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गांधी भवन पुस्तकालय के बंद होने पर भड़के छात्र, सरकार को दिया 4 दिन का अल्टीमेटम - शिमला में गांधी भवन लाइब्रेरी बंद

सांध्यकालीन महाविद्यालय में चल रहे राज्य पुस्तकालय के दूसरे खंड गांधी भवन पुस्तकालय को बिना किसी नोटिस के सोमवार को बंद करने पर छात्रों ने आपत्ति जताई और सरकार को अंबेडकर भवन के पुस्तकालय को खोलने की मांग की.

रणनीति बनाते छात्र
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Published : Sep 17, 2019, 8:48 AM IST

शिमला: सांध्यकालीन महाविद्यालय में चल रहे राज्य पुस्तकालय के दूसरे खंड गांधी भवन पुस्तकालय को बिना किसी नोटिस के ही सोमवार को बंद कर दिया गया है. पुस्तकालय को इस तरह से बंद करने पर यहां पढ़ने के लिए आने वाले छात्र आक्रोश में हैं.

छात्र सुबह 6 बजे से पहले ही पुस्तकालय में पढ़ने के लिए आ गए थे और यहां आने के बाद छात्रों को पता चला कि इस पुस्तकालय को अंबेडकर भवन में स्थानांतरित किया गया है. छात्रों को ये भी नहीं बताया गया कि पुस्तकालय को क्यों बंद किया जा रहा है और उन्हें इसकी जानकारी लेने के लिए शिक्षा निदेशालय भेज दिया गया. जब तक छात्र निदेशालय से पुस्तकालय पहुंचे तो छात्रों की किताबें भी पुस्तकालय के बाहर निकाल दी गई थी.

वीडियो

पुस्तकालय बंद होने के विरोध में पहले तो छात्र इस पुस्तकालय के बाहर ही पढ़ने के लिए बैठ गए और उसके बाद सभी छात्र ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय के भवन के बाहर एकत्र हुए और आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई. ऐसे में छात्रों ने मांग की है कि कि चार दिन के अंदर प्रदेश शिक्षा विभाग और सरकार केनेडी चौक में बनाये गए अंबेडकर भवन के पुस्तकालय खोला जाए. वरना आंदोलन किया जाएगा.

छात्रों का कहना है कि पहले ही राज्य पुस्तकालय में सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में छात्र इन दोनों पुस्तकालयों में अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आते थे. छात्रों ने बताया कि जब पुस्तकालय की समस्याओं को लेकर वो मुख्यमंत्री के पास शनिवार को गए थे. उन्होंने हर समस्या के समाधान की बात कही थी, लेकिन पुस्तकालय ही बंद कर दिया जाएगा, इसकी उनको भनक नहीं थी.

छात्रों का कहना है कि सरकार छात्रों की सुविधा के लिए पुस्तकालय के लिए बनाए गए नए भवन को खोले ओर वहां छात्रों के बैठने की क्षमता को भी बढ़ाए. इसके साथ ही रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय को 24/7 किया जाए, ताकि छात्र रात को भी यहां पढ़ सकें.

शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने भी छात्रों को यही आश्वासन दिया कि जल्द ही राज्य पुस्तकालय के लिए बनाए गए नए भवन को खोला जाएगा ताकि छात्रों को सभी सुविधाएं मिल सके.

शिमला: सांध्यकालीन महाविद्यालय में चल रहे राज्य पुस्तकालय के दूसरे खंड गांधी भवन पुस्तकालय को बिना किसी नोटिस के ही सोमवार को बंद कर दिया गया है. पुस्तकालय को इस तरह से बंद करने पर यहां पढ़ने के लिए आने वाले छात्र आक्रोश में हैं.

छात्र सुबह 6 बजे से पहले ही पुस्तकालय में पढ़ने के लिए आ गए थे और यहां आने के बाद छात्रों को पता चला कि इस पुस्तकालय को अंबेडकर भवन में स्थानांतरित किया गया है. छात्रों को ये भी नहीं बताया गया कि पुस्तकालय को क्यों बंद किया जा रहा है और उन्हें इसकी जानकारी लेने के लिए शिक्षा निदेशालय भेज दिया गया. जब तक छात्र निदेशालय से पुस्तकालय पहुंचे तो छात्रों की किताबें भी पुस्तकालय के बाहर निकाल दी गई थी.

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पुस्तकालय बंद होने के विरोध में पहले तो छात्र इस पुस्तकालय के बाहर ही पढ़ने के लिए बैठ गए और उसके बाद सभी छात्र ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय के भवन के बाहर एकत्र हुए और आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई. ऐसे में छात्रों ने मांग की है कि कि चार दिन के अंदर प्रदेश शिक्षा विभाग और सरकार केनेडी चौक में बनाये गए अंबेडकर भवन के पुस्तकालय खोला जाए. वरना आंदोलन किया जाएगा.

छात्रों का कहना है कि पहले ही राज्य पुस्तकालय में सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में छात्र इन दोनों पुस्तकालयों में अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आते थे. छात्रों ने बताया कि जब पुस्तकालय की समस्याओं को लेकर वो मुख्यमंत्री के पास शनिवार को गए थे. उन्होंने हर समस्या के समाधान की बात कही थी, लेकिन पुस्तकालय ही बंद कर दिया जाएगा, इसकी उनको भनक नहीं थी.

