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अनुसूचित जाति वर्ग के लिए अधिकार देने का मात्र दिखावा कर रही हैं सरकारें: अनुसूचित जाति महासंघ - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

अनुसूचित जाति महासंघ के सलाहकार प्रेम सिंघ धरेक ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति के लिए जिन आर्थिक अधिकारों का प्रावधान किया गया है. उन्हें सरकार सही तरीके से लागू नहीं कर रही है. जिससे आर्थिक अधिकारों का शोषण हो रहा है. प्रेम सिंघ धरेक ने कहा कि सरकार वास्तविकता में कोई काम नहीं कर रही है. जिससे अनुसूचित जाति के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

Press Conference of Scheduled Caste Federation in Shimla
फोटो.
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Published : Oct 11, 2021, 3:17 PM IST

शिमला: अनुसूचित जाति वर्ग को शैक्षणिक, आर्थिक सामाजिक, अधिकार व न्याय दिलाने के लिए लगातार आवाज बुलंद कर रही है, लेकिन सरकारें खुले मन से संवेदनशीलता नहीं दिखा रही हैं. सरकारें अधिकार देने का मात्र दिखावा कर रही हैं. ऐसे में संविधान के प्रावधानों का खुल्लम-खुल्ला अतिक्रमण व अनादर हो रहा है. यह आरोप अनुसूचित जाति महासंघ ने सरकार पर लगाया है.

अनुसूचित जाति महासंघ के सलाहकार प्रेम सिंघ धरेक ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति के लिए जिन आर्थिक अधिकारों का प्रावधान किया गया है. उन्हें सरकार सही तरीके से लागू नहीं कर रही है. जिससे आर्थिक अधिकारों का शोषण हो रहा है.

प्रदेश में 25 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या अनुसूचित जाति वर्ग की है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लिए उप योजना बनाई जाती है. उसका भी लाभ नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि वह मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और अपने अधिकारों को सही तरीके से लागू करने की मांग उठाएंगे.

वीडियो.

प्रेम सिंघ धरेक ने कहा कि सरकार वास्तविकता में कोई काम नहीं कर रही है. जिससे अनुसूचित जाति के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. उनका कहना था कि सरकार सिर्फ आंकड़े दिखाती है कि इतना काम अनुसूचित जाति के लिए किया है, लेकिन जिसको ये लाभ मिलना चाहिए उन तक यह लाभ नही पहुंच पा रहा है.

ये भी पढ़ें- जतोग में सड़क पर घूम रहा था तेंदुआ...लोगों में खौफ का माहौल

शिमला: अनुसूचित जाति वर्ग को शैक्षणिक, आर्थिक सामाजिक, अधिकार व न्याय दिलाने के लिए लगातार आवाज बुलंद कर रही है, लेकिन सरकारें खुले मन से संवेदनशीलता नहीं दिखा रही हैं. सरकारें अधिकार देने का मात्र दिखावा कर रही हैं. ऐसे में संविधान के प्रावधानों का खुल्लम-खुल्ला अतिक्रमण व अनादर हो रहा है. यह आरोप अनुसूचित जाति महासंघ ने सरकार पर लगाया है.

अनुसूचित जाति महासंघ के सलाहकार प्रेम सिंघ धरेक ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति के लिए जिन आर्थिक अधिकारों का प्रावधान किया गया है. उन्हें सरकार सही तरीके से लागू नहीं कर रही है. जिससे आर्थिक अधिकारों का शोषण हो रहा है.

प्रदेश में 25 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या अनुसूचित जाति वर्ग की है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लिए उप योजना बनाई जाती है. उसका भी लाभ नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि वह मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और अपने अधिकारों को सही तरीके से लागू करने की मांग उठाएंगे.

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प्रेम सिंघ धरेक ने कहा कि सरकार वास्तविकता में कोई काम नहीं कर रही है. जिससे अनुसूचित जाति के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. उनका कहना था कि सरकार सिर्फ आंकड़े दिखाती है कि इतना काम अनुसूचित जाति के लिए किया है, लेकिन जिसको ये लाभ मिलना चाहिए उन तक यह लाभ नही पहुंच पा रहा है.

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