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पी मित्रा केस: विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल व पॉलीग्राफ टेस्ट वाली याचिका पर 29 मई तक सुनवाई टली

पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पंचकूला के कारोबारी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 29 मई तक के लिए टल गई है.

पी मित्रा, पूर्व मुख्य सचिव (फाइल फोटो)
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Published : May 8, 2019, 7:53 PM IST

शिमला: पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पंचकूला के कारोबारी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 29 मई तक के लिए टल गई है. क्या आरोपी को वॉयस सैंपल देने के लिए कानूनन बाध्य किया जा सकता है या नहीं, यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.

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पी मित्रा, पूर्व मुख्य सचिव (फाइल फोटो)

इस कारण न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान ने विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट लेने के निचली अदालत के आदेशों पर रोक लगा रखी है. उल्लेखनीय है कि उक्त कथित भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन प्रधान सचिव राजस्व पी मित्रा भी आरोपी हैं.

करीब 9 साल पुराने इस मामले में विजिलेंस ने केस दर्ज किया है. विजिलेंस के पास आरोपियों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है. इसमें पी मित्रा के अलावा विनोद मित्तल और अन्य व्यक्ति के बीच बातचीत की आशंका जताई गई है. इसकी पुष्टि के लिए वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाना है.

शिमला: पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पंचकूला के कारोबारी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 29 मई तक के लिए टल गई है. क्या आरोपी को वॉयस सैंपल देने के लिए कानूनन बाध्य किया जा सकता है या नहीं, यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.

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पी मित्रा, पूर्व मुख्य सचिव (फाइल फोटो)

इस कारण न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान ने विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट लेने के निचली अदालत के आदेशों पर रोक लगा रखी है. उल्लेखनीय है कि उक्त कथित भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन प्रधान सचिव राजस्व पी मित्रा भी आरोपी हैं.

करीब 9 साल पुराने इस मामले में विजिलेंस ने केस दर्ज किया है. विजिलेंस के पास आरोपियों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है. इसमें पी मित्रा के अलावा विनोद मित्तल और अन्य व्यक्ति के बीच बातचीत की आशंका जताई गई है. इसकी पुष्टि के लिए वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाना है.

पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा से जुड़े मामले में पंचकूला के कारोबारी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल व पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 29 मई के लिए टल गई है। क्या आरोपी को वॉइस सेंपल देने के लिए कानूनन बाध्य किया जा सकता है या नहीं, यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। इस कारण न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने विनोद मित्तल के वॉइस सेंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट लेने के निचली अदालत के आदेशों पर रोक लगा रखी है। उल्लेखनीय है कि उक्त कथित भ्र्ष्टाचार के मामले में तत्कालीन प्रधान सचिव (राजस्व) पी मित्रा भी आरोपी है। करीब 9 साल पुराने इस मामले में विजिलेंस ने केस दर्ज किया है। विजिलेंस के पास आरोपियों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है। इसमें पी मित्रा के अलावा विनोद मित्तल और अन्य व्यक्ति के बीच बातचीत की आशंका जताई गई है। इसकी पुष्टि के लिए वॉयस सैंपल के साथ पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाना है।


गौरतलब है कि हिमाचल में गैर हिमाचलियों को भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के तहत जमीन खरीदने की अनुमति लेना जरूरी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 मार्च 2011 को आरोपी विनोद मित्तल ने राजस्व के आला अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए 5 लाख रुपये लेकर शिमला आया। परन्तु उसे पुराने बस अड्डा शिमला में विजिलेंस द्वारा पकड़ लिया गया था। जांच के दौरान विजिलेंस ने आरोपियों की आपसी बातचीत बारे पुख्ता सबूत इकट्ठे किये और उन्हें साबित करने के लिए आरोपी विनोद मित्तल के वॉइस सेंपल व पॉलीग्राफ टेस्ट की इज्जाजत के लिए निचली अदालत में आवेदन किया था। जिसे निचली अदालत ने स्वीकारते हुए विजिलेंस को विनोद मित्तल वॉइस का वॉइस सेम्पल और पॉलीग्राफ टेस्ट लेने की अनुमति दे दी थी।
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