है.
कई हस्तियों की 3D मूर्ति: रवि धीमान ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर शहीद भगत सिंह, रविंद्र नाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, पहाड़ी गांधी काशी, डॉ. भीमराव आंबेडकर के अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की भी एक 3डी आकृति बनाई थी. जिसे अनुराग सिंह ठाकुर को भेंट किया है. मौजूदा समय में रवि ने हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की भी एक 3डी आकृति बनाई है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा की 3डी आकृति बनाने का काम किया जा रहा है. रवि ने बताया धीरे-धीरे लोगों में उनकी पहचान तो बन रही है, लेकिन आर्थिक रूप से किसी तरह की सरकार की ओर से मदद न होने के कारण उनकी हालात खराब हैं. वह इस कला को देश और प्रदेश को दिखाना चाहते हैं. क्योंकि इस तरह की कला के बहुत ही कम कलाकार बचे हैं.
रवि की कला को बढ़ावा देने की मांग: स्थानीय निवासी मिलाप चंद ने कहा रवि धीमान के पूर्वज लकड़ी पर नक्काशी करने का काम करते थे. उन्हीं से रवि धीमान ने यह कला सीखा और महारत हासिल की है. रवि धीमान की इस कला को आगे पहुंचने का मौका नहीं मिला है. उन्होंने सरकार से रवि धीमान की इस कला को मंच प्रदान करने की मांग की है. ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस कला को अपनाकर अपना रोजगार सुनिश्चित कर सकें. वहीं, रवि के बेटे सूर्यांश धीमान ने बताया वह अपने पिता से इस कला को सीख रहे हैं. उनके पिता जब लकड़ी पर इस तरह की चित्रकारी करते हैं तो, उनके कामकाज में वह हाथ बंटाने का काम करते हैं.
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