चंबाः जिले में सेब की बंपर फसल होने की प्रबल उम्मीदों के बावजूद कई गांवों के बागवानों के चेहरों पर खुशी नहीं दिखाई दे रही है. आजादी के सात दशकों के बाद भी कई गांवों को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है. इसी कड़ी में भरमौर के तहत पंचायत खनी गांव भालो एक ऐसा गांव है जहां अभी तक घोड़े-खच्चर तक को ले जाने जैसा रास्ता भी नहीं बन पाया है. नतीजतन बागवानों को पीठ पर उठाकर अपनी सेब की फसल को सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.
सड़क सुविधा न होने से खफा ग्रामीण सोमवार को एडीएम भरमौर के दर पर पहुंचे और प्रशासन के माध्यम से सरकार के समक्ष गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग प्रमुखता के साथ उठाई. अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के पास पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि इससे पूर्व भी कई बार ये मांग प्रमुखता से उठाई गई है लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक चुनाव में सड़क बनवाने की बात जनप्रतिनिधि करते हैं. लेकिन चुनाव खत्म होते ही वे अपना वादा भूल जाते हैं. किसी भी सरकार ने उनका दर्द नहीं जाना और वे केवल उपेक्षा के शिकार ही हुए हैं. आपात स्थिति में मरीज को पीठ पर उठा कर अस्पताल तक पहुंचाना एक चुनौती बन जाता है.
कई बार तो मरीज अस्पताल पहुंचने के पहले बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. लोगों ने कहा कि क्षेत्र में सेब की अच्छी पैदावार तो होती है, लेकिन सड़क न होने के कारण उन्हें उसका लाभ नहीं मिल पाता. उन्हें सेब को कई किलोमीटर तक पीठ पर लादकर बाजारों तक पहुंचाना पड़ता हैं. उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए, ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
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