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शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर नहीं हो रहा काम, सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद - नगर निगम महापौर

शिमला स्मार्ट सिटी कार्य में एनजीटी के आदेशों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बाधा डाल दी है. सरकार को निर्माण कार्य के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है.

शिमला स्मार्ट सिटी
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Published : Sep 13, 2019, 10:07 PM IST

शिमला: राजधानी को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है, लेकिन नगर निगम ने दो साल बीत जाने के बाद भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया है. बता दें कि स्मार्ट सिटी का कार्य एनजीटी के आदेशों की वजह से नहीं हो पा रहा है.

स्मार्ट सिटी में 2905 करोड़ के काम होने हैं, लेकिन शिमला में कोर और ग्रीन एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगी है. ऐसे में अब अक्टूबर महीने में एनजीटी की सुनवाई पर नजर टिकी है. इसके अलावा राज्य सरकार ने एनजीटी के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. यदि कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आता है तो शहर में स्मार्ट सिटी के तहत विकासात्मक कार्य शुरू हो सकते हैं.

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केंद्र की मोदी सरकार से दो साल पहले ही शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया था. जिसमे बहुमंजिला भवन निर्माण सहित कई आधुनिक तकनीक से होने वाले विकास कार्य होने हैं. केंद्र सरकार से इसके लिए राशि भी मिल चुकी है, लेकिन शहर में ढाई मंजिल से उपर भवन बनाने पर रोक लगाई गई है. हालांकि कुछ कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरू कर भी दिए गए हैं, लेकिन कई बड़े काम नगर निगम शुरू नही कर पा रहा है.

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो बड़े विकासात्मक कार्य होने हैं उन्हें एनजीटी के आदेशों के चलते शुरू नहीं कर पाए हैं. सरकार को एनजीटी के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है.

शिमला: राजधानी को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है, लेकिन नगर निगम ने दो साल बीत जाने के बाद भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं किया है. बता दें कि स्मार्ट सिटी का कार्य एनजीटी के आदेशों की वजह से नहीं हो पा रहा है.

स्मार्ट सिटी में 2905 करोड़ के काम होने हैं, लेकिन शिमला में कोर और ग्रीन एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगी है. ऐसे में अब अक्टूबर महीने में एनजीटी की सुनवाई पर नजर टिकी है. इसके अलावा राज्य सरकार ने एनजीटी के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. यदि कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आता है तो शहर में स्मार्ट सिटी के तहत विकासात्मक कार्य शुरू हो सकते हैं.

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केंद्र की मोदी सरकार से दो साल पहले ही शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया था. जिसमे बहुमंजिला भवन निर्माण सहित कई आधुनिक तकनीक से होने वाले विकास कार्य होने हैं. केंद्र सरकार से इसके लिए राशि भी मिल चुकी है, लेकिन शहर में ढाई मंजिल से उपर भवन बनाने पर रोक लगाई गई है. हालांकि कुछ कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरू कर भी दिए गए हैं, लेकिन कई बड़े काम नगर निगम शुरू नही कर पा रहा है.

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो बड़े विकासात्मक कार्य होने हैं उन्हें एनजीटी के आदेशों के चलते शुरू नहीं कर पाए हैं. सरकार को एनजीटी के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है.

Intro:शिमला शहर को स्मार्ट सिटी में शामिल किया गया है लेकिन नगर निगम दो साल बीत जाने के बाद भी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नही कर पा रहा है। एनजीटी के आदेशों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बाधा डाल दी है। एनजीटी के आदेशों के चलते स्मार्ट सिटी में कोई काम नही हो पा रहा है। स्मार्ट सिटी में 2905 करोड़ के काम होने है । लेकिन शिमला में कोर ओर ग्रीन एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगी है। जिसके चलते चाह कर भी काम शुरू नही हों पा रहा है। ऐसे में अब अक्टूबर माह में में एनजीटी की सुनवाई पर नजर टिकी है। राज्य सरकार ने एनजीटी के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी है। कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आता है तो ही शहर में स्मार्ट सिटी के तहत विकासात्मक कार्य शुरू हो सकते है।


Body:केंद्र की मोदी सरकार ने दो साल पहले ही शिमला को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया था जिसमे बहुमंजिला भवन निर्माण सहित कई आधुनिक तकनीक से होने वाले विकास कार्य होने है। प्केंद्र से इसके लिए राशि भी मिल चुकी है। लेकिन शहर में ढाई मंजिला भवन पर रोक लगाई गई है। नगर निगम ने हालांकि कुछ कार्य इस प्रोजेक्ट के तहत शुरू भी कर दिए है लेकिन जो बड़े कार्य होने है नगर निगम वो शुरू नही कर पा रहा है। ऐसे में नगर निगम को याब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद है।


Conclusion:नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो बड़े विकासात्मक कार्य होने है उन्हें एनजीटी के आदेशों के चलते शुरू नही किया जा पा रहे है। जिसके चलते कई कार्य लटक गए है। सरकार ने एनजीटी के आदेशों के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। और उम्मीद है जल्द राहत मिलेगी। कोर्ट से राहत मिलते ही शहर में स्मार्ट सिटी के तहत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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