सोलन: कोरोना संकट के बीच करीब 5 माह के बाद आज से मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए खुल चुके हैं. लंबे इंतजार के बाद आज भक्तों को शक्तिपीठों के दर्शन करने का मिल रहे हैं. सुबह से ही भक्तों का आना-जाना मंदिरों में लगा हुआ है, लेकिन सावधानियों का भी मंदिर परिसर में पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
मंदिर में एक समय में सिर्फ दो व्यक्तियों को ही प्रवेश मिल पा रहा है. मां शूलिनी मंदिर में भी भक्तों का आना-जाना लगा हुआ है. वहीं, डीसी केसी चमन ने भी मंदिर में शीश नवाकर जिला में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को लेकर मां शूलिनी से आशीर्वाद मांगा है और सभी की रक्षा की प्रार्थना की है.
डीसी केसी चमन ने बताया कि कोरोना वायरस के बीच कुछ शर्तों के साथ करीब 5 माह के बाद हिमाचल में श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के कपाट खुल चुके हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को मंदिर के द्वार, दीवारें, धार्मिक पुस्तकें मूर्तियां को छूने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चों का मंदिरों को प्रवेश करना वर्जित है.
केसी चमन ने बताया कि मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को शर्तों का पालन करना होगा. मंदिर द्वार पर सभी भक्तों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है और आदेशानुसार मंदिर में कोई भी व्यक्ति प्रसाद लेकर नहीं जा सकता है और ना ही किसी चीज को छू सकता है.
वहीं, मंदिर में मां के दर्शन करने आ रहे भक्तों का कहना है कि लंबे अरसे के बाद उन्हें मंदिर के अंदर मां के दर्शन करने को मिल रहे हैं. उनका कहना है कि अभी तक वो रोजाना मंदिर के बाहर से ही माथा टेक कर मां से महामारी के लड़ने की कामना करते थे, लेकिन आज जिस तरह से मंदिर के कपाट खोले गए हैं और मां के दर्शन उन्हें साक्षात करने को मिल रहे हैं उसे देखकर उन्हें सुकून मिल रहा है.
बता दें कि आज से पूरे प्रदेश में सभी धार्मिक स्थलों को भक्तों के लिए खोल दिया गया है. साथ ही प्रशासन द्वारा जारी एसओपी के तहत सभी नियमों का पालन किया जा रहा है.
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