शिमला: कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन आदेशों के अनुसार प्रदेश सरकार ने तैयारियां भी लगभग पूरी कर ली है. विशेषज्ञों के अनुसार अक्टूबर महीने के शुरुआत में कोरोना संक्रमण की लहर आने की आशंका है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने तीसरी लहर लड़ने को लेकर तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. प्रदेश में जारी बंदिशों में ढील की संभावनाएं बहुत कम रह गई हैं और छात्रों के लिए फिलहाल स्कूल खुलने की उम्मीद भी बेहद कम है.
प्रदेश सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने 24 सितंबर तक छात्रों के लिए स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है. इसके बाद छात्रों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय प्रदेश कैबिनेट की बैठक में होगा, लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की बात करें तो अभी भी कोरोना संक्रमण के 1562 एक्टिव केस हैं पिछले कल जहां 93 लोग कोरोना पॉजिटिव आए.
वहीं, 140 लोग ठीक भी हुए हैं, लेकिन चिंता की बात यह है पिछले कई दिनों से एक्टिव मामलों की संख्या 1500 से नीचे नहीं आ पा रही है. ऐसे में तीसरी लहर की आशंका लगातार बनी हुई है. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त एडवाइजरी के बाद हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग भी प्रदेश सरकार को स्कूल नहीं खोलने की सलाह दे सकता है. हालांकि छात्रों के लिए स्कूल खोलने का अंतिम निर्णय 24 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में ही होगा.
हिमाचल में मौजूद है कोरोना संक्रमण का हर वेरिएंट: स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी के अनुसार हालांकि हिमाचल में लंबे समय से कोरोना संक्रमण के मामलों अब अधिक वृद्धि नहीं हो रही है और कई दिनों से एक्टिव केस 1500 के आसपास ही हैं लेकिन चिंताजनक बात यह है प्रदेश में हर प्रकार का वेरिएंट मौजूद हैं. वर्तमान में सबसे अधिक मामले डेल्टा वेरिएंट के सामने आ रहे हैं लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण का बी वन-3 के मामले भी सामने आ रहे हैं. इससे पहले प्रदेश में साउथ अफ्रीकन और डेल्टा प्लस वेरिएंट का मामला भी सामने आ चुका है. उन्होंने प्रदेशवासियों से अभी भी सावधानी अपनाने की सलाह दी है ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके.
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जल्द प्रदेश में 100 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन होगी उपलब्ध: प्रस्तावित सभी पीएसए संयंत्रों के शुरू होने के बाद प्रदेश में 100 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी, जबकि अनुमान के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए अधिकतम 65 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का लक्ष्य रखा गया था. स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि कुछ पीएसए संयंत्रों ने पहले से ही काम कर रहे है. इसके अलावा 11 अन्य पीएसएस संयंत्रों को तैयार कर दिया गया है. जिनमें से 6 का शुभारंभ इसी महीने कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित गए हैं. वहां पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन बेड तक पहुंचाने की पूरी सुविधा भी स्थापित की जा चुकी है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध हैं. इससे मरीजों को ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.
प्रदेश के अस्पतालों में 11 हजार बिस्तरों की व्यवस्था: अमिताभ अवस्थी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश के अस्पतालों में 11 हजार से अधिक बस्तरों की व्यवस्था कर दी गई है. इन सभी बिस्तरों तक मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई भी सुनिश्चित की गई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 880 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं. जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीसरी लहर के लिए तैयारी कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर अध्ययन के आधार पर की है.
प्रदेश में सभी व्यस्क लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव का पहला टीका लग गया है. उम्मीद है कि जल्द ही दूसरा टीका भी लग जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि ऐसे में तीसरी लहर से कोरोना संक्रमण के मरीज काफी कम संख्या में अस्पताल में दाखिल होंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का बच्चों पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है इसको देखते हुए विभाग ने 1400 स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी है.
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