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बड़सर की सड़कों पर झुके पेड़ दे रहे हादसों को न्योता, वन विभाग कर्मी मामले से अंजान

बड़सर के सड़क पर चीड़ के पेड़ों के घनत्व की दृष्टि से बिझड़ी, चकमोह, महारल,रैली जजरी, सोहारी, गारली व अन्य क्षेत्र भरे पड़े हैं. लेकिन यहा सड़क पर सफर करना खतरों से खाली नही है. बता दे कि बड़सर के सड़कों के किनारे लगे दर्जनों पेड़ झुके हुए है, जिससे यह रास्ता राहगिरों के लिए खतरा बना हुआ है. लोगों ने लटके पेड़ों को हटाने हेतु वन विभाग को कार्रवाई के आदेश देने की अपील की है.

Pine trees can cause accidents for drivers on the roads.
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Published : Mar 25, 2021, 1:46 PM IST

बड़सर : उपमण्डल बड़सर के अंतर्गत सड़कों पर सफ़र करना कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है. चीड़ के पेड़ों के घनत्व की दृष्टि से बिझड़ी ,चकमोह, महारल,रैली जजरी,सोहारी, गारली व अन्य क्षेत्र भरे पड़े हैं, लेकिन यही चीड़ के पेड़ उपमण्डल की सड़कों पर झुककर राहगीरों व वाहन चालकों के लिए कभी भी हादसों का कारण बन सकते हैं.

सड़कों के किनारे ऐसे दर्जनों पेड़ झुके हुए साफ देखे जा सकते हैं. जरा सी हवा या तूफान के कारण पेड़ गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन न जाने क्या कारण है कि न तो प्रसाशन और न ही सम्बन्धित विभाग इस गम्भीर मसले पर ध्यान नहीं देता है. विभागीय अधिकारियों के ध्यान में मामला लाये जाने पर बताया जाता है कि हमें इसकी जानकारी नहीं है. अब सवाल ये है कि अगर किसी व्यक्ति या वाहन के साथ कोई बड़ा हादसा घट जाता है तो जिम्मेदार कौन होगा.

चीड़ का पेड़ बना राहगीरों के लिए खतरा

यूं तो सलोनी से दियोटसिद्ध, बिझड़ी से मैहरे, बिझड़ी से घोडीधबीरी और बिझड़ी से धंगोटा आदि सड़कों पर दर्जनों पेड़ लटके पड़े हैं, लेकिन कलवाल से रैली सड़क पर एक चीड़ का पेड़ राहगीरों के लिए बुरी तरह से खतरा बना हुआ है. राहगीर या पशु पर गिरकर जान-माल का भारी नुकसान कर सकता है. स्थानीय लोगों प्रदीप, सुभाष, राज कुमार, कुलवंत, संजय आदि ने जिला वन अधिकारी से इस पेड़ को गिराने तथा बाकी सड़कों पर भी लटके पेड़ों को हटाने हेतु वन विभाग को कार्यवाही के आदेश देने की अपील की है.

वन विभाग को नही थी मामलें की खबर

इस संदर्भ में कार्यवाहक आर ओ बिझड़ी राजकुमार का कहना है कि हमारे ध्यान में ऐसा मामला नहीं है. लेकिन फिर भी वन विभाग वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर झुके पेड़ों को हटाने के लिए आगामी कार्रवाई करेगा.

ये भी पढ़े:- किन्नर कैलाश यात्रा पर प्रतिबंध, पर्यटकों के जाने पर भी मनाही

बड़सर : उपमण्डल बड़सर के अंतर्गत सड़कों पर सफ़र करना कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है. चीड़ के पेड़ों के घनत्व की दृष्टि से बिझड़ी ,चकमोह, महारल,रैली जजरी,सोहारी, गारली व अन्य क्षेत्र भरे पड़े हैं, लेकिन यही चीड़ के पेड़ उपमण्डल की सड़कों पर झुककर राहगीरों व वाहन चालकों के लिए कभी भी हादसों का कारण बन सकते हैं.

सड़कों के किनारे ऐसे दर्जनों पेड़ झुके हुए साफ देखे जा सकते हैं. जरा सी हवा या तूफान के कारण पेड़ गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन न जाने क्या कारण है कि न तो प्रसाशन और न ही सम्बन्धित विभाग इस गम्भीर मसले पर ध्यान नहीं देता है. विभागीय अधिकारियों के ध्यान में मामला लाये जाने पर बताया जाता है कि हमें इसकी जानकारी नहीं है. अब सवाल ये है कि अगर किसी व्यक्ति या वाहन के साथ कोई बड़ा हादसा घट जाता है तो जिम्मेदार कौन होगा.

चीड़ का पेड़ बना राहगीरों के लिए खतरा

यूं तो सलोनी से दियोटसिद्ध, बिझड़ी से मैहरे, बिझड़ी से घोडीधबीरी और बिझड़ी से धंगोटा आदि सड़कों पर दर्जनों पेड़ लटके पड़े हैं, लेकिन कलवाल से रैली सड़क पर एक चीड़ का पेड़ राहगीरों के लिए बुरी तरह से खतरा बना हुआ है. राहगीर या पशु पर गिरकर जान-माल का भारी नुकसान कर सकता है. स्थानीय लोगों प्रदीप, सुभाष, राज कुमार, कुलवंत, संजय आदि ने जिला वन अधिकारी से इस पेड़ को गिराने तथा बाकी सड़कों पर भी लटके पेड़ों को हटाने हेतु वन विभाग को कार्यवाही के आदेश देने की अपील की है.

वन विभाग को नही थी मामलें की खबर

इस संदर्भ में कार्यवाहक आर ओ बिझड़ी राजकुमार का कहना है कि हमारे ध्यान में ऐसा मामला नहीं है. लेकिन फिर भी वन विभाग वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर झुके पेड़ों को हटाने के लिए आगामी कार्रवाई करेगा.

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