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नगर निगम शिमला में ई-विधान लागू करना हुआ मुश्किल, HC ने MC को दिया झटका - नगर निगम दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दायर

देश की पहली ई-विधान प्रणाली लागू करने जा रही शिमला नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम को झटका लगा है.

Reconsideration petition in HC regarding Town Hall
शिमला देश की पहली ई-विधान
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Published : Jan 15, 2020, 7:14 PM IST

शिमलाः ई-विधान प्रणाली लागू करने जा रही शिमला नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम को झटका लगा है.

बता दें कि नगर निगम की मंशा ई-विधान के लिए ऐतिहासिक टाउन हॉल में ही हाईटेक सदन बनाने की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस ऐतिहासिक भवन में महापौर और उप महापौर के कार्यालय के अलावा कोई और गतिविधि न चलाने के आदेश जारी किए हैं.

हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब नगर निगम के लिए हाईटेक सदन बनाने को लेकर मुश्किलें खड़ी हो गई है. हालांकि अब नगर निगम दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर टाउनहाल में सदन बनाने की गुहार लगाएगी.

महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि नगर निगम इस मामले को लेकर कोर्ट में पुर्नयाचिका दायर करेगा और कोर्ट से यहां पर सदन बनाने की अनुमति मांगी जाएगी. महापौर ने कहा कि नगर निगम देश का पहला ई विधान प्रणाली लागू करने जा रहा है लेकिन हमारे पास अपना स्थाई सदन नहीं है.

सत्या कौंडल ने कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो दूसरे विकल्प पर विचार किया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें नगर निगम ने ई विधान प्रणाली लागू करने की कवायद शुरू कर दी थी, इसके लिए वकायदा पार्षदों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है. मार्च अंत तक मार्च तक नगर निगम को ई विधान से जोड़ने का लक्ष्य भी रखा गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. नगर निगम शिमला ई-विधान से जुड़ने वाला देशभर का पहला नगर निगम बनने जा रहा था.

ये भी पढ़ेः ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के लिए MOU निर्धारित करने के निर्देश, निवेश को जमीन पर उतारने का लक्ष्य

शिमलाः ई-विधान प्रणाली लागू करने जा रही शिमला नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम को झटका लगा है.

बता दें कि नगर निगम की मंशा ई-विधान के लिए ऐतिहासिक टाउन हॉल में ही हाईटेक सदन बनाने की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस ऐतिहासिक भवन में महापौर और उप महापौर के कार्यालय के अलावा कोई और गतिविधि न चलाने के आदेश जारी किए हैं.

हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब नगर निगम के लिए हाईटेक सदन बनाने को लेकर मुश्किलें खड़ी हो गई है. हालांकि अब नगर निगम दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर टाउनहाल में सदन बनाने की गुहार लगाएगी.

महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि नगर निगम इस मामले को लेकर कोर्ट में पुर्नयाचिका दायर करेगा और कोर्ट से यहां पर सदन बनाने की अनुमति मांगी जाएगी. महापौर ने कहा कि नगर निगम देश का पहला ई विधान प्रणाली लागू करने जा रहा है लेकिन हमारे पास अपना स्थाई सदन नहीं है.

सत्या कौंडल ने कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो दूसरे विकल्प पर विचार किया जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें नगर निगम ने ई विधान प्रणाली लागू करने की कवायद शुरू कर दी थी, इसके लिए वकायदा पार्षदों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है. मार्च अंत तक मार्च तक नगर निगम को ई विधान से जोड़ने का लक्ष्य भी रखा गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. नगर निगम शिमला ई-विधान से जुड़ने वाला देशभर का पहला नगर निगम बनने जा रहा था.

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Intro:देश की पहली ई विधान प्रणाली लागू करने जा रही शिमला नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। ई विधान के लिए नगर निगम ऐतिहासिक टाउनहाल में ही हाईटेक सदन बनाने जा रहा था लेकिन हाईकोर्ट ने इस ऐतिहासिक भवन में महापौर ओर उप महापौर के कार्यालय के अलावा और कोई गतिविधि न चलाने के आदेश जारी किए थे। निगम द्वारा इस भवन में ही सदन के अलावा काउंसलर रूम बनाने का आग्रह किया था लेकिन कोर्ट द्वारा यहां कोई अन्य गतिविधियों को न करने को कहा है। वही कोर्ट के आदेशों के बाद अब नगर निगम के लिए हाईटेक सदन बनाने को लेकर मुश्किलें खड़ी हो गई हों।


Body:हालांकि अब नगर निगम दोबारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर टाउनहाल में सदन बनाने की अनुमति मांगेगा। इस मामले को लेकर नगर निगम की महापौर ओर आयुक्त सरकार के समक्ष भी उठाने जा रहा है। नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि नगर निगम इस मामले को लेकर कोर्ट में पुनरयाचिका दायर करेगा और कोर्ट से यहां पर सदन बनाने की अनुमति मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम देश का पहला ई विधान प्रणाली लागू करने जा रहा है लेकिन नगर निगम के पास अपना स्थाई सदन नही है और निगम टाउनहाल में ही सदन बनाने जा रहा था लेकिन कोर्ट ने ऐसा न करने का आदेश दिया है। निगम कोर्ट में दोबारा जाएगा ओर उम्मीद है कि उन्हें कोर्ट से राहत मिलेगी । उन्होंने कहा यदि राहत नही मिलती है तो निगम और विकल्प तलाश करेगा जहा ये सदन बनाया जाए।


Conclusion:बता दे नगर निगम ने ई विधान प्रणाली लागू करने की कवायद शुरू कर दी है। पार्षदो को इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण भी दे दिया गया है और हाईटेक सदन बनाने के लिए भी निगम कार्य शुरू करने जा रहा था ओर मार्च तक निगम को ई विधान से जोड़ने का लक्ष्य भी रखा गया था। लेकिन हाई कोर्ट ने नगर निगम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और
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