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शमलेच बाईपास फ्लाईओवर धंसने को लेकर NHAI ने जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

शमलेच बाईपास फ्लाईओवर धंसने को लेकर फोरलेन निर्माण कर रही जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है. यह नोटिस राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से जारी किया गया है और कंपनी से जवाब मांगा है. उधर, ग्रिल कंपनी के निदेशक बलविंद्र सिंह का कहना है कि पहाड़ी से पानी का रिसाव होने के कारण शमलेच में ओवरपास का डंगा गिरा है. तीन से चार माह में डंगा तैयार कर दिया जाएगा.

FLYOVER COLLAPSE IN SOLAN
शमलेच बाईपास फ्लाईओवर धंसा
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Published : Aug 12, 2022, 8:43 PM IST

Updated : Aug 12, 2022, 8:55 PM IST

सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर बड़ोग बाईपास में टनल को जोड़ने वाली सड़क के धंसने पर फोरलेन निर्माण कर रही जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को नोटिस जारी कर (NHAI issues notice to GR Infrastructure Company) दिया है. यह नोटिस राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से जारी किया गया है और कंपनी से जवाब मांगा है. साथ ही अगला डिजाइन एक सप्ताह में एनएचएआई कार्यालय में भेजने के निर्देश दिए हैं. जबकि सड़क के धंसने का कारण भी पूछा है.

दो गाड़ियां मलबे के साथ ही खाई में जा गिरी थी: शनिवार को एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरी खुलर ने मौके का मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने कंपनी को कार्य से संबंधित कई प्रकार के निर्देश मौके पर दिए हैं. गौर रहे कि वीरवार को शाम करीब 4:00 बजे बड़ोग टनल को जा रही सड़क बारिश के बाद पूरी तरह से धंस गई थी. सड़क के धंसने के साथ ही हाईवे से जा रही दो गाड़ियां मलबे के साथ ही खाई में जा गिरी थी. गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी को जानी नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

2025 तक फोरलेन क्षति के लिए जिम्मेदार होगी कंपनी: जिस जगह यह सड़क धंसी है उस जगह पर सोमवार (Shamlech bypass flyover collapse) को दरारें आई थी. जिसे मंगलवार को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन यह सड़क वीरवार को बिना मरम्मत किए ही खोल दी गई थी. जिसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही हो रही थी, लेकिन शाम को यह सड़क पूरी धराशाही हो गई. उधर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरी खुलर ने बताया कि मौके का मुआयना किया गया है. कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. 2025 तक कंपनी फोरलेन पर हो रही क्षति की जिम्मेदार है.

आरएस तकनीक से हुआ है सड़क का निर्माण: प्रदेश में परवाणू-सोलन फोरलेन के निर्माण में आरएस तकनीक से कई जगह सड़कों का निर्माण किया गया है. जबकि इससे पहले कंकरीट वायर के डंगे सड़क निर्माण के लिए लगाए जा रहे थे, लेकिन यह डंगे निर्माण कार्य के शुरू होने के साथ ही बारिश में बह गए थे. जिसके बाद आरएस तकनीक का प्रयोग कंपनी ने किया था. कंपनी ने दावा किया था कि यह विदेशी तकनीक काफी अधिक विश्वनीय है. वहीं, इसके निर्माण में खर्च भी कम आता है, लेकिन निर्माण कार्य के पूरा होते यह तकनीक काम नहीं कर पा रही है.

ऐसे होता है निर्माण: रेनफोस्र्ड सोइल तकनीक (आरएस) से मिट्टी व जालीदार प्लास्टिक की कई लेयर बनाकर डंगे को तैयार किया जाता है. इसके बाहरी हिस्से में क्रेट वायर व घास उगाई जाती है ताकि मजबूती बनी रहे. उधर, ग्रिल कंपनी के निदेशक बलविंद्र सिंह का कहना है कि पहाड़ी से पानी का रिसाव होने के कारण शमलेच में ओवरपास का डंगा गिरा है. तीन से चार माह में डंगा तैयार कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: भारी बारिश के कारण दो टुकड़ों में बंटा फ्लाईओवर, चपेट में आई 2 गाड़ियां

सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर बड़ोग बाईपास में टनल को जोड़ने वाली सड़क के धंसने पर फोरलेन निर्माण कर रही जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को नोटिस जारी कर (NHAI issues notice to GR Infrastructure Company) दिया है. यह नोटिस राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से जारी किया गया है और कंपनी से जवाब मांगा है. साथ ही अगला डिजाइन एक सप्ताह में एनएचएआई कार्यालय में भेजने के निर्देश दिए हैं. जबकि सड़क के धंसने का कारण भी पूछा है.

दो गाड़ियां मलबे के साथ ही खाई में जा गिरी थी: शनिवार को एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरी खुलर ने मौके का मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने कंपनी को कार्य से संबंधित कई प्रकार के निर्देश मौके पर दिए हैं. गौर रहे कि वीरवार को शाम करीब 4:00 बजे बड़ोग टनल को जा रही सड़क बारिश के बाद पूरी तरह से धंस गई थी. सड़क के धंसने के साथ ही हाईवे से जा रही दो गाड़ियां मलबे के साथ ही खाई में जा गिरी थी. गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी को जानी नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

2025 तक फोरलेन क्षति के लिए जिम्मेदार होगी कंपनी: जिस जगह यह सड़क धंसी है उस जगह पर सोमवार (Shamlech bypass flyover collapse) को दरारें आई थी. जिसे मंगलवार को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन यह सड़क वीरवार को बिना मरम्मत किए ही खोल दी गई थी. जिसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही हो रही थी, लेकिन शाम को यह सड़क पूरी धराशाही हो गई. उधर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर राम आसरी खुलर ने बताया कि मौके का मुआयना किया गया है. कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. 2025 तक कंपनी फोरलेन पर हो रही क्षति की जिम्मेदार है.

आरएस तकनीक से हुआ है सड़क का निर्माण: प्रदेश में परवाणू-सोलन फोरलेन के निर्माण में आरएस तकनीक से कई जगह सड़कों का निर्माण किया गया है. जबकि इससे पहले कंकरीट वायर के डंगे सड़क निर्माण के लिए लगाए जा रहे थे, लेकिन यह डंगे निर्माण कार्य के शुरू होने के साथ ही बारिश में बह गए थे. जिसके बाद आरएस तकनीक का प्रयोग कंपनी ने किया था. कंपनी ने दावा किया था कि यह विदेशी तकनीक काफी अधिक विश्वनीय है. वहीं, इसके निर्माण में खर्च भी कम आता है, लेकिन निर्माण कार्य के पूरा होते यह तकनीक काम नहीं कर पा रही है.

ऐसे होता है निर्माण: रेनफोस्र्ड सोइल तकनीक (आरएस) से मिट्टी व जालीदार प्लास्टिक की कई लेयर बनाकर डंगे को तैयार किया जाता है. इसके बाहरी हिस्से में क्रेट वायर व घास उगाई जाती है ताकि मजबूती बनी रहे. उधर, ग्रिल कंपनी के निदेशक बलविंद्र सिंह का कहना है कि पहाड़ी से पानी का रिसाव होने के कारण शमलेच में ओवरपास का डंगा गिरा है. तीन से चार माह में डंगा तैयार कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: भारी बारिश के कारण दो टुकड़ों में बंटा फ्लाईओवर, चपेट में आई 2 गाड़ियां

Last Updated : Aug 12, 2022, 8:55 PM IST
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