ऊना: जिला ऊना में ड्रैगन फ्रूट की खेती को कमर्शियल स्तर पर ले जाने के लिए प्रयास शुरु कर दिए गए हैं. गौरतलब है कि अभी तक जिले में केवल मात्र दो ही किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे थे. पिछले वर्ष इन किसानों को प्रायोगिक तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया था. इस प्रयोग के सफल रहने के बाद अब जिले में करीब 16 हेक्टेयर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit Farming In Una) की कमर्शियल खेती की जाएगी. जिसके चलते करीब 80 किसानों को मनरेगा योजना के तहत खेतों को विकसित करने से लेकर ड्रैगन फ्रूट के पौधों को रोपित करने और पौधों को बढ़ने में सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे.
हालांकि इस परियोजना के तहत किसानों का चयन भी कर लिया गया है लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग स्वेच्छा से भी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए आगे आए हैं और वह अपने स्तर पर फल की खेती करने के लिए भी तैयार हुए हैं. बता दें कि जिले में पिछले वर्ष विकासशील किसानों को ड्रैगन फ्रूट पर करवाया गया ओरियटेशन प्रोग्राम सफल रहा है. अभी तक जिले के केवल मात्र दो ही किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे थे.
इसी प्रयास के सफल रहने पर प्रदेश सरकार ने ड्रैगन फ्रूट को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में पेश हुए बजट में भी प्रावधान किया है. जिसके चलते इस वर्ष जिला प्रशासन ने जिले में करीब 16 हेक्टेयर भूमि पर (Dragon Fruit Farming In Una) ड्रैगन फ्रूट की कमर्शियल खेती करने का फैसला लिया है. जिसमें 80 किसानों को इसके साथ जोड़कर ड्रैगन फ्रूट को जिले में मजबूत स्थिती में लाने का प्रयास किया जाएगा. इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा मनरेगा योजना के अधीन किसानों को 16 हेक्टेयर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट के पौधों का रोपण करने का लाभ दिया जाएगा.
इसके तहत पहले चरण में बंगाणा ब्लॉक के 24 किसानों को 24 लाख रुपए का लाभ देते हुए ड्रैगन फ्रूट के पौधों से लेकर खेतों को डिवेलप करने का काम भी किया जाएगा. इसके अतिरिक्त फल के पौधों को सुरक्षित रखने के लिए भी किसानों को मनरेगा योजना के तहत अनुदान दिया जा रहा है. डीसी ऊना राघव शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के अतिरिक्त कुछ लोग स्वेच्छा से भी ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने बताया कि यह फल अच्छी कीमत में बाजार में बिकता है जिससे किसानों को आने वाले समय में काफी लाभ (Dragon Fruit Farming Profit) होने की उम्मीद है.