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ऊना में अंतर्राज्यीय आवाजाही पर संशोधन, जानें क्या है नए नियम

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Published : Jul 15, 2020, 8:59 PM IST

बाहरी राज्यों के श्रमिकों की आवाजाही को लेकर जिला ऊना प्रशासन ने सावधानी और सुरक्षा निर्देशों को लेकर संशोधन किया है. जिला में अंतर्राज्यीय आवाजाही को लेकर किये गए बदलावों के तहत अब उद्योगपतियों को बाहरी राज्यों से कर्मचारियों को लाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी.

inter state movement in una
inter state movement in una

ऊना: जिला में अंतर्राज्यीय आवाजाही को लेकर पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों में आंशिक संशोधन किया गया है. इस बारे में जानकारी देते हुए डीसी संदीप कुमार ने बताया कि उद्योगपतियों को बाहरी राज्यों से कर्मचारियों व मजदूरों को लाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी.

बाहरी राज्यों से आने वाले कर्मचारियों और मजदूरों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार क्वारंटाइन की अवधि को पूरा करना होगा. उपायुक्त ने बताया कि कर्मचारियों व मजदूरों के क्वारंटाइन करने की पूरी व्यवस्था उद्योगपति ही करेंगे जाएगी.

उन्होंने बताया कि जिला ऊना उद्योगपति इकाइयों में कार्यरत दैनिक भोगी आधार पर बाहरी राज्यों आने वाले कर्मचारी और मजदूरों को डीसी या उनके द्वारा किए गए प्राधिकृत अधिकारियों के निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा. इसके अलावा कर्मचारियों के साथ वाहन की पूरी जानकारी देनी होगी.

उन्होंने बताया कि जो कर्मचारी औद्योगिक क्षेत्र के तीन किलोमीटर क्षेत्र से अन्य राज्य सीमा में रहते हैं. वो कर्मचारियों प्रवेश द्वार पर अपना आई-कार्ड दिखकर सीमा में प्रवेश कर सकते हैं. जिला में फैक्ट्री मालिकों और वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों को बाहर से आने की अनुमति होगी, लेकिन कंटेनमेंट जोन से आने वाले उद्योगपतियों को निजी वाहनों में आने की अनुमति दी जाएगी.

डीसी का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में आने-जाने वाले श्रमिकों व कर्मचारियों को अंडरटेकिंग देनी होगी कि कार्य क्षेत्र से निवास लौटने के बाद कोविड-19 की रोकथाम के लिए निर्धारित सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे और बेवजह अपने घर से बाहर किसी के संपर्क में नहीं आएगें.

कर्मचारियों को निवास से कार्यक्षेत्र और वापिस ले जाने के लिए सेनिटाइज किए हुए वाहन का इस्तेमाल किया जाएगा और इस वाहन में कर्मचारियों को मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग करना होगा. इसके अलावा सामाजिक दूरी के निर्धारित मापदंडों की पालना सुनिश्चित करना होगी.

वाहन पर सवार होने से पहले हर कर्मचारी की स्क्रीनिंग पर भी जिला उपायुक्त ने निर्दश दिये हैं, जिसका औद्योगिक इकाई द्वारा समुचित रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा. कर्मचारी की घर वापसी पर भी स्क्रीनिंग की जाएगी.

इसके अलावा कर्मचारियों को ले जा रहा वाहन हिमाचल प्रदेश परिक्षेत्र में कहीं भी नहीं रोकना चाहिए और किसी भी कर्मचारी को रास्ते में उतरने की अनुमति नहीं होगी. वाहन औद्योगिक इकाई के परिसर में ही रोकना चाहिए. फैक्ट्री में पहुंचने पर कर्मचारियों द्वारा निर्धारित एसओपी नियमों का पूरा पालन करना होगा और कार्य अवधि के दौरान किसी भी कर्मचारी को फैक्ट्री में जाने की अनुमति नहीं होगी. बता दें कि बाहर से आने वाले श्रमिकों के चलते जिला में कोरोना के मामले बढ़े हैं.

