चौपाल: नागरिक उपमंडल चौपाल के कुपवी विकास खंड के अंतर्गत आने वाली नौरा-बौरा पंचायत में लोगों ने पूरी पंचायत का लगातार तीसरी मर्तबा निर्विरोध चयन कर आपसी भाईचारे एवं समझबूझ की एक सामाजिक मिसाल कायम की है.
2005 में बनी नौरा बौरा पंचायत
नौरा बौरा क्षेत्र से संबंध रखने वाले युवा समाजसेवी लक्की चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि नौरा बौरा पंचायत वर्ष 2005 में ग्राम पंचायत कुलग से अलग हो कर एक नई पंचायत के रूप में अस्तित्व में आई थी. नई पंचायत के गठन के बाद नौरा बौरा पंचायत में केवल एक बार पंचायत चुनाव हुए है.
महिलाओं के लिए आरक्षित नौरा बौरा पंचायत
इनमें पहले दो कार्यकाल के लिए पंचायत अनारक्षित रही, जबकि तीसरे कार्यकाल के लिए अनुसूचित जाति एवं चौथी मर्तबा अर्थात इस बार यह महिला के लिए आरक्षित हुई है. वर्ष 2005 में पहली बार हुए पंचायती चुनावों में जीत दर्ज कर नारायण सिंह इस पंचायत के प्रथम प्रधान बने थे. इसके बाद 2010 में प्रधान पद पर आसीन हुए जय सिंह पटियाल सहित पूरी पंचायत का पैनल निर्विरोध चुना गया था.
2015 में यशपाल बने पंचायत के प्रधान
2015 में इस पंचायत में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया था तो उस दौरान भी पंचायत प्रत्याक्षियों का निर्विरोध चयन किया गया था. इस बार भी पंचायत के लोगों ने आपसी सहमति बना कर पंचायत के पूरे पैनल का निर्विरोध चयन किया और यशपाल पंचायत के प्रधान बने.
आपसी सहमति से बना पंचायत पैनल
इस वर्ष पंचायत के होने वाले चौथे चुनाव में पंचायत में प्रधान पद सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया है. पंचायत के लोगों ने एक बार फिर आपसी सहमति बना कर पंचायत का पैनल निर्विरोध चुन कर एक नया इतिहास रच डाला है.
सविता देवी बनी पंचायत प्रधान
इस बार सविता देवी (सैलपाब) के सिर पर प्रधान पद का ताज सजा है, जबकि राजेश कुमार (नौरा) उप-प्रधान, ऊमा देवी (बौरा) बीडीसी सदस्य चुनी गई है. वार्ड नंबर एक नौरा से बबली देवी, वार्ड नंबर दो बौरा-एक से अंजना देवी, वार्ड नंबर तीन बौरा-दो से कुलवंत सिंह, पंचभैय्या वार्ड नंबर चार से रण सिंह और सैलपाब वार्ड नंबर पांच से विद्या देवी को वार्ड सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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