चंबा: मनोहर हत्याकांड़ के मामले में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के सुप्रीमो रुमित ठाकुर को पुलिस ने गुरुवार को चौहड़ा डैम के पास बीच रास्ते में रोक लिया. इस दौरान पुलिस व रुमित ठाकुर के बीच तीखी बहस देखने को मिली. बहरहाल अभी भी रुमित ठाकुर व उनके समर्थकों को चौहड़ा डैम के पास पुलिस ने रोक रखा है.
'निष्पक्ष जांच होती तो घरों से निकलने की जरूरत नहीं पड़ती': बता दें कि रुमित ठाकुर ने धारा 144 को तोड़ते हुए भांदल के थरोली गांव जाकर मनोहर के परिजनों से मुलाकात करने का ऐलान किया हुआ था. तय कार्यक्रम के अनुसार वह वाहनों के काफिले के साथ जैसे ही सलूणी उपमंडल की बाउंड्री के पास पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस दौरान समर्थकों ने प्रदेश सरकार को खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इस मौके पर रुमित ठाकुर ने कहा कि अगर पुलिस ने निष्पक्ष जांच की होती, तो आज लोगों को घरों से निकलने की आवश्यकता नहीं होती. उन्होंने कहा कि पुलिस कह रही है कि 11-12 लोगों को मामले में गिरफ्तार किया है.
'पुलिस आरोपियों को बचा रही है': रुमित ठाकुर ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक छोर को भी पकड़ा जाता है, तो पुलिस उसके साथ फोटो खिंचवाती है, लेकिन एक आदमी के आठ टुकड़े करने वालों को मीडिया के सामने लेकर नहीं आए. उन्होंने यहां तक आरोप लगा दिया कि पुलिस आरोपियों को बचा रही है. बहरहाल अंतिम सूचना मिलने तक रुमित ठाकुर मौके पर अपने समर्थकों के साथ पीड़ित परिवार से मिलने के लिए अड़े हुए हैं. बता दें कि संघणी हत्याकांड संघर्ष समिति के आह्वान पर मृतक युवक को न्याय दिलवाने और पीड़ित परिवार को सहायता राशि प्रदान करने के मकसद से सुबह 11 बजे चौगान नंबर-2 से विशाल जन आक्रोश रैली निकाली गई. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. रैली में करीब 5 हजार के करीब लोग शामिल हुए और मृतक को न्याय दिलवाने के लिए अपनी आवाज उठाई.
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