बिलासपुर: इस साल फलों के राजा आम की बंपर पैदावार से किसानों-बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. इस बार उन्हें अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है. वहीं, मंडी मध्यस्थ योजना या मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत बागवानी विभाग ने इस बार कोरोना काल को देखते हुए आम की सभी किस्मों के लिए एक ही समर्थन मूल्य 8.50 रुपये तय किया है.
खास बात यह है कि इस बार कलमी, अचारी और देसी आम के लिए एक ही समर्थन मूल्य है, जबकि पिछले साल अचारी व देसी आम का 6.50 रुपये और कलमी आम का समर्थन मूल्य 7.50 रुपये था. किसानों से आम की कलेक्शन के लिए जिला में कुल 6 कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं, जिसके तहत निहाल और जुखाला में 2 कलेक्शन सेंटर एचपीएमसी के हैं और हिमफैड के 4 कलेक्शन सेंटर भड़ोलीकलां, गेहड़वींए निहारी और कंदरौर में बनाए हैं.
बता दें कि बिलासपुर में बड़े पैमाने पर 41000 हेक्टेयर भूमि में आम की पैदावार की जा रही है. इस बार ऑन ईयर होने के चलते बागवानी विभाग ने आम के उत्पादन का 4500 मीट्रिक टन लक्ष्य तय किया है. आम के बेहतर दाम दिलाने के लिए इसका समर्थन मूल्य भी 8.50 रुपये तय किया गया है जबकि पिछले साल आम की सभी किस्मों के लिए अलग-अलग समर्थन मूल्य तय किए गए थे, लेकिन कोरोना काल को देखते हुए इस बार सभी किस्मों के लिए एक ही समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है.
फलों को बाजार तक पहुंचाने के लिए बाकायदा कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं. संबंधित क्षेत्रों के किसानों-बागवानों को आम कलेक्शन सेंटरों तक पहुंचाना है, जहां आम की कलेक्शन की जाएगी. बागवानी विभाग के उपनिदेशक डाॅ. विनोद शर्मा ने बताया कि सरकार ने इस बार आम की सभी किस्मों के लिए एक ही समर्थन मूल्य 8.50 रुपये तय किया है. इस बार जिला में आम की पैदावार का लक्ष्य 4500 मीट्रिक टन तय किया गया है.
किसान-बागवानों के लिए सिरदर्द बनी नई शर्त
आम को कलेक्शन सेंटरों तक पहुंचाना किसान-बागवानों के लिए सिरदर्द बन गया है. सरकार की ओर से लगाई गई शर्त के तहत फलों को 20 किलोग्राम के क्रेट में पहुंचाना और बागवानी विभाग की ओर से जारी कार्ड उपलब्ध होना अनिवार्य किया गया है. बता दें कि जिन किसानों-बागवानों के बगीचे 20 बीघा या इससे कम जमीन पर लगे हैं, उन्हें कलेक्शन सेंटरों पर आम पहुंचाने की सहूलियत दी गई है जबकि अन्य किसान-बागवान ओपन मार्केट में आम बेचते हैं.
बता दें कि इस बार कोरोना काल के चलते बाहर से व्यापारियों के न पहुंचने की वजह से किसानों-बागवानों को आम के लिए उचित बाजार नहीं मिल पा रहा. किसान सरकार से राहत देने की मांग कर रहे हैं. हिमफैड के एरिया मैनेजर साहिल डोगरा ने बताया कि हिमफैड के तहत 4 कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसान-बागवान सरकार की नई शर्तों से परेशान हैं. हरे एक के पास क्रेट की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सेंटरों तक आम पहुंचाने की राह में नई शर्त बाधा बन गई है, जिससे किसान बागवान परेशान हैं.
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