छात्रों का कहना है कि सरकार छात्रों की सुविधा के लिए पुस्तकालय के लिए बनाए गए नए भवन को खोले ओर वहां छात्रों के बैठने की क्षमता को भी बढ़ाए. इसके साथ ही रिज मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय को 24/7 किया जाए, ताकि छात्र रात को भी यहां पढ़ सकें.

शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने भी छात्रों को यही आश्वासन दिया कि जल्द ही राज्य पुस्तकालय के लिए बनाए गए नए भवन को खोला जाएगा ताकि छात्रों को सभी सुविधाएं मिल सके.

Intro:राज्य पुस्तकालय दूसरे खंड गांधी भवन पुस्तकालय जो कि सांध्यकालीन महाविद्यालय में चल रहा है उस पुस्तकालय को बिना किसी नोटिस के ही सोमवार को बंद कर दिया गया। पुस्तकालय के अचानक इस तरह से बंद कर देने से यहां पढ़ने के लिए आने वाले छात्र आक्रोश में है। छात्र सुबह 6 बजे से पहले ही पुस्तकालय में पढ़ने के लिए आ गए थे और यहां आने के बाद छात्रों को पता चला कि इस पुस्तकालय को अंबेडकर भवन में स्थानांतरित किया गया है। अब छात्रों में आक्रोश है कि बिना किसी नोटिस के छात्रों को पुस्तकालय के बाहर कर दिया गया और अब छात्र सड़को पर पूरा दिन बिताने के लिए विवश है। छात्र दिन भर इधर उधर भटकते रहे।


Body:छात्रों को यह भी नहीं बताया गया की पुस्तकालय को कियूं बंद किया जा रहा है और उन्हें इसकी जनाकारी लेने के लिए शिक्षा निदेशालय भेज दिया गया। जब तक छात्र निदेशालय से पुस्तकालय पहुंचे तो छात्रों की किताबें भी पुस्तकालय के बाहर निकाल दी गई थी ओर पुस्तकालय को स्थानांतरित करने का नोटिस पुस्तकालय के बाहर लगा दिया गया था। पुस्तकालय के बंद होने के विरोध में पहले तो छात्र इस पुस्तकालय के बाहर ही विरोध स्वरूप पढ़ने के लिए बैठ गए और उसके बाद सभी छात्र ऐतिहासिक रिज़ मैदान पर स्थित राज्य पुस्तकालय के भवन के बाहर एकत्र हुए और आगामी आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की। छात्रों की एक ही मांग है चार दिन के अंदर प्रदेश शिक्षा विभाग और सरकार केनेडी चौक में बनाये गए अंबेडकर भवन के पुस्तकालय को छात्रों की सुविधा के लिए खोला जाए। छात्रों ने चार दिन का अल्टीमेटम सरकार ओर शिक्षा विभाग को दिया
है अगर चार दिनों के अंदर राज्य पुस्तकालय के लिए बनाए गए नए भवन को नहीं खोला गया तो छात्रों को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।


Conclusion:छात्रों का कहना है कि पहले ही राज्य पुस्तकालय में सुविधाओं का आभाव है ऐसे में भी छात्र इन दोनों पुस्तकालयों में पढ़ने के लिए ओर अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते थे।रोजाना क़ई तरह ही आज भी कोई छात्र 4 तो कोई 5 बजे अपने घरों से पुस्तकालय में पढ़ने के लिए आये थे लेकिन उन्हें पुस्तकालय आने पर यह पता चला कि पुस्तकालय को बंद कर दिया गया है। छात्रों का कहना है कि जब पुस्तकालय की समस्याओं को लेकर वह मुख्यमंत्री के पास शनिवार को गए थे तो उन्होंने हर समस्या के समाधान की बात कही थी लेकिन पुस्तकालय ही बंद कर दिया जाएगा इसकी छात्रों को भनक तक ना थी। एक ओर तो सरकार छात्रों को हर एक सुविधा मुहैया करवाने की बात करती है और दूसरी ओर राजधानी में एक ऐसा पुस्तकालय भी नहीं बना पाई जहां छात्र आराम से बैठकर पढ़ सके। छात्रों की मांग है कि सरकार छात्रों की सुविधा के लिए पुस्तकालय के लिए बनाए गए नए भवन को खोले ओर वहां छात्रों के बैठने की क्षमता को बढ़ाये। इसके साथ ही राज्य पुस्तकालय जो कि रिज़ मैदान पर है उसे 24/7 किया जाए ताकि छात्र रात को भी यहां पढ़ सके। छात्रों ने कहा कि सरकार के दावे शिक्षा को लेकर हवा ही साबित हो रहे है ऐसे में अगर उनकी इन मांगों को नहीं माना जाता है तो छात्र मज़बूरन आंदोलन करने को विवश होंगे। वहीं शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत शर्मा ने भी छात्रों को यही आश्वासन दिया कि जल्द ही राज्य पुस्तकालय के लिए बनाए गए नए भवन को खोला जाएगा ताकि छात्रों को सभी सुविधाएं मिल सकें।
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