शिमला: पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में पंचकूला के कारोबारी विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 29 मई तक के लिए टल गई है. क्या आरोपी को वॉयस सैंपल देने के लिए कानूनन बाध्य किया जा सकता है या नहीं, यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.
इस कारण न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान ने विनोद मित्तल के वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट लेने के निचली अदालत के आदेशों पर रोक लगा रखी है. उल्लेखनीय है कि उक्त कथित भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन प्रधान सचिव राजस्व पी मित्रा भी आरोपी हैं.
करीब 9 साल पुराने इस मामले में विजिलेंस ने केस दर्ज किया है. विजिलेंस के पास आरोपियों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है. इसमें पी मित्रा के अलावा विनोद मित्तल और अन्य व्यक्ति के बीच बातचीत की आशंका जताई गई है. इसकी पुष्टि के लिए वॉयस सैंपल और पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाना है.