हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश में अब पुलिस से बहस बाजी और बदतमीजी करना महंगा पड़ेगा. हिमाचल प्रदेश पुलिस अब तीसरी आंख से खुद को मजबूत करेगी. हमीरपुर जिला पुलिस को बॉडी वॉर्न कैमरा पुलिस निदेशालय शिमला की तरफ से मिल गए हैं अब जल्द ही इन कैमरा को विभिन्न थानों के तहत ट्रैफिक पुलिस को वितरित किया जाएगा.
बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर ट्रैफिक पुलिस जवानों को यह कैमरा दिए जाएंगे और ड्यूटी के दौरान इस कैमरा को लगा कर अपने कार्यस्थल पर जवान तैनात रहेंगे.
इन कैमरा के लगने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी जनता का विश्वास बढेगा और पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें और आरोप भी कम होंगे और पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार और हमलों के मामले में भी कमी आएगी। धरने प्रदर्शनों की समीक्षा में भी पुलिस को आसानी होगी और आसानी से सुबूत भी जुटाए जा सकेंगे इसके अलावा कागजी कार्रवाई और खर्च और समय की बचत होगी.
क्या है बॉडी वॉर्न कैमरा, कितनी लागत
बॉडी वॉर्न कैमरा को पुलिसकर्मी अपनी जैकेट पर लगाएंगे जो ट्रैफिक पुलिसकर्मी को पहनना होता है. कैमरे के माध्यम से पुलिसकर्मी और आम जनता में होने वाली पूरी बातचीत और वीडियो के साथ रिकॉर्ड होगी. जीपीएस के माध्यम से यह कैमरा सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़ा होगा 31 दिन बाद इन कैमरा से वीडियो फुटेज अपने आप डिलीट हो जाएगी. एक कैमरा की कीमत 12000 से 25000 के बीच में है.
एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि कैमरा पुलिस निदेशालय से भी मिलेगी इसके अलावा अपने स्तर पर भी जिला पुलिस ने कैमरा खरीदे हैं. यह कैमरा कॉन्स्टेबल को दिए जाएंगे इससे पुलिस और आम जनता में ड्यूटी के दौरान होने वाले वाद विवाद पर जवाबदेही तय करने में आसानी होगी.