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पुलिस से बहस बाजी पड़ेगी महंगी, तीसरी आंख में कैद होगी हर हरकत

पुलिस के साथ बढ़ती बदसलूकी और घटना के सही जानकारी के लिए पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा दिए जाएंगे.

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Published : Jun 14, 2019, 3:20 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में अब पुलिस से बहस बाजी और बदतमीजी करना महंगा पड़ेगा. हिमाचल प्रदेश पुलिस अब तीसरी आंख से खुद को मजबूत करेगी. हमीरपुर जिला पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा पुलिस निदेशालय शिमला की तरफ से मिल गए हैं अब जल्द ही इन कैमरा को विभिन्न थानों के तहत ट्रैफिक पुलिस को वितरित किया जाएगा.


बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर ट्रैफिक पुलिस जवानों को यह कैमरा दिए जाएंगे और ड्यूटी के दौरान इस कैमरा को लगा कर अपने कार्यस्थल पर जवान तैनात रहेंगे.

जानकारी देते एसपी हमीरपुर
अक्सर ट्रैफिक ड्यूटी और चालान इत्यादि काटने के दौरान पुलिस और आम पब्लिक में बहस बाजी की घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन इसमें यह साबित करना मुश्किल हो जाता है कि गलती किसकी तरफ से की गई है. पुलिस जवानों को यह कैमरा मिलने से अब इस तरह के मामलों में वस्तु स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी.


इन कैमरा के लगने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी जनता का विश्वास बढेगा और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें और आरोप भी कम होंगे और पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार और हमलों के मामले में भी कमी आएगी। धरने प्रदर्शनों की समीक्षा में भी पुलिस को आसानी होगी और आसानी से सुबूत भी जुटाए जा सकेंगे इसके अलावा कागजी कार्रवाई और खर्च और समय की बचत होगी.


क्या है बॉडी वॉर्न कैमरा, कितनी लागत
बॉडी वॉर्न कैमरा को पुलिसकर्मी अपनी जैकेट पर लगाएंगे जो ट्रैफिक पुलिसकर्मी को पहनना होता है. कैमरे के माध्यम से पुलिसकर्मी और आम जनता में होने वाली पूरी बातचीत और वीडियो के साथ रिकॉर्ड होगी. जीपीएस के माध्यम से यह कैमरा सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा 31 दिन बाद इन कैमरा से वीडियो फुटेज अपने आप डिलीट हो जाएगी. एक कैमरा की कीमत 12000 से 25000 के बीच में है.


एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि कैमरा पुलिस निदेशालय से भी मिलेगी इसके अलावा अपने स्तर पर भी जिला पुलिस ने कैमरा खरीदे हैं. यह कैमरा कॉन्स्टेबल को दिए जाएंगे इससे पुलिस और आम जनता में ड्यूटी के दौरान होने वाले वाद विवाद पर जवाबदेही तय करने में आसानी होगी.

हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में अब पुलिस से बहस बाजी और बदतमीजी करना महंगा पड़ेगा. हिमाचल प्रदेश पुलिस अब तीसरी आंख से खुद को मजबूत करेगी. हमीरपुर जिला पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा पुलिस निदेशालय शिमला की तरफ से मिल गए हैं अब जल्द ही इन कैमरा को विभिन्न थानों के तहत ट्रैफिक पुलिस को वितरित किया जाएगा.


बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर ट्रैफिक पुलिस जवानों को यह कैमरा दिए जाएंगे और ड्यूटी के दौरान इस कैमरा को लगा कर अपने कार्यस्थल पर जवान तैनात रहेंगे.

जानकारी देते एसपी हमीरपुर
अक्सर ट्रैफिक ड्यूटी और चालान इत्यादि काटने के दौरान पुलिस और आम पब्लिक में बहस बाजी की घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन इसमें यह साबित करना मुश्किल हो जाता है कि गलती किसकी तरफ से की गई है. पुलिस जवानों को यह कैमरा मिलने से अब इस तरह के मामलों में वस्तु स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी.


