शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह के लिए एचपीयू प्रशासन की ओर से नया ड्रेस कोड तय किया गया है. छात्रों को दीक्षांत समारोह के लिए यह ड्रेस कोड पसंद नहीं आया है.
छात्रों का कहना है कि जो नया ड्रेस कोड एचपीयू ने दीक्षांत समारोह के लिए तय किया है वह उतना अच्छा नहीं है. ड्रेस कोड की गुणवत्ता पर भी छात्रों ने सवाल उठाए है. एचपीयू ने इस दीक्षांत समारोह में प्रशासन की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों के तहत खादी का ड्रेस कोड लागू किया गया है.
बता दें कि ड्रेस कोड में जैकेट, हिमाचली टोपी ओर एक मफलर शामिल किया गया है. मफलर पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का स्टिकर भी चिपकाया गया है लेकिन छात्रों का मानना है कि ना तो हिमाचली टोपी और ना ही मफलर दीक्षांत समारोह जैसे आयोजन के लिए सही है.
दीक्षांत समारोह के लिए गुरूवार को ड्रेस रिहर्सल की गई तो छात्र इस नई ड्रेस को देख कर संतुष्ट नहीं नजर दिखे. छात्रों ने कहा कि उनके लिए यह बड़ा यादगार दिन है जिसपर उन्हें पीएचडी उपाधियां और गोल्ड मेडल दिए जाएंगे. एचपीयू को अगर ड्रेस कोड में बदवाल करना था तो इसकी गुणवत्ता का भी ध्यान रखना चाहिए था.
बता दें कि एचपीयू की ओर से इस बार ही 25वें दीक्षांत समारोह को लेकर ड्रेस कोड में बदलाव किया है. इससे पहले छात्रों को ब्लैक गाउन में डिग्रियां और गोल्ड मैडल दिए जाते है लेकिन इस बार यूजीसी के निर्देशों का पालन करने के लिए एचपीयू ने भी ड्रेस कोड में बदलाव किया हैं.
इस नई ड्रेस के लिए छात्रों से 1100 रुपये की सिक्योरिटी एचपीयू की ओर से ली गई है. एचपीयू ने छात्रों से सिक्योरिटी लेने के बाद कोई रसीद भी छात्रों को नहीं दी है. छात्रों को कागज के टुकड़े पर नंबर डाल कर दिए गए है. दीक्षांत समारोह के बाद छात्र यह ड्रेस एचपीयू को लौटाएंगे और छात्रों को उनकी सिक्योरिटी भी वापिस दी जाएगी.
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