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बिलासपुर में जनता को सता रहा आवारा कुत्तों का खौफ, रोजाना 10 लोगों को मारते हैं दांत

बिलासपुर में आवारा कुत्तों का खौफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. सड़कों पर कुतों के झुंड सुबह से लेकर शाम तक घूमते रहते हैं. बिलासपुर में 1 महीने में लगभग 300 डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं. वहीं, साल 2019 में डॉग बाइट के 4200 मामले सामने आ चुके हैं.

special story on dog bite cases in bilaspur
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Published : Aug 25, 2020, 11:09 PM IST

Updated : Aug 26, 2020, 6:28 PM IST

बिलासपुर: शहर की सड़कों, गलियों और चौराहों पर आवारा कुत्तों का आंतक साफ देखा जा सकता है. आवारा कुतों की वजह से राहगीरों के साथ-साथ वाहन चालकों में भी कुत्तों का खौफ देखने को मिल रहा है. सड़कों पर कुतों के झुंड सुबह से लेकर शाम तक घूमते रहते हैं, जिसकी वजह से लोग छोटे बच्चों को अकेले कहीं भी भेजने से कतरा रहे हैं.

स्थानीय लोग कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. जिला स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो बिलासपुर में 1 महीने में लगभग 300 डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं. वहीं, साल 2019 में डॉग बाइट के 4200 मामले सामने आ चुके हैं. यह आंकड़े चौकाने वाले हैं. जो इस बात को साफ जाहिर करते है कि बिलासपुर में एक दिन में औसतन 10 लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं

वीडियो रिपोर्ट.

स्वास्थ्य विभाग ने जिला के सभी पीएचसी और सीएचसी सेंटर पर भी एंटी रेबिज वैक्सिन पहुंचाई हुई है, ताकि आपताकाल स्थिति में जिला के लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल की ओर रूख न करना पड़ें. उधर, पशु पालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पशु पालन विभाग के पूरे जिला में 25 अस्पताल हैं.

पशु पालन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस साल बिलासपुर में 1350 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है. वहीं, 499 आवारा कुतों को रेबीज वैक्सीन लगा चुके हैं. पशु पालन विभाग के मुताबिक आवारा कुतों का पकड़ने का अधिकतर काम नगर परिषद का रहता है.

आवारा कुत्तों को पकड़ने की जिम्मेवारी चाहे किसी की भी हो, लेकिन कुत्तों के बढ़ते आतंक का खामियाजा आम जनता को ही उठाना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन प्रतिदिन आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है. समय रहते इन कुत्तों को पकड़कर रिहायसी बस्ती से जंगल में नहीं छोड़ा गया तो भविष्य में इसके बुरे परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं. इसलिए लोगों ने जिला और स्थानीय प्रशासन से मांग की कि आवारा कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए.

कुते के काटने पर यह करें

  • ब्‍लीडिंग को रोकने के लिए घाव या चोट के आसपास साफ तौलिया लगाएं
  • क्षतिग्रस्‍त हिस्‍से को थोड़ा ऊपर उठाकर रखने की कोशिश करें
  • साबुन और पानी से ध्‍यानपूर्वक चोट वाले हिस्‍से को साफ करें
  • अगर आपके पास एंटीबायोटिक क्रीम है तो उसे चोट पर लगाएं
  • अब घाव पर साफ बैंडेज लगाएं
  • बैंडेज को लगा रहने दें और पीड़ित व्‍यक्‍ति को डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं
  • डॉक्‍टर के घाव को देखने के बाद दिन में कई बार बैंडेज बदलने की जरूरत होगी
  • संक्रमण के संकेत जैसे कि लालिमाए सूजनए दर्द और बुखार आदि को नजरअंदाज न करें

बिलासपुर: शहर की सड़कों, गलियों और चौराहों पर आवारा कुत्तों का आंतक साफ देखा जा सकता है. आवारा कुतों की वजह से राहगीरों के साथ-साथ वाहन चालकों में भी कुत्तों का खौफ देखने को मिल रहा है. सड़कों पर कुतों के झुंड सुबह से लेकर शाम तक घूमते रहते हैं, जिसकी वजह से लोग छोटे बच्चों को अकेले कहीं भी भेजने से कतरा रहे हैं.

स्थानीय लोग कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवा चुके हैं, लेकिन इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. जिला स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो बिलासपुर में 1 महीने में लगभग 300 डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं. वहीं, साल 2019 में डॉग बाइट के 4200 मामले सामने आ चुके हैं. यह आंकड़े चौकाने वाले हैं. जो इस बात को साफ जाहिर करते है कि बिलासपुर में एक दिन में औसतन 10 लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं

वीडियो रिपोर्ट.

स्वास्थ्य विभाग ने जिला के सभी पीएचसी और सीएचसी सेंटर पर भी एंटी रेबिज वैक्सिन पहुंचाई हुई है, ताकि आपताकाल स्थिति में जिला के लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल की ओर रूख न करना पड़ें. उधर, पशु पालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पशु पालन विभाग के पूरे जिला में 25 अस्पताल हैं.

पशु पालन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस साल बिलासपुर में 1350 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है. वहीं, 499 आवारा कुतों को रेबीज वैक्सीन लगा चुके हैं. पशु पालन विभाग के मुताबिक आवारा कुतों का पकड़ने का अधिकतर काम नगर परिषद का रहता है.

आवारा कुत्तों को पकड़ने की जिम्मेवारी चाहे किसी की भी हो, लेकिन कुत्तों के बढ़ते आतंक का खामियाजा आम जनता को ही उठाना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दिन प्रतिदिन आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है. समय रहते इन कुत्तों को पकड़कर रिहायसी बस्ती से जंगल में नहीं छोड़ा गया तो भविष्य में इसके बुरे परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं. इसलिए लोगों ने जिला और स्थानीय प्रशासन से मांग की कि आवारा कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए.

कुते के काटने पर यह करें

  • ब्‍लीडिंग को रोकने के लिए घाव या चोट के आसपास साफ तौलिया लगाएं
  • क्षतिग्रस्‍त हिस्‍से को थोड़ा ऊपर उठाकर रखने की कोशिश करें
  • साबुन और पानी से ध्‍यानपूर्वक चोट वाले हिस्‍से को साफ करें
  • अगर आपके पास एंटीबायोटिक क्रीम है तो उसे चोट पर लगाएं
  • अब घाव पर साफ बैंडेज लगाएं
  • बैंडेज को लगा रहने दें और पीड़ित व्‍यक्‍ति को डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं
  • डॉक्‍टर के घाव को देखने के बाद दिन में कई बार बैंडेज बदलने की जरूरत होगी
  • संक्रमण के संकेत जैसे कि लालिमाए सूजनए दर्द और बुखार आदि को नजरअंदाज न करें
Last Updated : Aug 26, 2020, 6:28 PM IST
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