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School Prayer in Kehluri Dialect: बिलासपुर के बंदला सरकारी स्कूल ने कहलूरी बोली में तैयार कर डाली स्कूल प्रेयर - कहलूरी बोली में स्कूल प्रेयर

हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के सरकारी स्कूल बंदला ने स्थानीय कहलूरी बोली में प्रेयर तैयार की है. सुबह स्कूल प्रेयर में स्कूली विद्यार्थी कहलूर बोली  में ही लेक्चर भी देते हैं. स्कूल के इस प्रयास को लोगों द्वारा काफी सराहा जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर... (Bilaspur News) (Bandla Government School) (Bilaspur Pahari Prayer) (School Prayer in Kehluri Dialect) (Kehloor News) (School Prayer in Kehloori Dialect).

School Prayer in Kahluri Dialect
बिलासपुर के बंदला सरकारी स्कूल ने कहलूरी बोली में तैयार कर डाली स्कूल प्रेयर
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 4:22 PM IST

Updated : Aug 31, 2023, 7:01 PM IST

बिलासपुर के बंदला सरकारी स्कूल में कहलूरी बोली में स्कूल प्रार्थना.

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के ददाहू स्कूल में पहाड़ी बोली में सुबह की प्रार्थना होने पर हर तरफ चर्चा का विषय बन गया था. इसी कड़ी में जिला बिलासपुर के भी एक स्कूल में लोकल बोली में स्कूल प्रार्थना हुई जो काफी चर्चित हो रही है. बात हो रही है राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंदला की जहां हिंदी की प्रेयर मां सरस्वती वर दे मां को कहलूरी बोली में कंपोज करके 'मां सरस्तवी वर दे माएं', बनाकर पूरी प्रेयर को कहलूरी में कर डाला. जिसे प्रतिदिन बच्चों को अभ्यास करवाकर अब सीधे प्रेयर में शुरू भी करवा दिया है.

कहलूरी बोली में प्रेयर शुरू करने वाला बंदला सरकारी स्कूल बिलासपुर जिले का पहला एक मात्र स्कूल होगा. इस प्रेयर को कंपोज इस स्कूल के अध्यापक अभिषेक डोगरा ने किया है. सुबह स्कूल प्रेयर में स्कूली विद्यार्थी कहलूर बोली में ही लेक्चर भी देते हैं. जिसमें बिलासपुर का नलवाड़ी मेला या फिर कहलूर की रियासत के बारे में बताया जाता है. यह लेक्चर भी कहलूरी बोली में दिया जाता है.

आपको बता दें कि बंदला स्कूल अपनी स्थानीय बोली को प्रमोट करने के लिए आए दिन नीत नए प्लान तैयार करता रहता है. इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन ने यह भी प्लान तैयार किया है कि अगर बीच में कुछ समय बचेगा तो विद्यार्थियों को कहलूर रियासत के बारे में और अपने बोली का महत्व के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. गौर हो कि बिलासपुर की कहलूर रियासत की कहानी देश दुनिया में प्रसिद्व है. देश दुनिया से यहां पर स्थित रंगनाथ मंदिरों को देखने और इन मंदिरों पर अध्ययन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में बंदला स्कूल में विद्यार्थियों को कहलूर रियासत के बारे में भी पढ़ाना, जिला की संस्कृति को बढ़ावा देने के बराबर होगा.

जानकारी के अनुसार बिलासपुर की टॉप पहाड़ी बंदला हर दृष्टि से विकसित होती जा रही है. देश के दूसरे हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की बात हो या फिर पैराग्लाइडिंग की बात हो. यह क्षेत्र अपने सुंदर वातावरण और अपने बेहतर कार्यों को लेकर जिले का नाम रोशन कर रहा है. वहीं, अब बंदलाधार में ही स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंदला द्वारा कहलूरी बोली में तैयार की गई स्कूल प्रार्थना ने इस क्षेत्र की एक और अलग पहचान तैयार कर दी है.

गौर हो कि जिला प्रशासन और सरकारें अपनी लोकल बोली को प्रमोट करने के लिए कई प्लान तो तैयार करता है, लेकिन यह प्लान ज्यादा सीरे चढ़ते हुए नजर नहीं आते हैं. इसका मुख्य कारण क्या रहा है यह आज दिन तक किसी को नहीं पता, लेकिन अपने अपने स्तर पर किए गए प्रयासों से अपनी बोली को न केवल पुराना स्वरूप मिलेगा, बल्कि पहाड़ी राज्य अपनी बोली को लेकर भी प्रमोट होगा.

उधर, इस संदर्भ में जब स्कूल प्रधानाचार्य मनोज कुमार से बात की गई तो उनका कहना है कि स्कूल प्रशासन ने अपने स्तर पर कहलूरी बोली में स्कूल प्रेयर का तैयार करवाया है. स्थानीय बोली को प्रमोट करने के लिए स्कूल प्रबंधन कई अहम निर्णय लेता है. उन्होंने इस नई शुरूआत को लेकर स्कूल प्रशासन और सभी स्कूल बच्चों को बधाई दी है. उधर, उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि कहलूरी बोली में शुरू की गई प्रेयर एक सराहनीय कार्य है. उन्होंने स्कूल प्रबंधन को बधाई दी है और कहा है कि वह जल्द ही स्कूल में आएंगे.