हाल ही में जिला में बाहरी राज्य से आए दो श्रमिक कोरोना संक्रमित पाए गए थे. जिनमें से एक श्रमिक कार्यस्थल पर 150 लोगों के संपर्क में आया था, जिसके चलते जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रमिकों की एंट्री और क्वारंटाइन को लेकर सख्ती बढ़ा दी है. जिला में अभी तक कोरोना के कुल 144 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 30 मामले एक्टिव हैं जबकि 114 लोग स्वस्थ हो चुके हैं.

ऊना: जिला में अंतर्राज्यीय आवाजाही को लेकर पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों में आंशिक संशोधन किया गया है. इस बारे में जानकारी देते हुए डीसी संदीप कुमार ने बताया कि उद्योगपतियों को बाहरी राज्यों से कर्मचारियों व मजदूरों को लाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी.

बाहरी राज्यों से आने वाले कर्मचारियों और मजदूरों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार क्वारंटाइन की अवधि को पूरा करना होगा. उपायुक्त ने बताया कि कर्मचारियों व मजदूरों के क्वारंटाइन करने की पूरी व्यवस्था उद्योगपति ही करेंगे जाएगी.

उन्होंने बताया कि जिला ऊना उद्योगपति इकाइयों में कार्यरत दैनिक भोगी आधार पर बाहरी राज्यों आने वाले कर्मचारी और मजदूरों को डीसी या उनके द्वारा किए गए प्राधिकृत अधिकारियों के निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा. इसके अलावा कर्मचारियों के साथ वाहन की पूरी जानकारी देनी होगी.

उन्होंने बताया कि जो कर्मचारी औद्योगिक क्षेत्र के तीन किलोमीटर क्षेत्र से अन्य राज्य सीमा में रहते हैं. वो कर्मचारियों प्रवेश द्वार पर अपना आई-कार्ड दिखकर सीमा में प्रवेश कर सकते हैं. जिला में फैक्ट्री मालिकों और वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों को बाहर से आने की अनुमति होगी, लेकिन कंटेनमेंट जोन से आने वाले उद्योगपतियों को निजी वाहनों में आने की अनुमति दी जाएगी.

डीसी का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में आने-जाने वाले श्रमिकों व कर्मचारियों को अंडरटेकिंग देनी होगी कि कार्य क्षेत्र से निवास लौटने के बाद कोविड-19 की रोकथाम के लिए निर्धारित सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे और बेवजह अपने घर से बाहर किसी के संपर्क में नहीं आएगें.

कर्मचारियों को निवास से कार्यक्षेत्र और वापिस ले जाने के लिए सेनिटाइज किए हुए वाहन का इस्तेमाल किया जाएगा और इस वाहन में कर्मचारियों को मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग करना होगा. इसके अलावा सामाजिक दूरी के निर्धारित मापदंडों की पालना सुनिश्चित करना होगी.

वाहन पर सवार होने से पहले हर कर्मचारी की स्क्रीनिंग पर भी जिला उपायुक्त ने निर्दश दिये हैं, जिसका औद्योगिक इकाई द्वारा समुचित रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा. कर्मचारी की घर वापसी पर भी स्क्रीनिंग की जाएगी.

इसके अलावा कर्मचारियों को ले जा रहा वाहन हिमाचल प्रदेश परिक्षेत्र में कहीं भी नहीं रोकना चाहिए और किसी भी कर्मचारी को रास्ते में उतरने की अनुमति नहीं होगी. वाहन औद्योगिक इकाई के परिसर में ही रोकना चाहिए. फैक्ट्री में पहुंचने पर कर्मचारियों द्वारा निर्धारित एसओपी नियमों का पूरा पालन करना होगा और कार्य अवधि के दौरान किसी भी कर्मचारी को फैक्ट्री में जाने की अनुमति नहीं होगी. बता दें कि बाहर से आने वाले श्रमिकों के चलते जिला में कोरोना के मामले बढ़े हैं.

हाल ही में जिला में बाहरी राज्य से आए दो श्रमिक कोरोना संक्रमित पाए गए थे. जिनमें से एक श्रमिक कार्यस्थल पर 150 लोगों के संपर्क में आया था, जिसके चलते जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले श्रमिकों की एंट्री और क्वारंटाइन को लेकर सख्ती बढ़ा दी है. जिला में अभी तक कोरोना के कुल 144 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 30 मामले एक्टिव हैं जबकि 114 लोग स्वस्थ हो चुके हैं.

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