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नो मास्क-नो सर्विस नियम को कड़ाई से लागू करें अधिकारीः डीसी

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Published : Mar 23, 2021, 7:28 PM IST

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर उपायुक्त राघव शर्मा ने बैठक की. डीसी राघव शर्मा ने बताया कि होली पर्व पर सार्वजनिक एवं सामूहिक आयोजन को भी प्रतिबंधित किया गया है. डीसी ने जिलावासियों से अपील की है कि वे अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ घर पर ही होली का त्योहार मनाएं. लंगर, भंडारे व सामूहिक भोज के लिए संबंधित एसडीएम की अनुमति लेने के उपरांत ही आयोजित किए जा सकेंगे.

अधिकारियों के साथ डीसी ने की बैठक
अधिकारियों के साथ डीसी ने की बैठक

ऊना: जिला में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर उपायुक्त राघव शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नो मास्क-नो सर्विस नियम का कड़ाई से पालन होना चाहिए. कड़ाई के साथ नियमों का पालन करने के लिए आवश्यकतानुसार सख्त कदम उठाने होंगे.

नो मास्क-नो सर्विस

राघव शर्मा ने कहा कि सभी निजी व सरकारी संस्थानों एवं कार्यालयों द्वारा नो मास्क नो सर्विस के सिद्धांत की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित की जाए. मास्क या फेस कवर लगाकर आने वाले व्यक्ति को ही दुकानों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, बसों तथा सरकारी व निजी संस्थानों में आने दिया जाएगा और सर्विस दी जाएगी. जिला में 23 मार्च से धार्मिक या अन्य स्थलों पर मेलों के आयोजन पर रोक लगा दी गई है. अस्थाई दुकानों, अस्थाई ठहराव, सांस्कृतिक संध्याओं, लंगर, भंडारे और भीड़ को एकत्रित करने वाले सभी आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा. छिंज, कुश्ती, दंगल व कबड्डी जैसे खेलों पर भी 31 मार्च तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

सार्वजनिक एवं सामूहिक आयोजनों पर प्रतिबंध

डीसी राघव शर्मा ने बताया कि होली पर्व पर सार्वजनिक एवं सामूहिक आयोजन को भी प्रतिबंधित किया गया है. डीसी ने जिलावासियों से अपील की है कि वे अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ घर पर ही होली का त्योहार मनाएं. लंगर, भंडारे व सामूहिक भोज के लिए संबंधित एसडीएम की अनुमति लेने के उपरांत ही आयोजित किए जा सकेंगे. ऐसे आयोजनों में भोजन परोसने वालों, कैटरिंग का कार्य करने वालों व सेवादारों की आयोजन से 96 घंटे पूर्व प्राप्त की गई कोविड निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया है. आयोजन की अनुमति लेते वक्त आयोजक को कोविड निगेटिव रिपोर्ट एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी.

कंटेनमेंट जोन की निगरानी के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था

डीसी राघव शर्मा ने बताया कि कंटेनमेंट जोन की निगरानी के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था बनाई गई है. ग्रामीण क्षेत्र में प्रथम स्तर पर आशा कार्यकर्ता, द्वितीय स्तर पर पंचायत प्रधान व सचिव और तृतीय स्तर पर स्थानीय पुलिस को शामिल किया गया है, जबकि शहरी क्षेत्र में प्रथम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, द्वितीय स्तर पर शहरी निकाय के वार्ड सदस्य व कार्यकारी अधिकारी और तृतीय स्तर पर स्थानीय पुलिस की भूमिका रहेगी. तीनों स्तर के कर्मचारी एवं प्रतिनिधि कंटेनमेंट जोन की दैनिक आधार निगरानी करेंगे और नियमों का उल्लंघन होने पर तुरंत संबंधित एसडीएम को सूचित करेंगे. एसडीएम समय-समय पर इन अधिकारियों के साथ कंटेनमेंट जोन की अनुपालना की समीक्षा करेंगे.

