चंबा: पिछड़ा जिला चंबा से सरकारी स्कूलों में बच्चों को मूलभूत सुविधाएं न मिलना और शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाती हुई कई खबरें आज तक सामने आती रही हैं. इन सबके बीच चंबा में ही एक सरकारी स्कूल की अच्छी पहल न सिर्फ और स्कूलों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन रही है, साथ ही बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए ये पहल नींव के पत्थर की तरह काम कर रही है.
दिल में ठान लिया जाए तो कोई भी मंजिल आसान दिखती है और असंभव भी संभव हो जाता है. ये कहावत प्राइमरी स्कूल तलाई के अध्यापक संजीव कुमार ने चरितार्थ कर दिखाया है. संजीव कुमार तलाई स्कूल में बतौर जेबीटी अध्यापक कार्यरत हैं. संजीव ने दो साल पहले तलाई प्राइमरी स्कूल ज्वाइन किया था. संजीव के साथ स्कूल में कार्यरत कांगड़ा की एक महिला टीचर के साथ मिल कर संजीव ने स्कूल में पहले बच्चों को अंग्रेजी भाषा में बात करने के लिए प्रेरित किया. अध्यापकों की पहल पर स्कूल की मॉर्निंग असेंबली अंग्रेजी में होने लगी.
संजीव कुमार ने बताया कि आज तलाई प्राइमरी स्कूल में क्लास एक से पांच तक पढ़ने वाले बच्चे आपस में अंग्रेजी में बात करते हैं. संजीव का कहना है कि वे चाहते हैं कि सरकारी स्कूल में बच्चों को निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा मिले. उन्होंने बताया कि वर्तमान में अंग्रेजी भाषा का जानकार होना बेहद जरूरी है. किसी बड़ी कंपनी में जॉब इंटरव्यू हो या फिर किसी से बात भी करनी हो तो अंग्रेजी आना जरूरी है.
संजीव का कहना है कि स्कूली बच्चों को शुरुआत से ही अंग्रेजी से रूबरू करवाने की आवश्यकता है. निजी स्कूल के छात्रों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र कहीं न कहीं अंग्रेजी पढ़ने बोलने में हिचकिचाते हैं. वहीं, सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या के पीछे एक कारण ये भी है कि सरकारी स्कूलों के छात्र अंग्रेजी भाषा में अपनी पकड़ मजबूत नहीं बना पाते, जिसके चलते छात्रों को भविष्य में अंग्रेजी बोलने, लिखने और समझने में परेशानी होती है.
संजीव कुमार ने बताया कि वे तलाई प्राइमरी स्कूल में छात्रों को अंग्रेजी के साथ-साथ हर वो एक्टिविटी से रूबरू करवाने का प्रयास करते हैं, जिससे उनके बेहतर भविष्य में मदद मिल सके. अंग्रेजी में मॉर्निंग असेंबली के साथ ही स्कूल में छात्रों को डांस और योगा जैसी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज भी करवाई जाती हैं, जिससे छात्रों का संपूर्ण विकास हो सके. संजीव का कहना है कि हमारा मुख्य उद्देश्य निजी स्कूलों से बेहतर सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है.
तलाई प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि हमारे स्कूल में हर सुबह मॉर्निंग असेम्बली अंग्रेजी में होती है. हमारे टीचर हमें आपस में भी अंग्रेजी में बातचीत करने के लिए प्रेरित करते हैं. वहीं, हम घर में भी अंग्रेजी बोलने का प्रयास करते हैं. छात्रों का कहना है कि निजी स्कूलों से हमारा स्कूल काफी आगे है. हम चाहते हैं कि हमारे स्कूल की तरह सभी सरकारी स्कूल भी अंग्रेजी में मॉर्निंग असेम्बली करें और अंग्रेजी भाषा को आम बोलचाल में भी इस्तेमाल करें.
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