शिमला: कालका शिमला रेल ट्रैक पर भूस्खलन के (Landslide on shimla kalka railway track) चलते सोमवार को इस रूट पर ट्रेन यातायात पूरी तरह से बाधित रहा. सोमवार को कोई भी ट्रेन कालका शिमला ट्रैक पर नहीं चली. यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे द्वारा ट्रैक साफ करने के लिए इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई है. सभी ट्रेनें शिमला रेलवे स्टेशन पर ही खड़ी रहीं. ट्रेन न चलने से पर्यटकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. सोमवार को पर्यटक शिमला रेलवे स्टेशन तो पहुंचे, लेकिन ट्रेन न चलने की सूचना मिलने से निराश हो कर उन्हें वापस लौटना पड़ा.
रेलवे द्वारा रविवार को ही सभी ट्रेनें (Kalka to shimla train) रद्द करने की सूचना रविवार को दे दी गई थी. वहीं, पर्यटकों ने पहले ही शिमला से आने-जाने की एडवांस बुकिंग करवा दी थी, ताकि वो शिमला कालका ट्रैक पर बर्फबारी का आनंद ले सकें. लेकिन, सोलन के पास ट्रैक पर मलबा गिरने से पर्यटकों (Tourists in shimla) की उम्मीदों पर पानी फिर गया. सोमवार को स्टेशन पहुंचे पर्यटकों का कहना था कि वे दो दिन पहले शिमला घूमने आए थे और सोमवार को उन्हें ट्रेन से वापिस जाना था. लेकिन, सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और अब सड़क से हो कर उन्हें वापस जाना पड़ेगा.
वहीं, स्टेशन मास्टर जोगेंद्र ने बताया कि सोलन पास ट्रेक पर मलबा गिरने से सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और शाम तक मौसम साफ रहा, तो शाम को एक ट्रेन भेजी जाएगी. जबकि, मंगलवार सुबह से सभी ट्रेनें पहले की तरह चलेगी. बता दें कि वर्ल्ड हेरिटेज कालका शिमला ट्रैक पर हर रोज छे ट्रेनें चलती हैं और इस ट्रैक पर सफर करने के लिए खास कर पर्यटक काफी रुचि दिखाते हैं. बर्फबारी में इस ट्रैक पर सफर और भी रोमांचित हो जाता है. हर रोज सभी ट्रेनें फूल हो कर शिमला पहुंचती हैं. बर्फबारी (Snowfall in shimla) में जहा सड़क मार्ग बंद हो जाते हैं. वही, ट्रेनें बर्फबारी में भी चलती रहती हैं.
103 सुरंगों से ट्रेन को गुजरते देख रोमांचित हो उठते हैं यात्री: कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें हैं, जो इस सफर को काफी रोमांचक बना देती हैं. इस पूरी रेल लाइप पर बड़ोग रेलवे स्टेशन की 33 नंबर की सुरंग सबसे लंबी सुरंग है. जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है. सुरंग क्रॉस करने में टॉय ट्रेन (shimla kalka toy train) अढ़ाई मिनट का समय लेती है. रेलमार्ग पर 869 छोटे-बड़े पुल हैं, जिस पर सफर और भी रोमांचक हो जाता है. कालका-शिमला रेलमार्ग को नैरो गेज लाइन कहते हैं. इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है.
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