शिमला: आईजीएमसी प्रबंधन भले ही मरीजों को सुविधा देने को लेकर खूब दावे करता हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. दरअसल आईजीएमसी में लाखों रुपये की लागत से स्थापित की गई सिटी स्कैन मशीन बुधवार को खराब हो गई, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
बता दें कि आईजीएमसी में एक ही सिटीस्कैन मशीन स्थापित की गई है, जिससे प्रदेश के सैकड़ों मरीज एक ही सिटीस्कैन मशीन के सहारे है और रोजाना 3500 के करीब मरीज आईजीएमसी में अपना उपचार करवाने आते हैं. ऐसे में 100 के लगभगमरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें डॉक्टर सिटीस्कैन के लिए लिखतेहैं और वो निजी लैब में अपना सिटी स्कैन नहीं करवा पाते हैं.
दरअसल मशीनों को ठीक करने के लिए प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ से मैकेनिक बुलाए गए थे, लेकिन गुरुवार तक मशीन ठीक नहीं हो पाई. मशीन ठीक न होने की वजह से कुछ मरीजों को डीडीयू अस्पताल भेजा गया, तो कई मरीजों ने निजी लैब में जाकर सिटीस्कैन करवाया.
आईजीएमसी में सिटी स्कैन1 हजार रुपये से कम होता था, लेकिन सिटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों को दोगुने रुपये खर्च करके निजी लैब में सिटी स्कैन करवाना पड़ा. आईजीएमसी में पहली बार मशीन खराब नहीं हुई है, बल्कि इससे पहले भी कई बार मशीन खराब हो चुकी है. आईजीएमसी में सिटी स्कैन करवाने के लिए मरीजों को डेट दी जाती है. गुरुवार को उन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिनको सिटी स्कैन के लिए तारीख दी गई थी.
वरिष्ठ चिकित्सकअधिकारी जनकराज ने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण मशीन खराब हो गई थी, जिससे सीटी स्कैन नहीं हो पाए हैं. उन्होंने बताया कि मशीन को ठीक करवाने के लिए मैकेनिक बुलाए गए हैं और जल्द ही मशीन को ठीक करवाया जाएगा, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.