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नयना देवी न्यास की आय में करोड़ों की कमी, 1.72 करोड़ पर सिमटा आंकड़ा

कोरोना काल ने शक्तिपीठ नयना देवी के आय के स्रोत को बुरी तरह से प्रभावित किया है. पिछले साल अप्रैल से अगस्त माह तक न्यास को कुल 11,02,46,369 रुपये की आय हुई थी. इसमें चढ़ावे के साथ बैंक में पहले से जमा राशि का ब्याज और ऑनलाइन चढ़ावा भी शामिल है. इसकी तुलना में उक्त अवधि के दौरान इस साल न्यास को महज 1,72,78,537 रुपये की आय हुई है.

शक्तिपीठ नयना देवी
शक्तिपीठ नयना देवी
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Published : Sep 17, 2020, 11:03 AM IST

बिलासपुर: कोरोना संकट की वजह से उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयना देवी के चढ़ावे में करोड़ों की कमी दर्ज की गई है. हालांकि पिछले वर्ष अप्रैल से लेकर अगस्त महीने तक नयना देवी मंदिर न्यास को चढ़ावे समेत अन्य मदों से लगभग 11 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो इस साल महज करीब 1.72 करोड़ पर सिमट गई.

इसमें भी अधिकांश आय बैंक में जमा पैसे पर ब्याज के रूप में हुई है. इस लिहाज से पिछले साल की तुलना में मंदिर न्यास की आय में करीब 9.29 करोड़ की कमी दर्ज हुई है. वहीं, पिछले साल इस अवधि के दौरान लाखों रुपये का सोने-चांदी का चढ़ावा एकत्रित हुआ था.

कोरोना काल ने शक्तिपीठ नयना देवी के आय के स्रोत को बुरी तरह से प्रभावित किया है. जानकारी के मुताबिक शक्तिपीठ नयनादेवी में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालुओं द्वारा नयना मां के चरणों में अर्पित किया जाने वाला चढ़ावा ही मंदिर न्यास की आय का मुख्य स्रोत रहता है.

पिछले साल अप्रैल से अगस्त माह तक न्यास को कुल 11,02,46,369 रुपये की आय हुई थी. इसमें चढ़ावे के साथ बैंक में पहले से जमा राशि का ब्याज और ऑनलाइन चढ़ावा भी शामिल है. इसकी तुलना में उक्त अवधि के दौरान इस साल न्यास को महज 1,72,78,537 रुपये की आय हुई है.

इस आय का ज्यादातर हिस्सा बैंक में जमा राशि का ब्याज है. इस लिहाज से पिछले साल की तुलना में अप्रैल से अगस्त माह तक न्यास की आय में 9,29,67,832 रुपये की कमी दर्ज हुई है. बीते साल अप्रैल से अगस्त माह तक मंदिर न्यास को चढ़ावे के रूप में 2.660 किलोग्राम सोना और 1073.993 किलोग्राम चांदी हासिल हुई थी, लेकिन इस साल चढ़ावे में किसी भी तरह का सोना चांदी नहीं मिला है. श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले दान के मामले में एक अहम पहलू यह भी है कि पिछले साल इसी अवधि में 35,28,690 रुपये की राशि ऑनलाइन चढ़ावे के रूप में एकत्रित हुई थी, लेकिन इस साल यह आंकड़ा महज 13,70,562 रुपये पर सिमट गया है. पिछले साल की तुलना में ऑनलाइन चढ़ावे की राशि 21,58,128 रुपये कम हुए हैं.

कोरोना का खतरा अभी बरकरार है. हालांकि मंदिर खोल दिए गए हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की आमद बेहद कम है. बता दें कि 10 सितंबर से मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर खुलने पर पहले दिन 266, जबकि दूसरे दिन शुक्रवार को 144 श्रद्धालु नयनादेवी आए थे.

10 सितंबर को 30,200 रुपये और शुक्रवार के दिन 18070 रुपये चढ़ावा दर्ज किया गया था. इन दो दिनों में महज 48270 रुपये चढ़ावा एकत्रित हुआ. 12 सितंबर को श्रद्धालुओं की तादाद 215 दर्ज की गई है. ऐसे में श्रद्धालुओं की कम आमद की वजह से चढ़ावे में कमी आई है. नयनादेवी के एसडीएम एवं मंदिर न्यास के अध्यक्ष सुभाष कुमार गौतम ने इसकी पुष्टि की है.

