बिलासपुर: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के गोद लिए गांव में 1 वर्ष से ज्यादा समय हो जाने पर भी आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड स्कीम के तेहत आज तक कार्ड नहीं बन पाए हैं. लोगों ने बताया कि कार्ड बनाने के लिए हर परिवार के सदस्यों से 400 रुपये लिए गए थे और कुछ परिवारों से 800 रुपये लिए गए थे. लोगों ने बताया कि जिस कंपनी को विभाग ने कार्ड बनाने के आदेश दिए थे उस कंपनी से ग्रामीणों को आज तक कोई कार्य नहीं मिल पाया है.
ग्रामीणों का आरोप है कि बिलासपुर अस्पताल के सीएमओ और सदर विधायक को भी इसके बारे में काफी बार अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. अब सवाल ये उठता है कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा गोद लिए गांव का ये हाल है तो और जगह का क्या हाल होगा. प्रशासन को ग्रामीणों द्वारा बार-बार मामले से अवगत करवाने के बावजूद कम्पनी का पता तक नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई है. जिससे पता चलता है कि प्रशासन भी कंपनी के साथ मिली भगत कर रहा है.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि लाखों रुपये इकट्ठा करके कम्पनी का कोई पता नहीं है. न ही प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई हो पाई है. उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.
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