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डलहौजी में बंदरों ने बुजुर्ग महिला पर किया हमला, सिर-कान में लगे 21 टांके - बंदरों को वर्मिन घोषित किया है

चंबा में बंदरों के झुंड ने घर में घुसकर एक महिला पर हमला बोल दिया. हमले में महिला के सिर-कान पर गंभीर चोटें आई हैं. इलाज के बाद महिला को घर भेज दिया गया है.

बंदरों के हमले में घायल महिला
बंदरों के हमले में घायल महिला
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Published : Sep 30, 2020, 2:55 PM IST

डलहौजी: शहर के वार्ड नंबर-तीन में बंदरों ने एक बुजुर्ग महिला पर हमला कर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया. बंदर के हमले में घायल बुजुर्ग महिला के कान व सिर पर 21 टांके लगे हैं. हालत में सुधार होने पर महिला को घर भेज दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक वार्ड नंबर तीन में रहने वाली महिला घर में कुर्सी पर आराम कर रही थी. इतने में अचानक बंदरों का झुंड घर के समीप आ गया. इसके बाद करीब आधा दर्जन बंदरों ने घर के अंदर घुसकर महिला पर हमला कर सिर और कान पर गहरे घाव कर दिए.

शोर मचाने के बाद परिवार के लोग महिला की मदद के लिए आगे आए. परिजनों ने बड़ी मुश्किल से महिला को बंदरों के चंगुल से छुड़ाकर उपचार के लिए नागरिक अस्पताल डलहौजी पहुंचाया.

स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले बंदर पेड़ या छत पर कभी कभार दिखाई देते थे, लेकिन अब तो यह इतने निडर हो गए हैं कि घरों में घुसकर हमला करने लगे हैं. उधर, वन मंडल अधिकारी कमल भारती ने बताया कि डलहौजी में बंदर पकड़ने का अभियान चला हुआ है. इसके तहत अभी तक करीब 31 बंदरों को पकड़ा जा चुका है. कुछ बंदर ज्यादा आतंक मचा रहे हैं. ऐसे बंदरों को चिंहित कर ट्रेंकुलाइज कर पकड़ जाएगा.

डलहौजी में लोग बंदरों के आंतक से परेशान हैं. वन विभाग अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं कर पाया है. बंदर बाजार में कभी बच्चों और बुजुर्गों पर झपटते हैं. कभी हाथ से सामान छीनते हैं. हलांकि सरकार ने बंदरों को वर्मिन घोषित किया है.

डलहौजी: शहर के वार्ड नंबर-तीन में बंदरों ने एक बुजुर्ग महिला पर हमला कर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया. बंदर के हमले में घायल बुजुर्ग महिला के कान व सिर पर 21 टांके लगे हैं. हालत में सुधार होने पर महिला को घर भेज दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक वार्ड नंबर तीन में रहने वाली महिला घर में कुर्सी पर आराम कर रही थी. इतने में अचानक बंदरों का झुंड घर के समीप आ गया. इसके बाद करीब आधा दर्जन बंदरों ने घर के अंदर घुसकर महिला पर हमला कर सिर और कान पर गहरे घाव कर दिए.

शोर मचाने के बाद परिवार के लोग महिला की मदद के लिए आगे आए. परिजनों ने बड़ी मुश्किल से महिला को बंदरों के चंगुल से छुड़ाकर उपचार के लिए नागरिक अस्पताल डलहौजी पहुंचाया.

स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले बंदर पेड़ या छत पर कभी कभार दिखाई देते थे, लेकिन अब तो यह इतने निडर हो गए हैं कि घरों में घुसकर हमला करने लगे हैं. उधर, वन मंडल अधिकारी कमल भारती ने बताया कि डलहौजी में बंदर पकड़ने का अभियान चला हुआ है. इसके तहत अभी तक करीब 31 बंदरों को पकड़ा जा चुका है. कुछ बंदर ज्यादा आतंक मचा रहे हैं. ऐसे बंदरों को चिंहित कर ट्रेंकुलाइज कर पकड़ जाएगा.

डलहौजी में लोग बंदरों के आंतक से परेशान हैं. वन विभाग अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं कर पाया है. बंदर बाजार में कभी बच्चों और बुजुर्गों पर झपटते हैं. कभी हाथ से सामान छीनते हैं. हलांकि सरकार ने बंदरों को वर्मिन घोषित किया है.

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