पहले से जमा राशि से चलाया जा रहा काम

नयना देवी में चढ़ावे में दर्ज कमी का असर आने वाले समय में कई कार्यों पर पड़ने के आसार हैं. कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, मंदिर व न्यास की धर्मशालाओं आदि की देखरेख और धार्मिक नगरी में चलाए जा रहे विकास कार्यों के लिए फिलहाल बैंक में पहले से जमा राशि खर्च हो रही है. यदि कोरोना का संकट और लंबा रहा तो भविष्य में न्यास को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ सकता है.

बिलासपुर: कोरोना संकट की वजह से उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयना देवी के चढ़ावे में करोड़ों की कमी दर्ज की गई है. हालांकि पिछले वर्ष अप्रैल से लेकर अगस्त महीने तक नयना देवी मंदिर न्यास को चढ़ावे समेत अन्य मदों से लगभग 11 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो इस साल महज करीब 1.72 करोड़ पर सिमट गई.

इसमें भी अधिकांश आय बैंक में जमा पैसे पर ब्याज के रूप में हुई है. इस लिहाज से पिछले साल की तुलना में मंदिर न्यास की आय में करीब 9.29 करोड़ की कमी दर्ज हुई है. वहीं, पिछले साल इस अवधि के दौरान लाखों रुपये का सोने-चांदी का चढ़ावा एकत्रित हुआ था.

कोरोना काल ने शक्तिपीठ नयना देवी के आय के स्रोत को बुरी तरह से प्रभावित किया है. जानकारी के मुताबिक शक्तिपीठ नयनादेवी में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालुओं द्वारा नयना मां के चरणों में अर्पित किया जाने वाला चढ़ावा ही मंदिर न्यास की आय का मुख्य स्रोत रहता है.

पिछले साल अप्रैल से अगस्त माह तक न्यास को कुल 11,02,46,369 रुपये की आय हुई थी. इसमें चढ़ावे के साथ बैंक में पहले से जमा राशि का ब्याज और ऑनलाइन चढ़ावा भी शामिल है. इसकी तुलना में उक्त अवधि के दौरान इस साल न्यास को महज 1,72,78,537 रुपये की आय हुई है.

इस आय का ज्यादातर हिस्सा बैंक में जमा राशि का ब्याज है. इस लिहाज से पिछले साल की तुलना में अप्रैल से अगस्त माह तक न्यास की आय में 9,29,67,832 रुपये की कमी दर्ज हुई है. बीते साल अप्रैल से अगस्त माह तक मंदिर न्यास को चढ़ावे के रूप में 2.660 किलोग्राम सोना और 1073.993 किलोग्राम चांदी हासिल हुई थी, लेकिन इस साल चढ़ावे में किसी भी तरह का सोना चांदी नहीं मिला है. श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले दान के मामले में एक अहम पहलू यह भी है कि पिछले साल इसी अवधि में 35,28,690 रुपये की राशि ऑनलाइन चढ़ावे के रूप में एकत्रित हुई थी, लेकिन इस साल यह आंकड़ा महज 13,70,562 रुपये पर सिमट गया है. पिछले साल की तुलना में ऑनलाइन चढ़ावे की राशि 21,58,128 रुपये कम हुए हैं.

कोरोना का खतरा अभी बरकरार है. हालांकि मंदिर खोल दिए गए हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की आमद बेहद कम है. बता दें कि 10 सितंबर से मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर खुलने पर पहले दिन 266, जबकि दूसरे दिन शुक्रवार को 144 श्रद्धालु नयनादेवी आए थे.

10 सितंबर को 30,200 रुपये और शुक्रवार के दिन 18070 रुपये चढ़ावा दर्ज किया गया था. इन दो दिनों में महज 48270 रुपये चढ़ावा एकत्रित हुआ. 12 सितंबर को श्रद्धालुओं की तादाद 215 दर्ज की गई है. ऐसे में श्रद्धालुओं की कम आमद की वजह से चढ़ावे में कमी आई है. नयनादेवी के एसडीएम एवं मंदिर न्यास के अध्यक्ष सुभाष कुमार गौतम ने इसकी पुष्टि की है.

पहले से जमा राशि से चलाया जा रहा काम

नयना देवी में चढ़ावे में दर्ज कमी का असर आने वाले समय में कई कार्यों पर पड़ने के आसार हैं. कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, मंदिर व न्यास की धर्मशालाओं आदि की देखरेख और धार्मिक नगरी में चलाए जा रहे विकास कार्यों के लिए फिलहाल बैंक में पहले से जमा राशि खर्च हो रही है. यदि कोरोना का संकट और लंबा रहा तो भविष्य में न्यास को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ सकता है.

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