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चैत्र मास मेला: बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व, भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र कार्तिकेय का माने जाते हैं अवतार - भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय के अवतार

चैत्र मास मेलों के चलते बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. इन मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व रहता है. मंदिर में एक महीने तक ये मेले चलते हैं.

बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास मेला
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Published : Mar 31, 2019, 11:22 AM IST

हमीरपुर: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में इन दिनों चैत्र मास मेले लगे हैं. हर दिन बाबा के दरबार में लाखों श्रद्धालुओं दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. इन मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व रहता है.

devotees in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु

बाबा बालक नाथ को भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय का अवतार माना गया है. जहां एक और भगवान शिव को सावन महीना प्रिय है. वहीं, भगवान कार्तिकेय को चैत्र माह बेहद प्रिय है. यही कारण है कि चैत्र मास में उत्तरी भारत के सिद्ध पीठ में 1 महीने तक मेले चलते हैं और लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को दरबार में हाजिरी भरते हैं.
devotees in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील दत्त ने कहा कि चैत्र मास बाबा बालक नाथ को उसी तरह से प्रिय है जिस तरह से भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है. यही कारण है कि चैत्र मास मेलो में लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को मंदिर में पहुंचते हैं.
बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास मेले
हिमाचल के अलावा भारी राज्य से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को दरबार में हाजिरी भरते हैं. हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा श्रद्धा के रूप में श्रद्धालु अर्पित करते हैं.
devottes in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु

पुजारी सुनील दत्त ने कहा कि बाबा बालक नाथ के प्रति श्रद्धालुओं की प्रगाढ़ आस्था सदियों से बनी हुई है और सदियों से इन मेलों का भी आयोजन किया जा रहा है. शाहतलाई से ही दंडवत प्रणाम करते हुए श्रद्धालु बाबा जी की गुफा तक पहुंचते हैं. मान्यता पूरी होने पर कई लोग इसी तरह से दंडवत होकर सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर बाबा बालक नाथ के दरबार में हर दिन पहुंचते हैं. हर साल दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और चढ़ाव की राशि में बढ़ोतरी हो रही है.
devotees in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु

हमीरपुर: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में इन दिनों चैत्र मास मेले लगे हैं. हर दिन बाबा के दरबार में लाखों श्रद्धालुओं दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. इन मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व रहता है.

devotees in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु

बाबा बालक नाथ को भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय का अवतार माना गया है. जहां एक और भगवान शिव को सावन महीना प्रिय है. वहीं, भगवान कार्तिकेय को चैत्र माह बेहद प्रिय है. यही कारण है कि चैत्र मास में उत्तरी भारत के सिद्ध पीठ में 1 महीने तक मेले चलते हैं और लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को दरबार में हाजिरी भरते हैं.
devotees in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील दत्त ने कहा कि चैत्र मास बाबा बालक नाथ को उसी तरह से प्रिय है जिस तरह से भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है. यही कारण है कि चैत्र मास मेलो में लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को मंदिर में पहुंचते हैं.
बाबा बालक नाथ मंदिर में चैत्र मास मेले
हिमाचल के अलावा भारी राज्य से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को दरबार में हाजिरी भरते हैं. हर साल करोड़ों रुपये का चढ़ावा श्रद्धा के रूप में श्रद्धालु अर्पित करते हैं.
devottes in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु

पुजारी सुनील दत्त ने कहा कि बाबा बालक नाथ के प्रति श्रद्धालुओं की प्रगाढ़ आस्था सदियों से बनी हुई है और सदियों से इन मेलों का भी आयोजन किया जा रहा है. शाहतलाई से ही दंडवत प्रणाम करते हुए श्रद्धालु बाबा जी की गुफा तक पहुंचते हैं. मान्यता पूरी होने पर कई लोग इसी तरह से दंडवत होकर सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर बाबा बालक नाथ के दरबार में हर दिन पहुंचते हैं. हर साल दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और चढ़ाव की राशि में बढ़ोतरी हो रही है.
devotees in baba balak nath temple
बाबा बालक नाथ मंदिर में श्रद्धालु
Intro:तो इसलिए चैत्र मास मेलों में बाबा बालक नाथ के दर्शनों का है विशेष महत्व, भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र स्वामी कार्तिकेय के अवतार माने जाते हैं बाबा बालक नाथ
हमीरपुर.
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में इन दिनों चैत्र मास मेले लगे हैं. हर दिन बाबा के दरबार में लाखों श्रद्धालुओं दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. इन मेलों के दौरान बाबा बालक नाथ के दर्शनों का विशेष महत्व रहता है. बाबा बालक नाथ को भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय का अवतार माना गया है. जहां एक और भगवान शिव को सावन महीना प्रिय है वहीं भगवान कार्तिकेय को चैत्र माह बेहद प्रिय है. यही कारण है कि चैत्र मास में उत्तरी भारत के सिद्ध पीठ में 1 महीने तक मेले चलते हैं और लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को दरबार में हाजिरी भरते हैं.


Body:ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मंदिर के मुख्य पुजारी सुनील दत्त ने कहा कि चैत्र मास बाबा बालक नाथ को उसी तरह से प्रिय है जिस तरह से भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है। यही कारण है कि चैत्र मास मेलो में लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को मंदिर में पहुंचते हैं। हिमाचल के अलावा भारी राज्य से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी हजारों श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को दरबार में हाजिरी भरते हैं। हर साल करोड़ों रूपए का चढ़ावा श्रद्धा के रूप में श्रद्धालु अर्पित करते हैं। सुनील दत्त ने कहा कि बाबा बालक नाथ के प्रति श्रद्धालुओं की प्रगाढ़ आस्था सदियों से बनी हुई है और सदियों से इन मेलों का भी आयोजन किया जा रहा है। शाहतलाई से ही दंडवत प्रणाम करते हुए श्रद्धालु बाबा जी की गुफा तक पहुंचते हैं। मान्यता पूरी होने पर कई लोग इसी तरह से दंडवत होकर सैकड़ों सीढ़ियां चढ़कर बाबा बालक नाथ के दरबार में हर दिन पहुंचते हैं। हर साल दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और चढ़ाव की राशि में बढ़ोतरी हो रही है।


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