ऊना: मॉनसून सीजन बीतने के करीब 4 महीने बाद जिला की सरजमीं पर एक बार फिर बूंदाबांदी (rain in Una) शुरु हुई है. लंबे अंतराल के बाद हो रही बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं, सर्दी जनित रोगों का भय अब लोगों को नहीं सताएगा. कृषि वैज्ञानिक इस बारिश को फसलों के लिए (Farmers happy in Una) संजीवनी मानते हैं. सोमवार देर रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश फसलों के लिए काफी सकारात्मक है. जिला में रबी फसलों का सीजन अक्टूबर अंत से शुरू हो जाता है, लेकिन तब से लेकर अभी तक बारिश का न होना किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ था.
खेती कारोबार से जुड़े लोग इस बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. न सिर्फ परंपरागत खेती, बल्कि नकदी फसलों में सब्जी के लिए यह बारिश अमृत का काम कर रही है. किसानों का कहना है कि लंबे अरसे से इस बारिश का इंतजार था. जिले के मैदानी इलाकों में हालांकि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन अधिकतर कृषि योग्य भूमि बरसाती पानी पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि रबी फसलों के सीजन की यह पहली बारिश है. बारिश की कमी से दम तोड़ने की कगार पर पहुंची फसलों को इससे निश्चित रूप से (Farming in Una) संजीवनी मिलेगी.
हालांकि आलू की फसल के (himachal Agricultural Scientist on weather) लिए मौसम विभाग के अनुसार 3 से 4 दिन तक होने वाली बारिश नुकसानदायक साबित हो सकती है. इस फसल में झुलसा रोग आने की प्रबल संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि आलू के पत्तों में काला धब्बा आने की शिकायत सामने आती है तो किसान तुरंत कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क करें. डॉ. बीएन सिन्हा ने बताया कि गेहूं की पैदावार लेने वाले किसानों के लिए खुशखबरी यह है कि इस बारिश के चलते पीला रतुआ नामक रोग की संभावना 90 फीसदी तक कम हो जाती है.
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