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हिमाचल में 24 सितंबर को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में हड़ताल, सीटू ने सरकार को दी ये चेतावनी - Demand for regularization of Anganwadi workers

यूनियन कार्यालय शिमला (Union Office Shimla) में सीटू की बैठक आयोजित की गई. इस दौरान तय किया गया कि 24 सितंबर को आंगनबाड़ी केंद्र के कर्मी प्रदेश भर में हड़ताल पर रहेंगे. उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण (privatization of ICDS) किया गया और आंगनबाड़ी वर्कर को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज होगा.

Strike in all Anganwadi centers in Himachal
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में हड़ताल
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Published : Aug 29, 2021, 4:20 PM IST

शिमला: आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर्स यूनियन संबंधित सीटू की बैठक यूनियन कार्यालय शिमला (Union Office Shimla) में सम्पन्न हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि यूनियन के अखिल भारतीय आह्वान के तहत 24 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में सभी आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Centers in Himachal Pradesh) बंद रहेंगे व पूर्ण हड़ताल होगी.

यूनियन अध्यक्षा नीलम जसवाल ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि कर्मियों की मांगों को लेकर यूनियन 24 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल करेगी. इस क्रम में शिमला,रामपुर,रोहड़ू, ठियोग, बसंतपुर, सोलन, अर्की, नालागढ़, पांवटा साहिब, शिलाई, सराहन, संगड़ाह, मंडी, जोगिंद्रनगर, सरकाघाट, करसोग, बंजार, आनी, झंडूता, हमीरपुर, नादौन, धर्मशाला, पालमपुर, देहरा, चम्बा, चुवाड़ी, ऊना, गगरेट आदि स्थानों पर प्रदर्शन करेंगे.

यूनियन की प्रदेश अध्यक्षा नीलम जसवाल ने कहा है कि आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर 24 सितंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगे. इस दौरान आंगनबाड़ी कर्मी प्री प्राइमरी में नियुक्ति, इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मैट्रिक और ग्रेजुएशन पास की सुपरवाइजर में तुरंत भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने, रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने की मांग और नंद घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साजिश और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (direct benefit transfer) और पोषण ट्रैकर ऐप (nutrition tracker app) के खिलाफ आंदोलन करेंगे व प्रोजेक्ट स्तर पर प्रदर्शन करेंगे.

उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार को चेतावानी देते हुए कहा है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण (privatization of ICDS) किया गया और आंगनबाड़ी वर्कर्स को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया गया तो आनेवाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा. उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है. नई शिक्षा नीति में वास्तव में आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है. आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इससे भविष्य में कर्मियों को रोजगार से हाथ धोना पड़ेगा. उन्होंने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग (Demand for regularization of Anganwadi workers) की है. उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं. उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है.

उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत बकाया राशि का भुगतान तुरंत करने की मांग की है. उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्कर को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं. इसके बदले में उनका वेतन बढ़ाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए.

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शिमला: आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर्स यूनियन संबंधित सीटू की बैठक यूनियन कार्यालय शिमला (Union Office Shimla) में सम्पन्न हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि यूनियन के अखिल भारतीय आह्वान के तहत 24 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में सभी आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Centers in Himachal Pradesh) बंद रहेंगे व पूर्ण हड़ताल होगी.

यूनियन अध्यक्षा नीलम जसवाल ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि कर्मियों की मांगों को लेकर यूनियन 24 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल करेगी. इस क्रम में शिमला,रामपुर,रोहड़ू, ठियोग, बसंतपुर, सोलन, अर्की, नालागढ़, पांवटा साहिब, शिलाई, सराहन, संगड़ाह, मंडी, जोगिंद्रनगर, सरकाघाट, करसोग, बंजार, आनी, झंडूता, हमीरपुर, नादौन, धर्मशाला, पालमपुर, देहरा, चम्बा, चुवाड़ी, ऊना, गगरेट आदि स्थानों पर प्रदर्शन करेंगे.

यूनियन की प्रदेश अध्यक्षा नीलम जसवाल ने कहा है कि आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर 24 सितंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगे. इस दौरान आंगनबाड़ी कर्मी प्री प्राइमरी में नियुक्ति, इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मैट्रिक और ग्रेजुएशन पास की सुपरवाइजर में तुरंत भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने, रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने की मांग और नंद घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साजिश और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (direct benefit transfer) और पोषण ट्रैकर ऐप (nutrition tracker app) के खिलाफ आंदोलन करेंगे व प्रोजेक्ट स्तर पर प्रदर्शन करेंगे.

उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार को चेतावानी देते हुए कहा है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण (privatization of ICDS) किया गया और आंगनबाड़ी वर्कर्स को नियमित कर्मचारी घोषित नहीं किया गया तो आनेवाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा. उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है. नई शिक्षा नीति में वास्तव में आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है. आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इससे भविष्य में कर्मियों को रोजगार से हाथ धोना पड़ेगा. उन्होंने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग (Demand for regularization of Anganwadi workers) की है. उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं. उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है.

उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत बकाया राशि का भुगतान तुरंत करने की मांग की है. उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्कर को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं. इसके बदले में उनका वेतन बढ़ाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए.

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