इन कैमरा के लगने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी जनता का विश्वास बढेगा और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें और आरोप भी कम होंगे और पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार और हमलों के मामले में भी कमी आएगी। धरने प्रदर्शनों की समीक्षा में भी पुलिस को आसानी होगी और आसानी से सुबूत भी जुटाए जा सकेंगे इसके अलावा कागजी कार्रवाई और खर्च और समय की बचत होगी.


क्या है बॉडी वॉर्न कैमरा, कितनी लागत
बॉडी वॉर्न कैमरा को पुलिसकर्मी अपनी जैकेट पर लगाएंगे जो ट्रैफिक पुलिसकर्मी को पहनना होता है. कैमरे के माध्यम से पुलिसकर्मी और आम जनता में होने वाली पूरी बातचीत और वीडियो के साथ रिकॉर्ड होगी. जीपीएस के माध्यम से यह कैमरा सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा 31 दिन बाद इन कैमरा से वीडियो फुटेज अपने आप डिलीट हो जाएगी. एक कैमरा की कीमत 12000 से 25000 के बीच में है.


एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि कैमरा पुलिस निदेशालय से भी मिलेगी इसके अलावा अपने स्तर पर भी जिला पुलिस ने कैमरा खरीदे हैं. यह कैमरा कॉन्स्टेबल को दिए जाएंगे इससे पुलिस और आम जनता में ड्यूटी के दौरान होने वाले वाद विवाद पर जवाबदेही तय करने में आसानी होगी.

Intro:एक्सक्लूसिव स्टोरी
पुलिस से बहस बाजी पड़ेगी महंगी, तीसरी आंख में कैद होगी हर हरकत
हमीरपुर.
हिमाचल प्रदेश में अब पुलिस से बहस बाजी और बदतमीजी करना महंगा पड़ेगा. हिमाचल प्रदेश पुलिस अब तीसरी आंख से खुद को मजबूत करेगी. हमीरपुर जिला पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा पुलिस निदेशालय शिमला की तरफ से मिल गए हैं अब जल्द ही इन कैमरा को विभिन्न थानों के तहत ट्रैफिक पुलिस को वितरित किया जाएगा। बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर ट्रैफिक पुलिस जवानों को यह कैमरा दिए जाएंगे और ड्यूटी के दौरान इस कैमरा को लगा कर अपने कार्यस्थल पर जवान तैनात रहेंगे।




Body:अक्सर ट्रैफिक ड्यूटी और चालान इत्यादि काटने के दौरान पुलिस और आम पब्लिक में बहस बाजी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन इसमें यह साबित करना मुश्किल हो जाता है कि गलती किसकी तरफ से की गई है। पुलिस जवानों को यह कैमरा मिलने से अब इस तरह के मामलों में वस्तु स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी। इन कैमरा के लगने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी जनता का विश्वास बढेगा और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें और आरोप भी कम होंगे तथा पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार और हमलों के मामले में भी कमी आएगी। धरने प्रदर्शनों की समीक्षा में भी पुलिस को आसानी होगी और आसानी से सुबूत भी जुटाए जा सकेंगे इसके अलावा कागजी कार्रवाई और खर्च और समय की बचत होगी।

क्या है बॉडी वॉर्न कैमरा, कितनी लागत
बॉडी वॉर्न कैमरा को पुलिसकर्मी अपनी जैकेट पर लगाएंगे जो ट्रैफिक पुलिसकर्मी को पहनना होता है। कैमरे के माध्यम से पुलिसकर्मी और आम जनता में होने वाली पूरी बातचीत और वीडियो के साथ रिकॉर्ड होगी। जीपीएस के माध्यम से यह कैमरा सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा 31 दिन बाद इन कैमरा से वीडियो फुटेज अपने आप डिलीट हो जाएगी। एक कैमरा की कीमत 12000 से 25000 के बीच में है।

बाइट
एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि कैमरा पुलिस निदेशालय से भी मिलेगी इसके अलावा अपने स्तर पर भी जिला पुलिस ने कैमरा खरीदे हैं यह कैमरा कॉन्स्टेबल को दिए जाएंगे इससे पुलिस और आम जनता में ड्यूटी के दौरान होने वाले वाद विवाद पर जवाबदेही तय करने में आसानी होगी।



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