शिमला: स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की व्यवस्था के तहत पढ़ा रहे अध्यापकों को बड़ा तोहफा (SMC Teachers in Himachal) मिल सकता है. चुनावी साल में कोड ऑफ कंडक्ट आड़े न आया तो सैकड़ों अध्यापकों को अनुबंध अध्यापकों के समान वेतन मिल सकता है. दरअसल, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी व्यवस्था के तहत प्रदेश के स्कूलों में 2450 अध्यापक पढ़ा रहे हैं. इन्हें ग्रांट-इन-एड से वेतन दिया जाता है. प्रारंभिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को इस संदर्भ में पत्र लिखा है.
संयुक्त निदेशक की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 2450 एसएमसी को अनुबंध अध्यापकों के समान वेतन देने के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए. पत्र में बताया गया है कि एसएमसी के तहत 2467 अध्यापक सेवाएं दे रहे हैं. इनमें से 761 प्रवक्ताओं को मासिक 14978 रुपए मिल रहे हैं. डीपीई के तहत 102 अध्यापकों को और 528 टीजीटी को भी 14978 रुपए मासिक मिल रहे हैं. सीएंडवी के अंतर्गत 968 अध्यापक सेवाएं दे रहे हैं. इन्हें 11609 रुपए महीने में दिए जा रहे हैं. साथ ही 108 जेबीटी अध्यापकों को 9362 रुपए महीने में मिल रहे हैं.
अनुबंध अध्यापकों को 38100-22860 रुपए का स्केल मिल रहा है. यदि एसएमसी अध्यापकों को अनुबंध अध्यापकों के समान वेतन देने का मामला सिरे चढ़े तो सरकार पर हर महीने 1.45 करोड़ रुपए से अधिक का बोझ पड़ेगा. वैसे तो एसएमसी शिक्षक स्थायी नीति की मांग कर रहे हैं. हाल ही में एक कैबिनेट मीटिंग में जयराम सरकार ने एसएमसी शिक्षकों के लिए दस दिन की कैजुअल लीव प्रदान करने का ऐलान किया था. जयराम सरकार से पूर्व कांग्रेस सरकार ने भी इन शिक्षकों के लिए स्थाई नीति बनाने का वादा किया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ था. फिलहाल, संयुक्त निदेशक के पत्र से एसएमसी अध्यापकों को एक उम्मीद जगी है.
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