शिमला: त्योहारों के सीजन के चलते बाजारों में एक बार फिर रौनक बढ़ गई है. कपड़े, गहने और बर्तनों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है. करीब दो साल तक बाजार में मंदी रहने के कारण कारोबारियों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी, लेकिन अब उम्मीद लगाई जा रही है कि त्योहारों के इस सीजन में बड़ी संख्या में ग्राहक खरीदारी करेंगे. हालांकि, कीमतें बढ़ने के कारण कारोबार पर असर जरूर हुआ है.
पिछले कुछ दिनों से कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने के कारण मार्केट पर इसका असर जरूर पड़ा है. लोग खरीदारी करने के लिए बाजारों में निकल रहे हैं. दुकानदारों द्वारा भी तरह तरह की स्कीमों को लेकर दुकानों को बाहर पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं. भीड़ देखकर दुकानदारों के भी चेहरे खिलने लगे हैं. शिमला, सोलन, मंडी में ऑटो मार्केट बूम पर है. सेब सीजन के बाद बागवानों में नई गाड़ी खरीदने की होड़ रहती है. परिवहन निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार दिवाली तक 17 हजार नई गाड़ियों का पंजीकरण हो गया है. शिमला, सोलन, मंडी, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर में सर्राफा मार्केट के कारोबारी खुश हैं.
शहर के प्रसिद्ध लोअर बाजार में त्योहारों का सीजन आते ही रौनक बढ़ गई है. पिछले कुछ दिनों से बाजार में बड़ी संख्या में लोग खरीदारी कर रहे हैं. दशहरे के बाद अब धनतेरस और फिर दिवाली के चलते लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजाने में जुटे हुए हैं और समान से भर रहे हैं और ग्राहकों को रिझाने के लिए तरह-तरह की स्कीमें समान पर दे रहे हैं. ब्रांडेड कंपनियां भी जगह-जगह बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर लोगों को अपनी स्कीमों के बारे में आकर्षित कर रही हैं. कैशबैक जैसी स्कीमें देकर ग्राहकों को आकर्षित कर रही हैं.
शादियों के मुहूर्त के चलते बाजार खुलने का इंतजार कर रहे लोग सबसे पहले दूल्हा व दुल्हन के श्रृंगार की सामग्री खरीदने भी पहुंचे. कई शादी सामान की दुकानों में युवाओं को खरीदी करते हुए देखा गया. लोग बाजार में विवाह सामग्री खरीदी करते हुए दिखे. कपड़े, जेवर सहित अन्य कई दुकानों में भीड़ दिखी. दुकानदार अपनी दुकानों को सजा रहे हैं.
लोअर बाजार में कपड़े के व्यापारी और ब्यूटी पैलेस के मालिक ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण काम बिल्कुल मंदा था, लेकिन इस बार धंधा अच्छा होने की पूरी उम्मीद है. त्योहारों के सीजन के चलते बड़ी संख्या में ग्राहक बाजार का रुख करे रहे हैं. बढ़ती कीमतों पर चिंता जताते हुए कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी का असर जरूर दिख रहा है, लेकिन कुल मिलाकर कारोबार अच्छा चला है लोग खरीदारी कर रहे हैं.
लोअर बाजार में स्थित एक गिफ्ट स्टोर के मालिक से कहा कि दिवाली को देखते हुए उन्होंने अपनी दुकान में समान का पूरा स्टाफ किया हुआ है. उन्हें उम्मीद है कि इस बार ग्राहक जमकर खरीदारी करेंगे. पिछले कुछ दिन अच्छे गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले कोरोना संक्रमण और फिर बढ़ती कीमतों के कारण व्यापार पर बुरा असर पड़ा है. लोग केवल रोजी-रोटी तक ही सीमित हो गए थे, लेकिन अब धीरे-धीरे अन्य सामानों की तरफ भी ग्राहकों का रुख बढ़ा है. त्योहारों के चलते लोग एक-दूसरे को देने के लिए गिफ्ट भी खरीद रहे हैं. ऐसे में पिछले कुछ दिनों से बिक्री भी बढ़ी है.
धनतेरस और दिवाली के चलते सोना कारोबारियों को भी अच्छी आमदनी की उम्मीद है. लोअर बाजार में सोना कारोबारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण में लोगों के रोजगार पर बुरा असर पड़ा है. आमदनी घटने के कारण लोग खर्च सीमित कर देते हैं. जिसके कारण सोना-चांदी या अन्य सामान पर निवेश कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि इस बार सोने की बिस्कुट की मांग में गिरावट आई है, लेकिन कुछ दिनों से ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
इस बार ट्रेंड में थोड़ा बदलाव देखा जा रहा है. लोग छोटे गहनों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं. इस कारण उन्होंने हल्के वजन के गहने ही थोक बाजार से खरीदे हैं तो उन्हें पूरी उम्मीद है इस बार दीपावली पर लोगों द्वारा अच्छी खरीदारी की जाएगी कारोबार अच्छा रहेगा. लोगों का भी कहना था पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण त्योहार फीके रहे परंतु इस बार दीपावली अच्छे से मनाएंगे. बच्चे भी उत्सुक हैं दिवाली को लेकर और तरह-तरह की खरीदारी कर रहे हैं.
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लोअर बाजार के स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि जैसे ही त्योहारों का सीजन आता है पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में चलते-फिरते दुकानदार शिमला पहुंच जाते हैं. ये प्रवासी लोग जहां भी जगह मिलती है अपनी दुकानें सजा देते हैं और लोगों को घटिया सामान सस्ते दामों पर बेचकर 10-15 दिनों बार बाजार से गायब हो जाते हैं.
स्थानीय दुकानदारों ने प्रशासन से इस प्रकार के चलते फिरते दुकानदारों पर कार्रवाई करने की अपील की है. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि झोलाछाप दुकानदारों से ना तो प्रदेश सरकार को आय होती है और ना ही स्थानीय लोगों को अच्छा सामान मिल पाता है. ऐसे में इन पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए या फिर इनको किसी व्यवस्था के तहत लाकर लाइसेंस बनाकर अनुमति प्रदान की जाए.