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HPTU के फरमान से बी-फार्मेसी कर रहे सैकड़ों स्टूडेंट के कैरियर पर संकट, छात्रों ने दिया धरना - तकनीकी यूनिवर्सिटी छात्रों का धरना हमीरपुर

विश्वविद्यालय के फरमान के विरोध में सोमवार को विभिन्न कॉलेजों में फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय कैंपस में धरना दिया. छात्रों ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि वह फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से इस मामले में बातचीत कर उन्हें राहत प्रदान करें

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Published : Sep 2, 2019, 6:55 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के फरमान से प्रदेश भर के विभिन्न कॉलेजों में बी फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर संकट छा गया है. पिछले दिनों तकनीकी विश्वविद्यालय ने आदेश जारी किए करते हुए कहा था कि जिन छात्रों की प्रथम और द्वितीय सत्र में किसी विषय में भी एग्जाम क्लियर नहीं है, उन्हें पांचवें सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा.

विश्वविद्यालय के फरमान के विरोध में सोमवार को विभिन्न कॉलेजों में फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय कैंपस में धरना दिया. छात्रों ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि वह फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से इस मामले में बातचीत कर उन्हें राहत प्रदान करें. वहीं, छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांग न मानी गई तो वह आंदोलन करने को भी विवश होंगे.

बता दें कि तकनीकी विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को आदेश जारी किए हैं कि जिन छात्रों की प्रथम और द्वितीय सत्र में किसी विषय में एग्जाम क्लियर नहीं है उन्हें पांचवें सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा. सप्लीमेंट्री एग्जाम को क्लियर करने के बाद ही अगले सत्र में दाखिला मिलेगा. इससे इन छात्रों का एक साल बर्बाद हो रहा है.

छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने दाखिले के समय इस तरह की कोई सूचना उन्हें नहीं दी और अब एकाएक इस तरह के फरमान जारी कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया है कि विवि इस मामले में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में पैरवी कर उन्हें राहत दे.

हालांकि इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का तर्क है कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार ही आदेश जारी किए गए हैं.

वीडियो

ये पढ़ें: सब जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप का उद्घाटन करने पहुंचे धूमल, कहा- संघर्षों के लिए तैयार करता है खेल का मैदान

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के फरमान से प्रदेश भर के विभिन्न कॉलेजों में बी फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर संकट छा गया है. पिछले दिनों तकनीकी विश्वविद्यालय ने आदेश जारी किए करते हुए कहा था कि जिन छात्रों की प्रथम और द्वितीय सत्र में किसी विषय में भी एग्जाम क्लियर नहीं है, उन्हें पांचवें सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा.

विश्वविद्यालय के फरमान के विरोध में सोमवार को विभिन्न कॉलेजों में फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय कैंपस में धरना दिया. छात्रों ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि वह फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से इस मामले में बातचीत कर उन्हें राहत प्रदान करें. वहीं, छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांग न मानी गई तो वह आंदोलन करने को भी विवश होंगे.

बता दें कि तकनीकी विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को आदेश जारी किए हैं कि जिन छात्रों की प्रथम और द्वितीय सत्र में किसी विषय में एग्जाम क्लियर नहीं है उन्हें पांचवें सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा. सप्लीमेंट्री एग्जाम को क्लियर करने के बाद ही अगले सत्र में दाखिला मिलेगा. इससे इन छात्रों का एक साल बर्बाद हो रहा है.

छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने दाखिले के समय इस तरह की कोई सूचना उन्हें नहीं दी और अब एकाएक इस तरह के फरमान जारी कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया है कि विवि इस मामले में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया में पैरवी कर उन्हें राहत दे.

हालांकि इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का तर्क है कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार ही आदेश जारी किए गए हैं.

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Intro:एचपीटीयू के फरमान से बी फार्मेसी कर रहे सैकड़ों स्टूडेंट के कैरियर पर संकट, आक्रोशित छात्रों ने दिया धरना
हमीरपुर.
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के फरमान से प्रदेश भर में विभिन्न कॉलेजों में बी फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे सैकड़ों विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट छा गया है. विश्वविद्यालय के फरमान के विरोध में सोमवार को विभिन्न कॉलेजों में फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय कैंपस में धरना दिया। विद्यार्थियों ने इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग उठाई है कि वह फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से इस मामले में बातचीत कर उन्हें राहत प्रदान करें विद्यार्थियों ने चेताया है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांग न मानी गई तो वह आंदोलन करने को भी विवश होंगे।
बता दें कि पिछले दिनों तकनीकी विश्वविद्यालय ने विभिन्न कॉलेजों को आदेश जारी किए हैं कि जिन छात्रों की प्रथम और द्वितीय सत्र में किसी विषय में एग्जाम क्लियर नहीं है तो उन्हें पांचवें सेमेस्टर में दाखिला नहीं दिया जाएगा। सप्लीमेंट्री एग्जाम को क्लियर करने के बाद ही आगामी सत्र में दाखिला मिलेगा। इससे इन छात्रों का 1 साल बर्बाद हो रहा है। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने दाखिले के वक्त इस तरह की कोई सूचना उन्हें नहीं दी और अब एकाएक ही इस तरह के प्रमाण जारी कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है हालांकि इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का तर्क है कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार ही आदेश जारी किए गए हैं। लेकिन सवाल तो यह उठ रहा है कि यदि पीसीआई के यह निर्देश है तो इस बारे में दाखिले के वक्त विद्यार्थियों को क्यों सूचित नहीं किया गया इसे लेकर ही लगातार विद्यार्थी सवाल उठा रहे हैं।

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छात्र अनंत विजय सूर्य भारत का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी मांगना मानी गई तो वह आंदोलन करने को विवश होंगे उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन थे इस मामले में विद्यार्थियों की पैरवी फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से करने की मांग रखी गई है।

निजी कॉलेज की छात्रा स्वाति का कहना है कि विश्वविद्यालय के इस फैसले के कारण छात्रों को आत्महत्या करने को भी मजबूर होना पड़ सकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बारे में छात्रों को दाखिले के वक्त ही सूचित करना चाहिए ताकि विद्यार्थी उसी हिसाब से तैयारी कर सकें।




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