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नहीं रहे आजाद हिन्द फौज के सिपाही हरि राम शास्त्री, 105 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

हमीरपुर के निवासी और आजाद हिंद फौज के सिपाही हरि राम शास्त्री का देर शाम निधन हो गया. मंगलवार को उनके पैतृक गांव नोहल में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

Azad Hind Fauj soldier Hari Ram Shastri died
हरि राम शास्त्री
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Published : Dec 22, 2020, 7:49 PM IST

बड़सर: जिला हमीरपुर के निवासी और आजाद हिंद फौज के सिपाही हरि राम शास्त्री का देर शाम निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक वह 105 वर्ष के थे. मंगलवार को उनके पैतृक गांव नोहल में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

इस मौके पर प्रशासन की तरफ बड़सर के नायब तहसीलदार और बड़सर थाना प्रभारी मस्तराम नाइक मौजूद रहे. अंतिम संस्कार में पुलिस टुकड़ी द्वारा सलामी दी गई. इस मौके पर बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल सहित दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

Azad Hind Fauj soldier Hari Ram Shastri died
हरि राम शास्त्री

सत्याग्रह आंदोलन में भी हिस्सा लिया था

हरि राम शास्त्री ने पाकिस्तान के लाहौर में शिक्षा ग्रहण की थी और इसी दौरान सत्याग्रह के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. जिस कारण कई दिनों तक अंग्रेजों ने उन्हें जेल में डाल दिया था. उन्होंने बताया कि जेल में सत्याग्रह किया था और अंग्रेजों की प्रताड़ना के बाद हमें छोड़ा गया था.

उन्होंने बताया कि सत्याग्रह आंदोलन के दौरान अंग्रेजों हिन्दुस्तान छोड़ दो का नारा देकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया था. हिन्दुस्तानियों को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने एक नई दिशा दिखाकर आजादी की लड़ाई के लिए तैयार किया था.

बड़सर: जिला हमीरपुर के निवासी और आजाद हिंद फौज के सिपाही हरि राम शास्त्री का देर शाम निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक वह 105 वर्ष के थे. मंगलवार को उनके पैतृक गांव नोहल में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया.

इस मौके पर प्रशासन की तरफ बड़सर के नायब तहसीलदार और बड़सर थाना प्रभारी मस्तराम नाइक मौजूद रहे. अंतिम संस्कार में पुलिस टुकड़ी द्वारा सलामी दी गई. इस मौके पर बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल सहित दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

Azad Hind Fauj soldier Hari Ram Shastri died
हरि राम शास्त्री

सत्याग्रह आंदोलन में भी हिस्सा लिया था

हरि राम शास्त्री ने पाकिस्तान के लाहौर में शिक्षा ग्रहण की थी और इसी दौरान सत्याग्रह के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. जिस कारण कई दिनों तक अंग्रेजों ने उन्हें जेल में डाल दिया था. उन्होंने बताया कि जेल में सत्याग्रह किया था और अंग्रेजों की प्रताड़ना के बाद हमें छोड़ा गया था.

उन्होंने बताया कि सत्याग्रह आंदोलन के दौरान अंग्रेजों हिन्दुस्तान छोड़ दो का नारा देकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया था. हिन्दुस्तानियों को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने एक नई दिशा दिखाकर आजादी की लड़ाई के लिए तैयार किया था.

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