हमीरपुरः कोरोना महामारी के चलते लागू कर्फ्यू के कारण रोजी-रोटी का संकट होने पर हमीरपुर जिला में आत्महत्या का प्रयास करने वाले मजदूर के परिवार के लिए मदद के हाथ लोगों ने बढ़ाए हैं.
ईटीवी भारत ने कर्फ्यू में आर्थिक तंगी के कारण खौफनाक कदम उठाने वाले मजदूर सतीश की पत्नी फूल कुमारी की आवाज को लोगों और सरकार तक पहुंचाया था. जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और लोगों ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं हैं.
जिला प्रशासन ने भी अब इस मामले में बाहरी राज्य के मजदूरों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली है. राशन का बड़ा पैकेज बनाकर इन्हें घरों में ही जिला प्रशासन उपलब्ध करवाएगा.
आपको बता दें कि 10 हजार के करीब बाहरी राज्यों के मजदूरों के लोग अपने परिवारों के साथ हमीरपुर जिला में इस वक्त मौजूद हैं. इन परिवारों की रोजी-रोटी का साधन सिर्फ और सिर्फ दिहाड़ी मजदूरी है, जोकि आपात स्थिति में अब बंद हो चुकी हैं. जिस वजह से कर्फ्यू के कारण इनकी रोजी-रोटी पर संकट छा गया है, लेकिन अब जिला प्रशासन के संज्ञान लेने से यह संकट टलने की संभावना जग गई है.
डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि बाहरी राज्यों के कई परिवार हमीरपुर जिला में फस गए हैं. कर्फ्यू के कारण यहां घर वापस नहीं जा सके हैं. इनके रोजी रोटी का भी कोई साधन कर्फ्यू के कारण नहीं बन पा रहा है. इन 10000 के करीब परिवारों के लिए राशन का प्रबंध जिला प्रशासन कर रहा है.
जिला प्रशासन ने लक्ष्य रखा है कि 28 मार्च शाम तक इन सभी परिवारों तक राशन पहुंच जाए इसके लिए जिला प्रशासन ने कार्य योजना तैयार कर ली है. राशन के बड़े पैकेज बनाकर इन जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाए जाएंगे. घर द्वार चावल आटा दाल तेल इत्यादि इस पैकेज में गरीब परिवारों तक पहुंचाया जाएगा.
इस कार्य के लिए जिला प्रशासन बाबा बालक नाथ ट्रस्ट की भी मदद ले रहा है. ट्रस्ट के माध्यम से 300 पैकेट शुक्रवार को जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाए गए हैं, जोकि जरूरतमंदों को वितरित किए गए हैं.
जबकि आगामी दिनों तक 3 हजार पैकेट जरूरतमंदों को वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है. बता दें कि यह खर्च प्रति पैकेट 800 रुपये आ रहा है. जिसको रेड क्रॉस सोसायटी और मंदिर ट्रस्ट वहन करेगा.
पढे़ंः VIRAL VIDEO: हैड कॉन्स्टेबल मनोज ठाकुर को वीडियो बनाना पड़ा महंगा, हुए सस्पेंड