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राष्ट्रपति कोविंद के स्वागत को तैयार रिट्रीट, कभी शिमला आने पर मन में रह गयी थी इसे देखने की टीस - President Sarvepalli Radhakrishnan

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 17 सितंबर को विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति 16 सितंबर को पहाड़ों की रानी शिमला पहुंच जाएंगे. कोविंद के स्वागत के लिए छराबड़ा में स्थित राष्ट्रपति निवास तैयार है. साल 2017 में शिमला आने के दौरान उन्हें राष्ट्रपति निवास रिट्रीट देखने की टीस उनके मन में रह गई थी.

राष्ट्रपति कोविंद
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Published : Sep 4, 2021, 8:27 PM IST

Updated : Sep 4, 2021, 9:03 PM IST

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला में भी एक राष्ट्रपति निवास है. शताब्दी से भी पुराने इस भवन में देश के राष्ट्रपति अपने शिमला प्रवास के दौरान रुकते हैं. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस महीने दूसरे पखवाड़े में शिमला दौरे पर आ रहे हैं. वे यहां हिमाचल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. उनके स्वागत के लिए शिमला के समीप छराबड़ा में राष्ट्रपति निवास रिट्रीट को सजाया जा रहा है. रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बनने के बाद दूसरी दफा यहां आ रहे हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और शिमला के छराबड़ा स्थित राष्ट्रपति निवास रिट्रीट को लेकर एक बहुत ही दिलचस्प किस्सा है.

दरअसल, बिहार के राज्यपाल के पद पर रहते हुए रामनाथ कोविंद एक बार शिमला आए थे. यहां आकर उन्होंने रिट्रीट देखने की इच्छा जताई, लेकिन उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं मिली. इसे अजब संयोग कहेंगे कि कुछ ही समय बाद वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे. देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने के बाद वे शिमला आए और रिट्रीट में रुके. वर्ष 2017 मई महीने में रामनाथ कोविंद शिमला आए थे. उस समय उन्होंने राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास रिट्रीट को देखने की इच्छा जताई थी. इसके लिए राष्ट्रपति भवन दिल्ली से अनुमति मिलना जरूरी था.

राष्ट्रपति बनने के बाद वे मई 2018 में पहली बार बतौर देश के संवैधानिक प्रमुख के रूप में शिमला स्थित रिट्रीट आए. अब वे दूसरी बार शिमला आ रहे हैं. पिछली बार शिमला प्रवास के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने अपने व्यवहार से आम जनता का दिल जीता था. उन्होंने अपने काफिले की गाड़ियों की संख्या 17 से घटाकर 4 कर दी थी. उन्होंने रिज स्थित हिमाचल पर्यटन निगम के आशियाना रेस्तरां में जलपान किया और बिल भी खुद अदा किया था.

राष्ट्रपति कोविंद जिस इमारत में रुकेंगे, वो 171 साल पुरानी है. ये इमारत पारंपरिक पहाड़ी शैली में लकड़ी व मिट्टी से बनी है. ऐसा निर्माण बेहद मजबूत होता है और भूकंपरोधी भी. देश की राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन के भव्य और विशाल राष्ट्रपति भवन के मुकाबले यहां के निर्माण में सादगी है. रिट्रीट के आसपास प्राकृतिक वातावरण है. यहां राष्ट्रपति निवास के साथ बागीचा भी है, जिसमें सेब की विदेशी किस्मों के पौधे हैं. साथ ही सुंदर फूलों की बगिया भी है. बगिया की देखभाल के लिए निरंतर माली तैनात रहते हैं. रिट्रीट के समीप ही कल्याणी हेलीपैड है. यहां केवल राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर ही उतरता है. कल्याणी हेलीपैड से राष्ट्रपति अपने काफिले के साथ रिट्रीट पहुंचते हैं.

गर्मियों में राष्ट्रपति कार्यालय दिल्ली से शिमला के लिए स्थानांतरित हो जाता है. राष्ट्रपति के रिट्रीट प्रवास के दौरान यदि कोई बेहद जरूरी फाइल हो तो वो भी यहीं पर साइन होती है. राष्ट्रपति के साथ उनके कार्यालय के महत्वपूर्ण अधिकारी भी आते हैं. आजादी से पहले भी शिमला देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी था. यहां ब्रिटिश वायसराय वाइसरीगल लॉज में रहते थे. आजादी के बाद वाइसरीगल लॉज राष्ट्रपति निवास बना.

देश के तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने वाइसरीगल लॉज यानी आजादी के बाद के राष्ट्रपति निवास को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में तब्दील कर दिया. उसके बाद राष्ट्रपति निवास मशोबरा के रिट्रीट में शिफ्ट किया गया. यह वर्ष 1964 की बात है. ये ईमारत 1840 में बनी थी और 1895 में इसे ब्रिटिश वायसराय ने अपने अधीन लिया था. वैसे मूल रूप से ये इमारत कोटी रियासत की थी. रियासत ने इसे स्थाई तौर पर ब्रिटिश सरकार को लीज पर दिया था. इमारत में 16 कमरे हैं.

उल्लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी भी रिट्रीट में रुकना पसंद करते थे. वर्ष 2016 में जब प्रणब मुखर्जी शिमला आए थे तो 5 दिन तक राष्ट्रपति कार्यालय दिल्ली के रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन के बजाय रिट्रीट से चला था. रामनाथ कोविंद दूसरी बार शिमला आ रहे हैं और उनके स्वागत के लिए रिट्रीट को सजाया जा रहा है.

हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह और डीजीपी संजय कुंडू के अनुसार राष्ट्रपति के प्रवास को देखते हुए सारी तैयारियों की समीक्षा की जा रही है. फिलहाल यह जानना भी दिलचस्प है कि रामनाथ कोविंद से पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी हिमाचल के विधानसभा सत्र को संबोधित कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें :डगशाई जेल में कैदियों पर हुई थी जुल्मों-सितम की इंतहा, गांधी जी ने भी यहां गुजारे थे दो दिन

शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला में भी एक राष्ट्रपति निवास है. शताब्दी से भी पुराने इस भवन में देश के राष्ट्रपति अपने शिमला प्रवास के दौरान रुकते हैं. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस महीने दूसरे पखवाड़े में शिमला दौरे पर आ रहे हैं. वे यहां हिमाचल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. उनके स्वागत के लिए शिमला के समीप छराबड़ा में राष्ट्रपति निवास रिट्रीट को सजाया जा रहा है. रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बनने के बाद दूसरी दफा यहां आ रहे हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और शिमला के छराबड़ा स्थित राष्ट्रपति निवास रिट्रीट को लेकर एक बहुत ही दिलचस्प किस्सा है.

दरअसल, बिहार के राज्यपाल के पद पर रहते हुए रामनाथ कोविंद एक बार शिमला आए थे. यहां आकर उन्होंने रिट्रीट देखने की इच्छा जताई, लेकिन उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं मिली. इसे अजब संयोग कहेंगे कि कुछ ही समय बाद वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे. देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने के बाद वे शिमला आए और रिट्रीट में रुके. वर्ष 2017 मई महीने में रामनाथ कोविंद शिमला आए थे. उस समय उन्होंने राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास रिट्रीट को देखने की इच्छा जताई थी. इसके लिए राष्ट्रपति भवन दिल्ली से अनुमति मिलना जरूरी था.

राष्ट्रपति बनने के बाद वे मई 2018 में पहली बार बतौर देश के संवैधानिक प्रमुख के रूप में शिमला स्थित रिट्रीट आए. अब वे दूसरी बार शिमला आ रहे हैं. पिछली बार शिमला प्रवास के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने अपने व्यवहार से आम जनता का दिल जीता था. उन्होंने अपने काफिले की गाड़ियों की संख्या 17 से घटाकर 4 कर दी थी. उन्होंने रिज स्थित हिमाचल पर्यटन निगम के आशियाना रेस्तरां में जलपान किया और बिल भी खुद अदा किया था.

राष्ट्रपति कोविंद जिस इमारत में रुकेंगे, वो 171 साल पुरानी है. ये इमारत पारंपरिक पहाड़ी शैली में लकड़ी व मिट्टी से बनी है. ऐसा निर्माण बेहद मजबूत होता है और भूकंपरोधी भी. देश की राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन के भव्य और विशाल राष्ट्रपति भवन के मुकाबले यहां के निर्माण में सादगी है. रिट्रीट के आसपास प्राकृतिक वातावरण है. यहां राष्ट्रपति निवास के साथ बागीचा भी है, जिसमें सेब की विदेशी किस्मों के पौधे हैं. साथ ही सुंदर फूलों की बगिया भी है. बगिया की देखभाल के लिए निरंतर माली तैनात रहते हैं. रिट्रीट के समीप ही कल्याणी हेलीपैड है. यहां केवल राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर ही उतरता है. कल्याणी हेलीपैड से राष्ट्रपति अपने काफिले के साथ रिट्रीट पहुंचते हैं.

गर्मियों में राष्ट्रपति कार्यालय दिल्ली से शिमला के लिए स्थानांतरित हो जाता है. राष्ट्रपति के रिट्रीट प्रवास के दौरान यदि कोई बेहद जरूरी फाइल हो तो वो भी यहीं पर साइन होती है. राष्ट्रपति के साथ उनके कार्यालय के महत्वपूर्ण अधिकारी भी आते हैं. आजादी से पहले भी शिमला देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी था. यहां ब्रिटिश वायसराय वाइसरीगल लॉज में रहते थे. आजादी के बाद वाइसरीगल लॉज राष्ट्रपति निवास बना.

देश के तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने वाइसरीगल लॉज यानी आजादी के बाद के राष्ट्रपति निवास को भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में तब्दील कर दिया. उसके बाद राष्ट्रपति निवास मशोबरा के रिट्रीट में शिफ्ट किया गया. यह वर्ष 1964 की बात है. ये ईमारत 1840 में बनी थी और 1895 में इसे ब्रिटिश वायसराय ने अपने अधीन लिया था. वैसे मूल रूप से ये इमारत कोटी रियासत की थी. रियासत ने इसे स्थाई तौर पर ब्रिटिश सरकार को लीज पर दिया था. इमारत में 16 कमरे हैं.

उल्लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी भी रिट्रीट में रुकना पसंद करते थे. वर्ष 2016 में जब प्रणब मुखर्जी शिमला आए थे तो 5 दिन तक राष्ट्रपति कार्यालय दिल्ली के रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन के बजाय रिट्रीट से चला था. रामनाथ कोविंद दूसरी बार शिमला आ रहे हैं और उनके स्वागत के लिए रिट्रीट को सजाया जा रहा है.

हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह और डीजीपी संजय कुंडू के अनुसार राष्ट्रपति के प्रवास को देखते हुए सारी तैयारियों की समीक्षा की जा रही है. फिलहाल यह जानना भी दिलचस्प है कि रामनाथ कोविंद से पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी हिमाचल के विधानसभा सत्र को संबोधित कर चुके हैं.

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Last Updated : Sep 4, 2021, 9:03 PM IST
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