हमीरपुरः मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में जीते जी इलाज की सुविधा तो दूर मौत के बाद भी पोस्टमार्टम के लिए शवों को टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है. बीते दिन जिला मुख्यालय हमीरपुर से सटे झनियारा गांव में एक प्रवासी परिवार की बेटी ने आत्महत्या कर ली.
परिवार ने बेटी को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर लाया, लेकिन प्रबंधन ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट के छुट्टी पर होने का तर्क देकर शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज ले जाने फरमान जारी कर दिया, लेकिन गरीब परिवार के पास मृतिका बेटी के शव को टांडा मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए गाड़ी का किराया तक नहीं था और ऐसे में अस्पताल की ओर से उन्हें कोई सहयोग नहीं दिया गया. इसके बाद थक-हार कर परिजन डीसी के दरबार में जा पहुंचा और मदद की गुहार लगाई.
सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर सिंह ठाकुर ने बताया कि पीड़ित परिवार के पास पैसे नहीं है जिस वजह से वह डीसी के समक्ष इनकी समस्या लेकर आए हैं. पीड़ित परिवार की बेटी की ओर से आत्महत्या किए जाने का मामला है. उसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर लाया गया, लेकिन यहां से सब को पोस्टमार्टम के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज ले जाने की बात कही जा रही है. प्रभावित परिवार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह गाड़ी का प्रबंध कर सकें.
मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके अग्निहोत्री से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह कथित तौर पर लड़की के सुसाइड का मामला है. ऐसे में फॉरेंसिक एक्सपर्ट पोस्टमार्टम टीम में होना जरूरी है. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का फॉरेंसिक एक्सपर्ट छुट्टी पर है. इस वजह से शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा ले जाने के लिए कहा गया है.
वहीं, डीसी हमीरपुर देवा श्वेता बानिक ने कहा कि परिजनों ने उनसे मुलाकात की है. उनकी हर संभव मदद की जाएगी. इस बारे में एसडीएम को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
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