हमीरपुर: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चैत्र मास मेले के दौरान दुकानें सजाने और आवंटन को लेकर ग्राम पंचायत चकमोह और वन विभाग आमने-सामने आ गए हैं.
वन विभाग ने वन भूमि पर पंचायत द्वारा स्थाई रूप से दुकानों के आवंटन पर आपत्ति जताते केस दर्ज करवाया है. वन विभाग का दावा है कि यह विभागीय भूमि है जिस पर पंचायत को अस्थाई रूप से दुकानें अलॉट करने का कोई हक नहीं है.
वहीं, पंचायत प्रतिनिधियों का दावा है कि ग्राम पंचायत चकमोह यहां पर लंबे समय से मेले के दौरान अस्थाई दुकानों का आवंटन करती है और इससे पंचायत को राजस्व भी प्राप्त होता है. फिलहाल वन विभाग की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस टीम ने मौके पर जाकर पंचायत प्रतिनिधियों और दुकानदारों से भी इस मामले पर बातचीत की है. स्थानीय लोगों की माने तो लंबे समय से यहीं पर दुकानें आवंटित होती आ रही है. लेकिन वन विभाग के दावे के अनुसार यह जमीन विभाग की है जिस पर पंचायती राज अधिनियम के तहत अस्थाई दुकानें आवंटित करने का कोई प्रावधान नहीं है.
पंचायत प्रधान फूला देवी का कहना है कि अस्थाई दुकानों की नीलामी पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 20 और पंचायती राज सामान्य नियम 1997 के नियम 40 के निर्देश अनुसार की जाती है. श्रद्धालुओं की सुविधा और बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए दियोटसिद्ध में अस्थाई दुकानों की नीलामी की जाती है. प्रधान का कहना है कि यह डेढ़ सौ से 200 परिवारों के रोजगार से जुड़ा हुआ मसला है.
एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि वन विभाग की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है. भूमि की निशानदेही के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी. पंचायत प्रतिनिधियों का दावा है कि वह लंबे अरसे से यहां पर दुकानें आवंटित कर रहे हैं. वहीं विभाग का दावा है कि यहां वन विभाग की भूमि है.