निरीक्षण की दैनिक रिपोर्ट भेजनी होगी

डीसी राघव शर्मा ने बताया कि कोविड एसओपी की अनुपालना की निगरानी के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाएंगे. उन्हें निरीक्षण की दैनिक रिपोर्ट जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र को भेजनी होगी. आरटीओ ऊना द्वारा बसों का, डीएफएससी द्वारा होटल, ढाबों व रेस्तरां, जीएम डीआइसी द्वारा औद्योगिक ईकाइयों का और आरएम एचआरटीसी द्वारा बस अड्डों का निरीक्षण किया जाएगा. विद्यालयों, महाविद्यालयों व छात्रावासों का निरीक्षण, शिक्षा उपनिदेशकों द्वारा जबकि भट्टों व कंस्ट्रक्शन साइट का निरीक्षण श्रम निरीक्षक द्वारा किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: शिमला में फिर बढ़ेंगी पाबंदियां, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए डीसी ने दिए निर्देश

ऊना: जिला में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर उपायुक्त राघव शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नो मास्क-नो सर्विस नियम का कड़ाई से पालन होना चाहिए. कड़ाई के साथ नियमों का पालन करने के लिए आवश्यकतानुसार सख्त कदम उठाने होंगे.

नो मास्क-नो सर्विस

राघव शर्मा ने कहा कि सभी निजी व सरकारी संस्थानों एवं कार्यालयों द्वारा नो मास्क नो सर्विस के सिद्धांत की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित की जाए. मास्क या फेस कवर लगाकर आने वाले व्यक्ति को ही दुकानों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, बसों तथा सरकारी व निजी संस्थानों में आने दिया जाएगा और सर्विस दी जाएगी. जिला में 23 मार्च से धार्मिक या अन्य स्थलों पर मेलों के आयोजन पर रोक लगा दी गई है. अस्थाई दुकानों, अस्थाई ठहराव, सांस्कृतिक संध्याओं, लंगर, भंडारे और भीड़ को एकत्रित करने वाले सभी आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा. छिंज, कुश्ती, दंगल व कबड्डी जैसे खेलों पर भी 31 मार्च तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

सार्वजनिक एवं सामूहिक आयोजनों पर प्रतिबंध

डीसी राघव शर्मा ने बताया कि होली पर्व पर सार्वजनिक एवं सामूहिक आयोजन को भी प्रतिबंधित किया गया है. डीसी ने जिलावासियों से अपील की है कि वे अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ घर पर ही होली का त्योहार मनाएं. लंगर, भंडारे व सामूहिक भोज के लिए संबंधित एसडीएम की अनुमति लेने के उपरांत ही आयोजित किए जा सकेंगे. ऐसे आयोजनों में भोजन परोसने वालों, कैटरिंग का कार्य करने वालों व सेवादारों की आयोजन से 96 घंटे पूर्व प्राप्त की गई कोविड निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया है. आयोजन की अनुमति लेते वक्त आयोजक को कोविड निगेटिव रिपोर्ट एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी.

कंटेनमेंट जोन की निगरानी के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था

डीसी राघव शर्मा ने बताया कि कंटेनमेंट जोन की निगरानी के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था बनाई गई है. ग्रामीण क्षेत्र में प्रथम स्तर पर आशा कार्यकर्ता, द्वितीय स्तर पर पंचायत प्रधान व सचिव और तृतीय स्तर पर स्थानीय पुलिस को शामिल किया गया है, जबकि शहरी क्षेत्र में प्रथम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, द्वितीय स्तर पर शहरी निकाय के वार्ड सदस्य व कार्यकारी अधिकारी और तृतीय स्तर पर स्थानीय पुलिस की भूमिका रहेगी. तीनों स्तर के कर्मचारी एवं प्रतिनिधि कंटेनमेंट जोन की दैनिक आधार निगरानी करेंगे और नियमों का उल्लंघन होने पर तुरंत संबंधित एसडीएम को सूचित करेंगे. एसडीएम समय-समय पर इन अधिकारियों के साथ कंटेनमेंट जोन की अनुपालना की समीक्षा करेंगे.

निरीक्षण की दैनिक रिपोर्ट भेजनी होगी

डीसी राघव शर्मा ने बताया कि कोविड एसओपी की अनुपालना की निगरानी के लिए संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाएंगे. उन्हें निरीक्षण की दैनिक रिपोर्ट जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र को भेजनी होगी. आरटीओ ऊना द्वारा बसों का, डीएफएससी द्वारा होटल, ढाबों व रेस्तरां, जीएम डीआइसी द्वारा औद्योगिक ईकाइयों का और आरएम एचआरटीसी द्वारा बस अड्डों का निरीक्षण किया जाएगा. विद्यालयों, महाविद्यालयों व छात्रावासों का निरीक्षण, शिक्षा उपनिदेशकों द्वारा जबकि भट्टों व कंस्ट्रक्शन साइट का निरीक्षण श्रम निरीक्षक द्वारा किया जाएगा.

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