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दिवाली बंपर ने बदली किस्मत, ऊना के पेंटर ने जीती ढाई करोड़ की लॉटरी

ऊना के गांव चुरुडू के रहने वाले संजीव कुमार की रातों-रात किस्मत खुल गई है. संजीव की पंजाब स्टेट लॉटरी में ढाई करोड़ रुपये की लॉटरी लगी है. संजीव कुमार पेंटर और इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और पिछले तीन सालों से लॉटरी डालकर अपनी किस्मत आजमा रहा था.

संजीव लॉटरी विजेता
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Published : Nov 3, 2019, 6:46 PM IST

ऊना: रातों-रात करोड़पति बनने के सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन इस सपने का साकार होना हर किसी के हाथ में नहीं है और किसकी किस्मत कब कहां चमक जाए किसे पता. ऐसा ही कुछ हुआ है ऊना जिला के गांव चुरुडु में रहने वाले संजीव कुमार के साथ.

दरअसल संजीव की पंजाब स्टेट लॉटरी दिवाली बंपर में ढाई करोड़ रुपये की लॉटरी लगी है. संजीव कुमार पेंटर, प्लंबर और इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और पिछले तीन सालों से लॉटरी डालकर अपनी किस्मत आजमा रहा था, लेकिन इस बार दिवाली बंपर ने संजीव की किस्मत बदल दी.

वीडियो.

संजीव ने बताया कि वो पीजीआई चंडीगढ़ में अपने बेटे का चैकअप करवाकर वापिस आ रहा था, तभी नंगल पंजाब में बस अड्डे के पास उसने लॉटरी का स्टॉल देखा और ए और बी सीरीज की दो लॉटरी टिकट खरीद ली. इनमें से एक लॉटरी संजीव ने खुद चुनी, जबकि एक लॉटरी उसने अपने बेटे के हाथ से निकलवाई.

जो लॉटरी की टिकट संजीव के बेटे ने चुनी थी उसी टिकट पर इनाम निकला है. संजीव की माने तो वो इनामी राशि को अपने बच्चों के भविष्य और खुद का व्यवसाय करने पर खर्च करने की योजना बना रहा है. संजीव के घर पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है.

ऊना: रातों-रात करोड़पति बनने के सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन इस सपने का साकार होना हर किसी के हाथ में नहीं है और किसकी किस्मत कब कहां चमक जाए किसे पता. ऐसा ही कुछ हुआ है ऊना जिला के गांव चुरुडु में रहने वाले संजीव कुमार के साथ.

दरअसल संजीव की पंजाब स्टेट लॉटरी दिवाली बंपर में ढाई करोड़ रुपये की लॉटरी लगी है. संजीव कुमार पेंटर, प्लंबर और इलेक्ट्रिशियन का काम करता है और पिछले तीन सालों से लॉटरी डालकर अपनी किस्मत आजमा रहा था, लेकिन इस बार दिवाली बंपर ने संजीव की किस्मत बदल दी.

वीडियो.

संजीव ने बताया कि वो पीजीआई चंडीगढ़ में अपने बेटे का चैकअप करवाकर वापिस आ रहा था, तभी नंगल पंजाब में बस अड्डे के पास उसने लॉटरी का स्टॉल देखा और ए और बी सीरीज की दो लॉटरी टिकट खरीद ली. इनमें से एक लॉटरी संजीव ने खुद चुनी, जबकि एक लॉटरी उसने अपने बेटे के हाथ से निकलवाई.

जो लॉटरी की टिकट संजीव के बेटे ने चुनी थी उसी टिकट पर इनाम निकला है. संजीव की माने तो वो इनामी राशि को अपने बच्चों के भविष्य और खुद का व्यवसाय करने पर खर्च करने की योजना बना रहा है. संजीव के घर पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है.

Intro:स्लग -- ऊना के पेंटर की बदली किस्मत, दिवाली बम्पर में पेंटर संजीव की लगी अढ़ाई करोड़ की लॉटरी, लॉटरी लगने के बाद संजीव के घर में ख़ुशी का माहौल, तीन सालों से लॉटरी खरीद आजमा रहा था किस्मत, पीजीआई में बेटे का चैकअप करवाकर वापिस आते खरीदी थी लॉटरी, इनाम की राशि को बच्चों की पढ़ाई और व्यापार में लगाएगा संजीव।Body:एंकर -- ऊना जिला के गांव चुरुडू के रहने वाले संजीव कुमार की रातों रात किस्मत खुल गई है। संजीव की पंजाब स्टेट लॉटरी दिवाली बंपर में अढ़ाई करोड़ रुपये की लॉटरी लगी है। लॉटरी लगने की सूचना मिलते ही संजीव के घर में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है। दरअसल संजीव कुमार पेंटर, प्लंबर और इलैक्ट्रिशियन का काम करता है और पिछले तीन सालों से लॉटरी डालकर अपनी किस्मत आजमा रहा था लेकिन इस बार दिवाली बंपर ने संजीव की किस्मत बदल दी। संजीव इनामी राशि को बच्चों के भविष्य और अपने लिए व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा है।

वी ओ 1 -- रातों-रात करोड़पति बनने के सपने तो हर कोई देखता है, लेकिन इस सपने का साकार होना हर किसी के हाथ में नहीं है और किसकी किस्मत कब कहां चमक जाए किसे पता। ऐसा ही कुछ हुआ है ऊना जिला के गांव चुरुडु में रहने वाले संजीव कुमार के साथ। संजीव कुमार पेंटर, प्लंबर और इलैक्ट्रिशियन का काम करता है। संजीव कुमार पंजाब स्टेट के दिवाली लॉटरी बंपर में अढ़ाई करोड़ की राशि का पहला इनाम हासिल हुआ है। संजीव कुमार पिछले 3 वर्षों से लॉटरी डालकर अपनी किस्मत को अजमा रहा था और आखिरकार इस बार भगवान ने उसकी किस्मत में अढ़ाई करोड़ रुपये की लॉटरी का इनाम दे ही दिया। संजीव ने बताया कि वो पीजीआई चंडीगढ़ में अपने बेटे का चैकअप करवाकर वापिस आ रहा था तभी नंगल पंजाब में बस अड्डे के पास उसने लॉटरी का स्टाल देखा और ए और बी सीरीज की दो लॉटरी टिकट खरीद ली। इनमें से एक लॉटरी संजीव ने खुद चुनी जबकि एक लॉटरी उसने अपने बेटे के हाथ से निकलवाई। जो लॉटरी की टिकट संजीव के बेटे ने चुनी थी उसी टिकट पर इनाम निकला है। संजीव की माने तो अभी तक उसने इनामी राशि को खर्च करने की कोई योजना तैयार नहीं की है लेकिन संजीव इनामी राशि को अपने बच्चो के भविष्य और खुद का व्यवसाय करने पर खर्च करने की योजना बना रहा है। संजीव के घर पत्नी और एक बेटा और एक बेटी है। संजीव की माने तो उसने कभी नहीं सोचा था कि उसे इतनी बड़ी इनामी राशि निकलेगी।

बाइट -- संजीव कुमार (लॉटरी विजेता)
LOTTERY UNA 3

बाइट -- किशोरी लाल (संजीव के पिता)
LOTTERY UNA 4
वहीँ संजीव के पिता किशोरी लाल ने कहा कि उसने अपने बेटों को बिजली और प्लंबर का काम सिखाया और उसके बेटे अपने काम को दिल लगाकर करते है। वहीँ किशोरी लाल ने बेटे संजीव को इनामी राशि का सही से उपयोग करने की भी नसीहत दी है
Conclusion:
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