बिलासपुर: गोबिंद सागर झील पर स्थित भाखड़ा बांध पर खतरे के बादल मंडराना शुरू हो गए हैं. इस बांध के कुछ स्थानों पर दरारें आना शुरू हो गई हैं. जिससे आने वाले समय में देश के लिए यह एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. इस बांध के नुकसान से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल व अन्य राज्य इसमें सबसे अधिक प्रभावित होंगे. इस बड़ी समस्या को लेकर बीबीएमबी की ओर से केंद्र सरकार को काफी समय पहले एक पत्र भी लिखा गया है, जिसके बारे में यह सारी स्थिति स्पष्ट की गई है. अगर समय रहते केंद्र सरकार इस बारे में कोई बड़ा उचित कदम नहीं उठाती है तो भविष्य में यह संकट पूरे देशभर के लिए बन सकता है.
यह बात मंगलवार को बिलासपुर नगर के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ मंत्री व पूर्व विधायक रामलाल ठाकुर ने कही. रामलाल ठाकुर ने कहा कि उनके पास यह पुख्ता जानकारी है कि भाखड़ा बांध के कुछ हिस्सों में दिक्कत आ गई है. जिसका परिणाम आज, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली भुगत रहा है. उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध के गेट खोल दिए गए हैं, जिसके कारण यहां से पानी नीचे समतल एरिया में जाकर पहुंच चुका है. उन्होंने यह भी कहा है कि भाखड़ा प्रबंधन बोर्ड इस संदर्भ में सही जानकारी नहीं दे रहा है, लेकिन यह सही है कि भाखड़ा के गेट खोले गए हैं.
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रामलाल ठाकुर ने कहा कि विदेश से एक टीम भाखड़ा बांध का सर्वे करने के लिए भी पहुंची हुई है. भारत सरकार को इस संदर्भ में कोई उचित कदम उठाने चाहिए, ताकि इस विशालकाय समस्या को जल्द से जल्द हल किया जा सके. उन्होंने कहा कि अगर भाखड़ा बांध को कुछ अधिक नुकसान पहुंचता है तो इससे भारत के कई राज्यों के साथ-साथ पाकिस्तान भी इस बाढ़ की जद में आ सकता है.
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रामलाल ठाकुर ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि इस समय हिमाचल में जो त्रासदी हुई है वह कोई छोटी त्रासदी नहीं है. भारत सरकार को हिमाचल को नेशनल आपदा त्रासदी घोषित कर देना चाहिए. उन्होंने हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले केंद्र सरकार के बड़े नेताओं से भी आग्रह किया है कि इस त्रासदी को राजनीति दृष्टि से ना देखें, बल्कि केंद्र सरकार हिमाचल सरकार को इस आपदा की घड़ी में पूरा साथ दें. रामलाल ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार को इस वक्त हिमाचल सरकार के लिए 5 हजार करोड़ रूपये का अलग से बजट जारी करना चाहिए, ताकि इस आपदा की स्थिति में प्रदेश सरकार हिमाचल को सही पटड़ी पर लाने का पूरा प्रयास कर सके.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिमाचल 10 साल पीछे चला गया है. हिमाचल में पर्यटन व अन्य सभी वर्ग बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं. उन्होंने हिमाचल सरकार से भी मांग की है कि जो आंकड़े अभी तक दिखाए जा रहे हैं, उनसे ज्यादा हिमाचल को नुकसान व मौतें हो चुकी हैं. हिमाचल सरकार को माइक्रो स्टडी करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमाचल में 1700 रूट पूरे तरह से प्रभावित हुए है और जो सड़कें सीधे गांव तक जुड़ी थी आज वह पूरी तरह से तबाह हो गई हैं.
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