शिमला: जिला शिमला के साथ लगती अश्वनी खड्ड के दूषित पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए आज शनिवार को जल प्रबंधन निगम (Shimla Jal Prabandhan Nigam) द्वारा सैंपल लिए गए. यह सैंपल शिमला से साधुपुल तक लिए गए. काफी समय से लोगों को गंदे पानी के कारण कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा (contaminated water of Ashwani Khad) है. शिमला की तरफ से बह रहे इस पानी के दूषित होने के कारण स्थानीय लोग अपने पशुओं को भी इस खड्ड का पानी नहीं पिला पा रहे और न ही खेतों में सिंचाई कर पा रहे हैं.
जांच के लिए पुणे भेजे जा रहे अश्वनी खड्ड के सैंपल: इस दौरान जल प्रबंधन निगम के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र गिल ने कहा कि अधिकारियों के साथ साधुपुल तक पानी के सेंपल लिए और इन सैंपल को पुणे जांच के लिए भेजा जा रहा (samples took Ashwani Khad water) है. काफी समय से लोगों की शिकायतें मिल रही थी. ऐसे में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए आज अश्वनी खड्ड के सैंपल ले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अश्वनी खड्ड का पानी काफी गंदा है हालांकि उन्होंने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से गंदगी न मिलने की बात कही है.
दूषित पानी से स्थानीय लोगों की बढ़ी परेशानी: वहीं ग्राम पंचायत कोट के उप प्रधान सोम मेहता का कहना है कि बार-बार दूषित हो रही अश्वनी खड्ड को अब प्लास्टिक की नदी और सीवरेज की नदी भी कहा जाने लगा है. पानी के दूषित होने से ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार इस ओर ध्यान दे और इस नदी कि सफाई करवाए. गंदा पानी होने के कारण क्षेत्र के लोगों को बिमारी होने का भी खतरा बढ़ गया है.
बता दें कि कुछ वर्ष से शिमला शहर पानी की सप्लाई को लेकर काफी चर्चा में रहा है. कभी पानी की कमी तो कभी पानी के सैंपल फेल होने के कारण पीलिया जैसी गंभीर बीमारी से सैकड़ों लोगों को शिकार होना पड़ा था. सोलन में भी पीलिया के मामले सामने आते रहे हैं. ऐसे में अब विभाग खास कर अश्वनी खड्ड के पानी की गुणवत्ता जांचने में जुट गया है.
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