ये भी पढ़ें- Prayer In Pahari: बच्चों को जड़ों से जोड़ने का प्रयास, सिरमौर के इस स्कूल में पहाड़ी बोली में शुरू हुई प्रार्थना सभा

बिलासपुर के बंदला सरकारी स्कूल में कहलूरी बोली में स्कूल प्रार्थना.

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के ददाहू स्कूल में पहाड़ी बोली में सुबह की प्रार्थना होने पर हर तरफ चर्चा का विषय बन गया था. इसी कड़ी में जिला बिलासपुर के भी एक स्कूल में लोकल बोली में स्कूल प्रार्थना हुई जो काफी चर्चित हो रही है. बात हो रही है राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंदला की जहां हिंदी की प्रेयर मां सरस्वती वर दे मां को कहलूरी बोली में कंपोज करके 'मां सरस्तवी वर दे माएं', बनाकर पूरी प्रेयर को कहलूरी में कर डाला. जिसे प्रतिदिन बच्चों को अभ्यास करवाकर अब सीधे प्रेयर में शुरू भी करवा दिया है.

कहलूरी बोली में प्रेयर शुरू करने वाला बंदला सरकारी स्कूल बिलासपुर जिले का पहला एक मात्र स्कूल होगा. इस प्रेयर को कंपोज इस स्कूल के अध्यापक अभिषेक डोगरा ने किया है. सुबह स्कूल प्रेयर में स्कूली विद्यार्थी कहलूर बोली में ही लेक्चर भी देते हैं. जिसमें बिलासपुर का नलवाड़ी मेला या फिर कहलूर की रियासत के बारे में बताया जाता है. यह लेक्चर भी कहलूरी बोली में दिया जाता है.

आपको बता दें कि बंदला स्कूल अपनी स्थानीय बोली को प्रमोट करने के लिए आए दिन नीत नए प्लान तैयार करता रहता है. इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन ने यह भी प्लान तैयार किया है कि अगर बीच में कुछ समय बचेगा तो विद्यार्थियों को कहलूर रियासत के बारे में और अपने बोली का महत्व के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. गौर हो कि बिलासपुर की कहलूर रियासत की कहानी देश दुनिया में प्रसिद्व है. देश दुनिया से यहां पर स्थित रंगनाथ मंदिरों को देखने और इन मंदिरों पर अध्ययन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में बंदला स्कूल में विद्यार्थियों को कहलूर रियासत के बारे में भी पढ़ाना, जिला की संस्कृति को बढ़ावा देने के बराबर होगा.

जानकारी के अनुसार बिलासपुर की टॉप पहाड़ी बंदला हर दृष्टि से विकसित होती जा रही है. देश के दूसरे हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज की बात हो या फिर पैराग्लाइडिंग की बात हो. यह क्षेत्र अपने सुंदर वातावरण और अपने बेहतर कार्यों को लेकर जिले का नाम रोशन कर रहा है. वहीं, अब बंदलाधार में ही स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंदला द्वारा कहलूरी बोली में तैयार की गई स्कूल प्रार्थना ने इस क्षेत्र की एक और अलग पहचान तैयार कर दी है.

गौर हो कि जिला प्रशासन और सरकारें अपनी लोकल बोली को प्रमोट करने के लिए कई प्लान तो तैयार करता है, लेकिन यह प्लान ज्यादा सीरे चढ़ते हुए नजर नहीं आते हैं. इसका मुख्य कारण क्या रहा है यह आज दिन तक किसी को नहीं पता, लेकिन अपने अपने स्तर पर किए गए प्रयासों से अपनी बोली को न केवल पुराना स्वरूप मिलेगा, बल्कि पहाड़ी राज्य अपनी बोली को लेकर भी प्रमोट होगा.

उधर, इस संदर्भ में जब स्कूल प्रधानाचार्य मनोज कुमार से बात की गई तो उनका कहना है कि स्कूल प्रशासन ने अपने स्तर पर कहलूरी बोली में स्कूल प्रेयर का तैयार करवाया है. स्थानीय बोली को प्रमोट करने के लिए स्कूल प्रबंधन कई अहम निर्णय लेता है. उन्होंने इस नई शुरूआत को लेकर स्कूल प्रशासन और सभी स्कूल बच्चों को बधाई दी है. उधर, उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि कहलूरी बोली में शुरू की गई प्रेयर एक सराहनीय कार्य है. उन्होंने स्कूल प्रबंधन को बधाई दी है और कहा है कि वह जल्द ही स्कूल में आएंगे.

ये भी पढ़ें- Prayer In Pahari: बच्चों को जड़ों से जोड़ने का प्रयास, सिरमौर के इस स्कूल में पहाड़ी बोली में शुरू हुई प्रार्थना सभा

Last Updated : Aug 31, 2023, 7:01 PM IST
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