बिलासपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने पूर्व भाजपा सरकार पर चुनावों के समय जल्दबाजी में खोले गए संस्थानों के मुद्दे में लोगों में गलत भ्रातियां फैलाकर गुमराह करने का आरोप लगाया है. पूर्व भाजपा सरकार ने तो शिक्षण संस्थान खोलते समय नई शिक्षा नीति की तरफ ध्यान दिया और न ही स्वास्थ्य संस्थानों के लिए केंद्र की गाइडलाइन की पालना की और न इनके लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी ली. कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक व अवगत करवाएगी.
पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व वन मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता ठाकुर रामलाल ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने के लिए जो जल शक्ति विभाग एवं अन्य विभागों के कार्यालय खोले उनके लिए गए किराए पर लिए भवनों के किराए का प्रबंध तक नहीं किया. अब जब प्रदेश सरकार ने बिना बजट के खोले गए संस्थानों को बंद किया तो अब हो हल्ला कर भाजपा नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश पर 74 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ने वाली भाजपा चुनावों में मिली हार को पचा नहीं पा रही है. बल्कि पूरी तरह से बौखला गई है.
पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने जो गारंटियां चुनावों से पहले लोगों को दी हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. रामलाल ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 40 करोड़ का आईडीबी प्रोजेक्ट मंजूर किया है, लेकिन यह पूरा पैसा खर्च नहीं हो पाया है. जिससे भ्रष्टाचार की संभावना पैदा होती है. इस प्रोजेक्ट के तहत चुनिंदा जगहों पर डंगे चैकडेम आदि कार्य किए जाने थे. यह प्रोजेक्ट 31 मार्च को बंद हो रहा है और अब इस प्रोजेक्ट के तहत होने वाले विकास कार्यों के टेंडर किए जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत तीन करोड़ रुपये वेतन और टीए, डीए और एक जीप खरीदने पर खर्च जरूर किए हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि वह इसका संज्ञान लें, ताकि पैसे का दुरुपयोग को रोका जा सके. वहीं, बिलासपुर जिले में 15वें वित्त आयोग का जिले में केवल दस प्रतिशत ही खर्च हुआ है और अब अधिकारियों ने पंचायत सचिवों का निर्देश दिए हैं कि वे 31 मार्च तक इसका 50 प्रतिशत पैसा खर्च करना सुनिश्चित करें. इस निर्देश से पंचायतों में भ्रष्टाचार बढ़ेगा और यह पैसा केवल कागजों में ही खर्च होगा तथा लोगों को इस पैसे से होने वाले विकास कार्यों से वंचित रहना पड़ेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पंचायती राज मंत्री से मांग की है कि वे ऐसे आदेश देने वाले अधिकारियों पर रोक लग सके. इस अवसर पर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र प्रवक्ता संदीप सांख्यान भी उपस्थित रहे.
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