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Natural Farming Seminar: 16 दिसंबर को पीएम मोदी का किसानों के नाम संबोधन, हिमाचल के 72 हजार किसान लेंगे भाग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार 16 दिसंबर को किसानों को संबोधित करेंगे. प्राकृतिक खेती पर केंद्रित इस आयोजन में हिमाचल के भी 72 हजार किसान वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से साढ़े तीन साल पहले प्रदेश में पद्म श्री सुभाष पालेकर द्वारा प्रतिपादित सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को (Subhash Palekar Natural Farming Method) शुरू किया गया था, जिसे अब देशभर में अपनाए जाने की तैयारी है.

Natural Farming Seminar
प्राकृतिक खेती सेमिनार
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Published : Dec 13, 2021, 5:39 PM IST

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को (Subhash Palekar Natural Farming Method) देशभर में लागू करने की घोषणा की गई थी और अब प्रधानमंत्री 16 दिसंबर को (PM Modi address farmers 16th December) प्राकृतिक खेती पर प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट (Pre-Vibrant Gujarat Summit) के अंतिम दिन किसानों के नाम संबोधन करेंगे. 14 से 16 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती पर (Natural Farming Seminar on 16th December) विस्तृत विमर्श किया जाएगा. जिसमें सरकारी तौर पर आंध्र प्रदेश के बाद हिमाचल में शुरू होने वाली प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को संबोधन करेंगे.

प्रधानमंत्री का संबोधन 16 दिसंबर को 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगा. हिमाचल प्रदेश के 72 हजार किसान वर्चुअल तरीके से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे. जिसके लिए परियोजना की राज्य कार्यान्वयन इकाई ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनने के लिए योजना की इकाई की ओर से टीम के साथ मिलकर हर पंचायत में तैयारियां की गई हैं. प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के कार्यान्वयन पर भी प्रस्तुतिकरण होगा.

राज्य सरकार की योजना प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेलबेस्ट प्रैक्टिसेज ऑफ नेचुरल फार्मिंग विषय पर प्रस्तुति देंगे. दोपहर 2 बजे से 3.15 तक चलने वाले इस सत्र में प्रो. चंदेल प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी देंगे. योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल का कहना है कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है.

उन्होंने बताया कि इस खेती विधि से प्रदेश में अभी तक 1,64,756 किसान-बागवानों को प्रशिक्षित किया गया है. जिनमें से 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हैक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस विधि को खेती-बागवानी में अपनाया. उन्होंने कहा कि प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट जैसे बड़े कार्यक्रम में हिमाचल को मंच मिलना हम सबके लिए हर्ष का विषय है. इस कार्यक्रम में प्रस्तुतिकरण के दौरान हिमाचल में प्राकृतिक खेती की कार्ययोजना और भविष्य की तैयारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें :पिता ने खोला गाड़ी का दरवाजा, दादा ने किया सैल्यूट, लेफ्टिनेंट सुमित राणा का गांव पहुंचने पर भव्य स्वागत

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को (Subhash Palekar Natural Farming Method) देशभर में लागू करने की घोषणा की गई थी और अब प्रधानमंत्री 16 दिसंबर को (PM Modi address farmers 16th December) प्राकृतिक खेती पर प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट (Pre-Vibrant Gujarat Summit) के अंतिम दिन किसानों के नाम संबोधन करेंगे. 14 से 16 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती पर (Natural Farming Seminar on 16th December) विस्तृत विमर्श किया जाएगा. जिसमें सरकारी तौर पर आंध्र प्रदेश के बाद हिमाचल में शुरू होने वाली प्राकृतिक खेती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को संबोधन करेंगे.

प्रधानमंत्री का संबोधन 16 दिसंबर को 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होगा. हिमाचल प्रदेश के 72 हजार किसान वर्चुअल तरीके से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे. जिसके लिए परियोजना की राज्य कार्यान्वयन इकाई ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनने के लिए योजना की इकाई की ओर से टीम के साथ मिलकर हर पंचायत में तैयारियां की गई हैं. प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के कार्यान्वयन पर भी प्रस्तुतिकरण होगा.

राज्य सरकार की योजना प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेलबेस्ट प्रैक्टिसेज ऑफ नेचुरल फार्मिंग विषय पर प्रस्तुति देंगे. दोपहर 2 बजे से 3.15 तक चलने वाले इस सत्र में प्रो. चंदेल प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी देंगे. योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल का कहना है कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है.

उन्होंने बताया कि इस खेती विधि से प्रदेश में अभी तक 1,64,756 किसान-बागवानों को प्रशिक्षित किया गया है. जिनमें से 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हैक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस विधि को खेती-बागवानी में अपनाया. उन्होंने कहा कि प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट जैसे बड़े कार्यक्रम में हिमाचल को मंच मिलना हम सबके लिए हर्ष का विषय है. इस कार्यक्रम में प्रस्तुतिकरण के दौरान हिमाचल में प्राकृतिक खेती की कार्ययोजना और भविष्य की तैयारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी.

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