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शिमला में SFI का धरना प्रदर्शन, मेरिट बेस्ड एंट्री को वापस लेने की मांग

एसएफआई एचपीयू यूनिट ने छात्र मांगों को लेकर डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया. एसएफआई ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय अपने इस फैसले को वापस नहीं लेता है तो आने वाले समय में 14 अक्टूबर के बाद एसएफआई सभी छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय के अधिकारियों की विश्वविद्यालय में एंट्री बंद करेगी.

शिमला में SFI का धरना प्रदर्शन
एसएफआई एचपीयू यूनिट
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Published : Oct 12, 2020, 6:34 PM IST

शिमला: एचपीयू की एसएफआई इकाई ने छात्र मांगों को लेकर डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया. धरने प्रदर्शन में छात्रों को संबोधित करते हुए रीना नेगी ने कहा कि विश्वविद्यालय मेरिट बेस्ड एंट्री से उन छात्रों को हायर एजुकेशन से दूर करने का प्रयास कर रहा है जो एकेडमिक फैसिलिटी ना होने के कारण कम मेरिट अर्जित करते हैं.

रीना नेगी ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय में प्रवेश का माध्यम मेरिट बेस्ड हुआ तो कई छात्र हायर एजुकेशन से दूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन पहले ही एंट्रेंस के नाम पर छात्रों से बहुत सा पैसा वसूल चुका है. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन एंट्रेंस नहीं करवाता है तो यह छात्रों के पैसों की लूट साबित होगी.

एसएफआई ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय अपने इस फैसले को वापस नहीं लेता है तो आने वाले समय में 14 अक्टूबर के बाद एसएफआई सभी छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय के अधिकारियों की विवि परिसर में एंट्री बंद करेगी. इसके साथ ही एसआफआई विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेगी.

इसके अलावा स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन जल्द यूजी प्रथम और द्वितीय सत्र के छात्रों को प्रोमोट करे. इसके साथ ही इस वर्ष ली जाने वाली सभी तरह की कंटिन्युएशन फीस में छात्रों को छूट दे ताकि छात्र अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से पूरा कर सके.

शिमला: एचपीयू की एसएफआई इकाई ने छात्र मांगों को लेकर डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया. धरने प्रदर्शन में छात्रों को संबोधित करते हुए रीना नेगी ने कहा कि विश्वविद्यालय मेरिट बेस्ड एंट्री से उन छात्रों को हायर एजुकेशन से दूर करने का प्रयास कर रहा है जो एकेडमिक फैसिलिटी ना होने के कारण कम मेरिट अर्जित करते हैं.

रीना नेगी ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय में प्रवेश का माध्यम मेरिट बेस्ड हुआ तो कई छात्र हायर एजुकेशन से दूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन पहले ही एंट्रेंस के नाम पर छात्रों से बहुत सा पैसा वसूल चुका है. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन एंट्रेंस नहीं करवाता है तो यह छात्रों के पैसों की लूट साबित होगी.

एसएफआई ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय अपने इस फैसले को वापस नहीं लेता है तो आने वाले समय में 14 अक्टूबर के बाद एसएफआई सभी छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय के अधिकारियों की विवि परिसर में एंट्री बंद करेगी. इसके साथ ही एसआफआई विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेगी.

इसके अलावा स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन जल्द यूजी प्रथम और द्वितीय सत्र के छात्रों को प्रोमोट करे. इसके साथ ही इस वर्ष ली जाने वाली सभी तरह की कंटिन्युएशन फीस में छात्रों को छूट दे ताकि छात्र अपनी पढ़ाई को सुचारू रूप से पूरा कर सके.

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