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ऑनलाइन स्टडी का आइडिया फेल, स्मार्टफोन और इंटरनेट ने बढ़ाई बच्चों की मुसीबत

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Published : Jun 14, 2020, 8:03 PM IST

वैश्विक कोरोना महामारी ने समाज के हर वर्ग पर अपना असर डाला है. इससे शिक्षण संस्थान भी अछूते नहीं हैं. देशभर के सभी स्कूल-कॉलेजों में बीते करीब तीन महीने से ताला लटका है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पर इसका बूरा असर पड़ रहा है. सरकारों ने ऑनलाइन क्लास का आइडिया तो खोजा लेकिन हिमाचल में इंटरनेट कनेक्टिविटी और संसाधनों की कमी जैसी तमाम मुश्किलें बच्चों की ऑनलाइन स्टडी में रूकावट बन रही हैं.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

हमीरपुर: वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश सरकार ने छात्रों के लिए ऑनलाइन स्टडी शुरू की है ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते स्टूडेंटस को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

करीब तीन महीने से प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में ताला लटका हुआ है. ऐसे हालात में सरकार ने ऑनलाइन क्लास का आइडिया तो खोजा लेकिन हिमाचल में इंटरनेट कनेक्टिविटी और संसाधनों की कमी जैसी तमाम मुश्किलें बच्चों की ऑनलाइन स्टडी में रूकावट बन रही हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

प्रदेश में बाहरी राज्यों के कई गरीब परिवार भी रहते हैं, जिनके बच्चों ने प्रदेश के स्कूलों में ही एडमिशन ले रखा है. अभिभावक दिहाड़ीदार हैं ऐसे में स्मार्ट फोन किसी लग्जरी से कम नहीं है. ऐसे सो कुछ परिवारों के पास या तो स्मार्ट फोन नहीं है और अगर है तो एक फोन पर परिवार के सब बच्चे पढ़ते हैं.

अभिभावक बच्चों को महंगे स्मार्ट फोन खरीदने में असमर्थ हैं. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए अभिभावकों ने सस्ते फोन खरीदे हैं. फोन की स्क्रीन छोटी होने के चलते छात्र अपनी असाइनमेंट को अच्छे से पूरा नहीं कर पा रहे.

वहीं, प्रदेश के कॉलेजों में हायर स्टडी कर रहे छात्रों को भी ऑनलाइन स्टडी में दिक्कतें आ रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी न होना है. ऐसे में शिक्षा विभाग का वीडियो कॉलिंग के जरिए ऑनलाइन क्लासेज का आइडिया फेल साबित हो रहा. अब वक्त पर सिलेबस ना होने का डर भी छात्रों को सता रहा है.

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बताया कि ऑनलाइन स्टडी में संसाधनों की कमी है, लेकिन प्रशासन और सरकार प्रयास कर रही है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

हमीरपुर: वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश सरकार ने छात्रों के लिए ऑनलाइन स्टडी शुरू की है ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते स्टूडेंटस को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

करीब तीन महीने से प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में ताला लटका हुआ है. ऐसे हालात में सरकार ने ऑनलाइन क्लास का आइडिया तो खोजा लेकिन हिमाचल में इंटरनेट कनेक्टिविटी और संसाधनों की कमी जैसी तमाम मुश्किलें बच्चों की ऑनलाइन स्टडी में रूकावट बन रही हैं.

स्पेशल रिपोर्ट

प्रदेश में बाहरी राज्यों के कई गरीब परिवार भी रहते हैं, जिनके बच्चों ने प्रदेश के स्कूलों में ही एडमिशन ले रखा है. अभिभावक दिहाड़ीदार हैं ऐसे में स्मार्ट फोन किसी लग्जरी से कम नहीं है. ऐसे सो कुछ परिवारों के पास या तो स्मार्ट फोन नहीं है और अगर है तो एक फोन पर परिवार के सब बच्चे पढ़ते हैं.

अभिभावक बच्चों को महंगे स्मार्ट फोन खरीदने में असमर्थ हैं. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए अभिभावकों ने सस्ते फोन खरीदे हैं. फोन की स्क्रीन छोटी होने के चलते छात्र अपनी असाइनमेंट को अच्छे से पूरा नहीं कर पा रहे.

वहीं, प्रदेश के कॉलेजों में हायर स्टडी कर रहे छात्रों को भी ऑनलाइन स्टडी में दिक्कतें आ रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी न होना है. ऐसे में शिक्षा विभाग का वीडियो कॉलिंग के जरिए ऑनलाइन क्लासेज का आइडिया फेल साबित हो रहा. अब वक्त पर सिलेबस ना होने का डर भी छात्रों को सता रहा है.

डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बताया कि ऑनलाइन स्टडी में संसाधनों की कमी है, लेकिन प्रशासन और सरकार प्रयास कर रही है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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